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Yogasans In Lockdown Part 2: लॉकडाउन में घर के अंदर करें ये तीन योगासन, ब्लड प्रेशर रहेगा दूर

Updated Apr 12, 2020 | 08:27 IST

Yogasans In Lockdown Part 2: लॉकडाउन में सबसे ज्यादा डर मोटापे का है। मोटापा अपने साथ कई बीमारियां लेकर आता है। जानिए वह योगासन जिसे आप घर के अंदर करके ब्लड प्रेशर को कंट्रोल कर सकते हैं।

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Bhujangasan
मुख्य बातें
  • मोटापा अपने साथ कई बीमारियां भी लेकर आता है।
  • लॉकडाउन में कुछ योगासान को घर में कर आप इस परेशानी से छुटकारा पा सकते हैं।
  • जानिए वह योगासन, जिससे दूर होगा ब्लड प्रेशर।

Yoga In Lock down: लॉकडाउन में घर के अंदर रहने के कारण सबसे अधिक डर मोटापे का होता है। मोटापा अपने साथ कई बीमारियां भी लेकर आता है। इनमें से एक हाई ब्लड प्रेशर भी है। हालांकि, कुछ योगासान को घर के अंदर कर आप इस परेशानी से छुटकारा पा सकते हैं।

ब्लडप्रेशर को नियंत्रित करने के लिए सबसे पहला योगासन है भुजंगासन। भुजंगासन करने के लिए सबसे पहले आप पेट के बल लेट जाएं। इसके बाद आप अपनी हथेलियों को अपने कंधे की सीध में लेकर जाएं।

अपने दोनों पैरों के बीच की दूरी को कम करें। इसके बाद पैर को सीधा और तना हुआ रखें। अब सांस भरते हुए शरीर के अगले हिस्से को नाभि तक उठाएं।  धीमे सांस भरे और फिर छोड़ें।  यहां विशेष ध्यान इस चीज का रहे कि कमर के ऊपर ज्यादा जोर न पड़े।

ऐसे करें शवासन 
भुजंगासन के अलावा शवासन भी हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में सहायक है। इसके लिए सबसे पहले पीठ के बल लेटकर जाएं। दोनों पैरों में दूरी बना लें। ध्यान रहे कि पैर के पंजे बाहर की तरफ और एड़ियां अंदर की तरफ हो।

आप इसके बाद अपने दोनों हाथों को सीधा कर लें। इसके बाद उंगलियों को मोड़ें और गर्दन सीधी रखें। इसके बाद अपनी आंखें बंद करें और पैर के अंगूठे से सिर तक का भाग ढीला छोड़ दें। अब अपना पूरा ध्‍यान अपनी सांस प्रक्रिया, सीने और नाभि पर लगाएं। इस पर बात का विशेष ध्यान रहे कि आपकी आंखें बंद ही रहे। 

रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है सेतुबंधासन 
सेतुबंधासन न सिर्फ ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है, बल्कि रीढ़ की हड्डी को भी मजबूत करता है। सेतुबंधासन के लिए सबसे पहले पीठ के बल जमीन पर लेट जाएं। इसके बाद आप अपने दोनों हाथों से अपनी कमर पकड़ लें। 

अपने कंधे और गर्दन को जमीन पर टिकाकर रखें। टांगों को मोड़ कर पैरों को अपने कूल्हों के करीब ले आयें। जितना करीब हो सके उतना लायें। इसके बाद धीरे -धीरे अपने कूल्हें और पैरउठा लें। कुछ देर इस अवस्था में बने रहने के बाद वापस सामान्य स्थित में चले जाएं।