- Health ID) का डाटा पूरी तरह सुरक्षित रखने के लिए OTP का इस्तेमाल किया जाएगा।
- आधार और बिना आधार डिटेल के हेल्थ आईडी जेनरेट करने का विकल्प मिलेगा।
- 14 अंकों वाली हेल्थ आईडी में व्यक्ति की हेल्थ की सारी जानकारियां मौजूद रहेंगी।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM)को लांच कर दिया है। मिशन का उद्देश्य देशभर में स्वास्थ्य सेवाओं के इंफ्रास्ट्रक्चर को डिजिटल बनाना है। इसके तहत हर भारतीय नागरिक की एक यूनीक Health ID बनेगी। इसका फायदा यह होगा कि अगर आप देश के किसी भी कोने में इलाज के लिए जाएंगे तो आपको कोई पुराना हेल्थ रिकॉर्ड (डॉक्टर की पर्ची, जांच रिपोर्ट आदि) ले जाने की जानकारी नहीं पड़ेगी। आपकी सारी जानकारी हेल्थ आईडी में मौजूद होगी। इसके अलावा आयुष्मान डिजिटल मिशन के तहत डॉक्टर, केमिस्ट, लैब आदि के भी रिकॉर्ड, डिजिटल रुप में उपलब्ध होंगे। जिससे देश में हेल्थ सर्विसेज का पूरा डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो सकेगा।
क्या है हेल्थ आईडी
14 अंकों वाली इस हेल्थ आईडी में किसी व्यक्ति की हेल्थ की सारी जानकारियां मौजूद रहेंगी। ऐसे में उसे दूसरे राज्य या शहर में जाने पर भी, मेडिकल रिपोर्ट्स साथ ले जाने की जरूरत नहीं रह जाएगी। बस मरीज को अस्पताल या डॉक्टर को अपने हेल्थ आईडी के 14 नंबर बताने होंगे। इसके बाद हेल्थ संबंधी सारी जानकारी डॉक्टर को मिल जाएगी। हेल्थ आईडी में पूरी मेडिकल हिस्ट्री पहले से मौजूद होगी। इसका फायदा यह होगा कि एक बार हेल्थ आईडी बनने के बाद , हेल्थ संबंधी डॉक्यूमेंट्स को सहेज कर रखने की जरूरत नहीं रह जाएगी। सारी जानकारी डिजिटल रुप में उपलब्ध होगी। हालांकि हेल्थ आईडी बनवाना अनिवार्य नहीं होगा।
कैसे बनेगी हेल्थ आईडी
मोदी सरकार आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत हेल्थ आईडी बनाएगी। इसके तहत यूपीआई (यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस) की तरह एक यूएचआई (यूनीफाइड हेल्थ इंटरफेस) होगा। इसे आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से बनवा सकेंगे। ऑनलाइन बनवाने के लिए इस लिंक पर https://healthid.ndhm.gov.in/register रजिस्ट्रेशन कराना होगा। यहां पर आपको आधार और बिना आधार के हेल्थ आईडी जेनरेट करने का विकल्प मिलेगा। इसके अलावा जो लोग ऑफलाइन हेल्थ आईडी बनाना चाहते हैं, वह कॉमन सर्विस सेंटर और सरकार द्वारा तय की गई एजेंसियों से भी बनवा सकेंगे।
पुराने रिकॉर्ड को खुद अपडेट करना होगा
हेल्थ आईडी बनने के बाद पुरानी रिपोर्ट्स को स्कैन करके अपलोड करनी होंगी। लेकिन आगे की सभी रिपोर्ट्स, आईडी बनने के बाद ऑटोमेटिक अपलोड होती रहेंगी। हेल्थ आईडी (Health ID) का डाटा पूरी तरह सुरक्षित रखने के लिए ओटीपी (OTP)का इस्तेमाल किया जाएगा। ऐसे में जब भी आप किसी डॉक्टर, केमिस्ट, लैब या किसी और को अपना डाटा एक्सेस करने की अनुमति देंगे, तो इसके लिए आपके रजिस्टर्ड नंबर पर ओटीपी आएगा। जब आप ओटीपी शेयर करेंगे, तभी आपके रिकॉर्ड को एक्सेस किया जा सकेगा। दोबारा एक्सेस के लिए फिर से ओटीपी की जरूरत होगी। इसलिए डाटा पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा। जिस बात का भरोसा खुद प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मिशन लांच के दौरान दिया है।
कौन-कौन सी जानकारियां होंगी अपडेट
आपके मेडिकल रिकॉर्ड से जुड़ी सभी अहम जानकारी हेल्थ आईडी में दर्ज होगी। जिसमें मेडिकल रिपोर्ट, डॉक्टर की पर्ची, कौन सी दवां आप खा रहे हैं, पिछली बार किस दवा का आप पर क्या असर हुआ था। दवा बदली गई या नहीं अगर बदली गई तो क्यों, आदि सभी तरह की जानकारी आईडी में मौजूद रहेगी। इसका फायदा इलाज के दौरान मिलेगा।