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कोरोना के कहर के बीच बच्चों को शिकार बना रही है 'रहस्यमयी बीमारी'

Updated May 14, 2020 | 16:24 IST

कोरोना वायरस के कहर के बीच यूरोप और अमेरिका में बच्चों को एक रहस्यमयी बीमारी अपना शिकार बना रही है। जानिए क्या है वो बीमारी और क्या हैं उसके लक्षण।

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corona virus children
मुख्य बातें
  • कोरोना वायरस के कहर के बीच कहर बरपा रही है एक और रहस्यमयी बीमारी
  • बच्चों को बना रही है अपना शिकार, अबतक सैकड़ों बच्चे आ चुके हैं चपेट में
  • इससे ग्रसित बच्चों के रक्त के नमूने वयस्कों के कोविड नमूनों जैसे हैं

लंदन: एक तरफ कोरोना वायरस का कहर का थमने का नाम नहीं ले रहा है वहीं दूसरी तरफ ब्रिटेन सहित अन्य यूरोपीय देशों और अमेरिका में एक रहस्यमयी बीमारी बच्चों को अपना शिकार बना रही है। यूरोपीय देशों में तकरीबन 100 बच्चों में इस तरह के लक्षण देखने में आए हैं। ब्रिटेन का राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा( एनएसएस) पहले ही डॉक्टरों को ऐसे मामलों की कड़ी निगरानी रखने का निर्देश जारी कर चुकी है। 

कावासाकी बीमारी से मिलते हैं लक्षण
इस रहस्यमयी बीमारी की चपेट में जो बच्चे आए हैं उनमें जो लक्षण देखे गए हैं वो कावासाकी बीमारी से भी मिलते हैं। माना जा रहा है कि बच्चे इसी बीमारियों से पीड़ित हैं। इंग्लैंड की बाल चिकित्सा इंटेनसिव केयर सोसाइटी ने इन मामलों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि ये बीमारी कोरोना वायरस के अलावा अन्य किसी अज्ञात संक्रामक रोग के कारण भी हो सकती है। लेकिन इसे एक दुर्लभ लेकिन घातक सिंड्रोम माना जा रहा है।

कावासाकी डिजीज में ऐसे होते हैं लक्षण 
कावासाकी डिजीज मुख्य रूप से पांच साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करती है। यह एक दुर्लभ बीमारी है इसकी वजह से शरीर के प्रतिरोधी तंत्र( इम्यून सिस्टम) को ज्यादा काम करना पड़ता है। इस कारण बच्चों को बुखार आना, डायरिया होना और शरीर पर चित्ते पड़ना और आंखे आने जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। इसके ज्यादा गंभीर मामलों में नसों में सूजन आ जाती है और इसके कारण हृद्य में होने वाले रक्त संचरण पर भी असर पड़ता है जो कि घातक होता है। कावासाकी डिजीज का हृदय और नसों में असर पड़ता है। आम तौर पर इसे ठीक होने में पांच से छह सप्ताह का वक्त लगता है। अधिकांश बच्चे इससे पूरी तरह उबरकर ठीक हो जाते हैं।

बीमारी का कारण स्पष्ट नहीं
डॉक्टरों के अनुसार, इन बच्चों की खून की जांच में कोविड की गंभीर बीमारी जैसे नतीजे सामने आए हैं लेकिन अभी इस बात की पूरी तरह पुष्टि नहीं हो पाई है कि वे कोरोना वायरस के कारण ही बीमार हो रहे हैं। इस रहस्यमयी बीमारी से संक्रमित बच्चों के रक्त के नमूने लिए गए उसकी जांच में पाया गया कि ये नमूने कोविड-19 बीमारी वाले लोगों के समान है, लेकिन जैसा कि वयस्कों में देखा जाता है, यह कोविड 19 हैं या नहीं, हमें यकीन नहीं है। हालांकि अब तक ये माना जा रहा था कि कोरोना वायरस बच्चों को कम प्रभावित करता है। उनके अंदर इसका सामना करने की क्षमता है। लेकिन इस रहस्यमयी बीमारी ने सारे समीकरणों को बदल सा दिया है।