- शिशु के नहाने के पानी में तेल डालें।
- ठंड में हीटर के नजदीक शिशु को न रखें
- रोज साबुन से न नहलाएं, पोंछ कर काम चलाएं।
नई दिल्ली. ठंड में हर किसी कि स्किन में खिंचाव और रुखापन आने लगता है। बड़े तो अपनी स्किन कि दिक्कत को समझ लेते हैं, लेकिन नवजात शिशु इस समस्या को बता नहीं पाते। इसलिए मां को ठंड के मौसम में शिशुओं की त्वचा का विशेष घ्यान देना होगा।
यदि स्किन ज्यादा रुखी हो जाती है तो उसमें क्रैक भी पड़ते हैं और खून भी आ सकता है। इतना ही नहीं कई बार बच्चे अपने स्किन की खुश्की के कारण भी चिढ-चिढ़े होते हैं क्योंकि वो इन्हें तकलीफ दे रही होती है। तो ऐसे में नई मां को यह जाना जरूरी है कि वे ठंड में शिशुओं के स्किन की सुरक्षा कैसे करें।
ठंड में शिशुओं की त्वचा का ऐसे रखें ध्यान
मॉश्चराइजिंग करते रहें: शिशु की वैसे तो मालिश होती रहती है, लेकिन बावजूद इसके ठंड में त्वचा तेजी से नमी खो देती है। यदि शिशु हीटर में रहता हो तो उसकी त्वचा से नमी तेजी से खोएगी। ऐसे में उसे दिन में कई बार मॉश्चाराइज करते रहें।
नहाने के पानी में डालें तेल: जब भी शिशु को ठंड में नहलाएं, उसकी पानी में तेल कम से कम दो चम्मच डाल दें। इससे शिशु की त्वचा नमी बनाए रखेगी। साथ ही ठंड में उसे रोज साबुन भी न लगाएं।
रात में वैसलीन लगाएं: शिशु जब रात में सोए तो उसके गालों और हाथ पर वैसलीन लगा दें। ऐसा करने से उसकी त्वचा हमेशा कोमल बनी रहेगी।
तेज ठंड और गर्मी से बचाएं: वैसे तो शिशु को मां गर्मी और ठंडी के हिसाब से कपड़े पहनाती हैं, लेकिन ठंड में जो अंग खुले रहते हैं, वहां की नमी सबसे तेजी से खोती है। यही कारण है कि नवजात शिशुओं के गाल लाल हो जाते हैं। ऐसा नमी खोने और त्वचा के खुश्क होने से होता है। इसलिए शिशु को बहुत ठंड या हीटर के करीब बिलकुल न रखें।
बहुत ठंड में केवल वाइप करें: याद रखें शिशुओं को रोज नहलाना सही है, लेकिन बहुत ठंड हो तो उसे केवल वाइप करें। गर्म पानी में तौलिये को निचोड़ कर पोंछ दें। इससे उसे ठंड भी नहीं लगेगी और स्किन भी कोमल रहेगी।