देश में 'बर्ड फ्लू' के खतरे ने दस्तक दे दी है बताया जा रहा है कि देश के कई राज्यों में पक्षियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल और केरल में भी इसके मामले सामने आए हैं, बर्ड फ्लू एवियन इन्फ्लूएंजा (H5N1) जिसे आम बोल चाल की भाषा में 'बर्ड फ्लू' (Bird Flu) कहते हैं इसकी आहट देश के कुछ राज्यों में सुनाई दे रही है और इसका दायरा बढ़ता ही जा रहा है, राजस्थान से होते हुए मध्यप्रदेश, हिमाचल फिर दक्षिण के राज्य केरल तक इसके मामले सामने आए हैं।
इसे लेकर राज्य सरकारों के साथ केंद्रीय एजेसियां भी चौकन्नी हो गई हैं और इसको लेकर जानकारियां जुटाई जा रही हैं, डेटा कलेक्ट किया जा रहा है साथ बचने के उपाय भी बताए जा रहे हैं।
Bird Flu आखिर है क्या कैसे ये फैलता है और इस बीमारी के लक्षण क्या हैं ऐसे सवाल लोगों के जेहन में आ रहे हैं, यहां इन्हीं सब पर बात करते हुए और इस विषय पर और जानकारियां देने का प्रयास करेंगे।
Bird Flu आखिर है क्या
वायरस बर्ड फ्लू के नाम से जाना जाता है, बर्ड फ्लू इंफेक्शन मुर्गे-मुर्गियां, टर्की, गीस और बत्तख की प्रजाति जैसे पक्षियों को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। इसे H5N1 एवियन एंफ्लुएंजा कहते हैं और ये बेहद संक्रामक है कहा जाता है कि टाइम पर इलाज न मिलने पर जानलेवा हो सकता है।
कैसे पहुंचता है इंसानों तक यह वायरस
बर्ड फ्लू या एविएन इन्फ्लुएन्जा संक्रामक बीमारी है, ये इन्फ्लुएन्जा वायरस के स्ट्रेन से प्रमुख रूप से पक्षियों को प्रभावित करनेवाली बीमारी है,ये बीमारी संक्रमित मुर्गियों या अन्य पक्षियों के बेहद निकट रहने से ही फैलती है। मुर्गी की अलग-अलग प्रजातियों से सीधे या इनडायरेक्ट संपर्क में रहने से इंसानों में बर्ड फ्लू वायरस फैलता है, मनुष्यों में ये वायरस उनकी आंखों, मुंह और नाक के जरिए फैलता है।दूषित सतह जैसे पिंजरा आदि के छूने से भी वायरस एक पक्षी से दूसरे पक्षी तक पहुंच जाता है।
क्या हैं इस बीमारी के लक्षण (Bird Flu Symptoms)
ये वायरस पक्षियों के साथ ही इन्सानों के लिए भी खतरनाक होता है, इन्सानों में इसके लक्षण सामान्य होते हैं, ये निम्न हो सकते हैं-
- नाक बहना
- सिर में दर्द रहना
- गले में सूजन
- अक्सर कफ रहना
- बुखार आना
- हर वक्त उल्टी सा महसूस होना
- बार बार दस्त होना
- मांसपेशियों में दर्द
बर्ड फ्लू से बचना तो ये काम बिल्कुल भी ना करें---
- जीवित पक्षियों के साथ-साथ मुर्गे-मुर्गी के संपर्क में आने से बचें
- मांस को साफ करने और पकाने के लिए उपयोग किए जाने वाले बर्तनों को अलग करें
- संक्रमित पक्षियों से दूर रहें खासकर मरे पक्षियों से बिल्कुल दूर रहें.
- बर्ड फ्लू का संक्रमण अगर फैला है तो नॉनवेज ना खाएं
- संक्रमण वाले एरिया में कोशिश करें कि ना जाएं अगर जाएं तो मास्क पहनकर जाएं
- अगर नॉनवेज खाना है तोसुनिश्चित करें कि मांस गर्म होने तक पकाया जाए
- अपने हाथों को गर्म पानी और साबुन से बार-बार धोएं
- मृत पक्षियों या उनकी बूंदों को पास या स्पर्श न करें
- मीट मार्केट या पोल्ट्री फार्मों के पास न जाएं
- अधपके या कच्चे मुर्गे या अन्य पक्षी न खाएं
- कच्चे अंडे न खाएं
क्या है इंसानों के लिए खतरे की घंटी है?
बर्ड फ्लू इतना खतरनाक है कि कब महामारी का रूप ले ले कोई नहीं बता सकता ये बीमारी संक्रमित मुर्गे और मुर्गियों या अन्य पक्षियों के करीब रहने से ही फैलती है, बताया जा रहा है कि बर्ड फ्लू का वायरस मुर्गियों में भी पाया जाता है तो खतरा कई गुना बढ़ जाएगा क्योंकि इनसे इंसानों में वायरस फैलने की संभावना अधिक है।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी के संकट के बीच में बर्ड फ्लू का खतरा मंडराने लगा है। भारत के कई हिस्सों में हजारों पक्षियों की मौतों ने बर्ड फ्लू को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। कई राज्यों में इसे लेकर अलर्ट जारी किया गया है वहीं केरल में बर्ड फ्लू को राज्य-विशिष्ट आपदा घोषित किया गया है।