- काला जीरा स्वाद और सेहत दोनों के लिए अच्छा है
- वेट कम करने के लिए तीन महीने तक लेना फायदेमंद
- पेट से जुड़ी हर बीमारी का इलाज काला जीरा में छुपा
समान्य जीरे से काला जीरा थोड़ा अलग होता है और इसका स्वाद भी अलग होता है। काला जीरा रक्त शर्करा के स्तर को कंट्रोल करता है जिससे डायबिटीज का जोखिम नहीं होता। इसके अलावा ये कई बीमारियों में बहुत ही कारगर दवा है। वेट कम करने के लिए इसका प्रयोग बहुत अचूक पाया गया है। ये सूरजमुखी के बीज के आकार का होता है। काले जीरे का स्वाद और सुगंध बहुत विशिष्ट होता है और अक्सर इसका प्रयोग स्वादिष्ट खाना बनाने के लिए किया जताा रहा है।
थाइमोक्विनोन काले जीरे के बीज में मुख्य सक्रिय तत्व है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देता है और शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट से भी भरा होता है। तो आइए जाने सेहत पर काला जीरा किस तरह से काम करता है।
सेहत और बीमारियों में ऐसे फायदेमंद है काला जीरा
डायबिटीज रोकने में कारगर
ब्रिटिश जर्नल ऑफ़ फ़ार्मास्यूटिकल रिसर्च के अनुसार, काला जीरा प्रभावी रूप से रक्त शर्करा के स्तर को कम करता है और ग्लूकोज अवशोषण को कम करता है, जिससे टाइप -1 डायबिटीज का खतरा खत्म हो जाता है।
ब्लडप्रेशर कंट्रोल करने में कारगर
काले जीरे के अर्क की गोलियों के नियमित सेवन से हाई ब्लड प्रेशर और खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को संतुलित करता है। खराब एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के कारण कई बार ब्लडप्रेशर लो हो जाता है। इससे भी ये बचाता है।
मेमोरी और एकाग्रता बढ़ाने वाला
ओमेगा 3 और ओमेगा 6 से भरा काला जीरा मस्तिष्क में रक्त परिसंचरण यानी सर्कुलेशन को बेहतर बनाता हे। इससे याददाश्त भी बेहतर होती है और एकाग्रता बढ़ती है।
कैंसर से बचाव
काला जीरा टी-कोशिकाओं की वृद्धि को बढ़ाता है जो संक्रमित कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए उपयोगी होते हैं। इससे शरीर कैंसर जैसी बीमारियों के जोखिम से बचता है।
डिटॉक्सिफिकेशन में कारगर
काले जीरे में पाया जाने वाला सैपोनिन शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर करने में मदद करता है। इससे डिटॉक्सिफिकेशन की प्रक्रिया शरीर में चलती रहती है। यह दस्त और सांस की समस्याओं में भी कारगर है।
वजन कम करने में कारगर
3 महीने तक काले जीरे को रात भर पानी में भिगो कर अगले दिन खाने से शरीर में जमा अनावश्यक फैट पिघलने लगता है।
पेट की तकलीफ करें दूर
काले जीरे में एंटीमाइक्रोबियल गुण होते है जो पेट से जुड़ी हर तरह की समस्या को खत्म कर देता है। गैस्ट्रिक, पेट फूलना, पेट-दर्द, दस्त, पेट में कीड़े होने पर इसे रोज खाना चाहिए।
काला जीरा तासीर में गर्म होती है। एक दिन में तीन ग्राम से ज्यादा इसे नहीं खाना चाहिए। जिन्हें गर्मी ज्यादा लगती हो, हाई बीपी के पेशंट्स और प्रेंग्नेंसी में इसे खाने से बचना चाहिए।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता।