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Covaxin: देसी वैक्सीन के शानदार नतीजे, ट्रायल के दौरान बंदरों के शरीर से किया कोरोना वायरस का खात्मा

Updated Sep 12, 2020 | 12:29 IST

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और भारत बायोटेक के शोधकर्ताओं ने मिलकर कोरोना वायरस के खिलाफ जो 'कोवैक्सिन' तैयार की है इसका अभी ट्रायल चल रहा है और परिणाम उत्साहजनक आ रहे हैं।

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देसी Covaxin के शानदार नतीजे, ट्रायल के परिणाम आए सामने
मुख्य बातें
  • कोरोना की देसी वैक्‍सीन ने बंदरों के शरीर से कोरोना वायरस का सफाया
  • भारत बायोटेक को ऐलान किया कि Covaxin ने बंदरों में वायरस के प्रति ऐंटीबॉडीज विकसित की
  • भारत बायोटेक ने खास तरह के बंदरों को वैक्‍सीन की दी थी कौवैक्सीन की डोज

नई दिल्ली: पहली देसी कोराना वैक्सीन के उत्साहजनक नतीजे सामने आए हैं। भारत बायोटेक की कोरोना वायरस वैक्‍सीन 'कोवैक्सीन' का जानवरों पर किया गया ट्रायल में सफल रहा है। कंपनी ने शुक्रवार को ऐलान किया कि कोवैक्सीन ने बंदरों में वायरस के प्रति ऐंटीबॉडीज विकसित किए जिससे साफ हो गया कि यह वैक्सीन जीवित शरीर में भी कारगर है। यह सफलता शोधकर्ताओं के लिए एक मनोबल बूस्टर के रूप में कार्य करेगी।

ह्यूमन ट्रायल का दूसरा चरण

कोविक्सिन के नाम से मशहूर बीबीवी 152 को हैदराबाद स्थित बीबीआईएल ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) तथा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वीरोलॉजी (एनआईवी) के सहयोग से विकसित किया है और फिलहाल यह मानव शरीर में परीक्षण के दूसरे दौर में है।   भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड ने, जिसमें ICMR-NIV, BBIL, सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज के शोधकर्ताओं द्वारा 20 बंदरों के चार समूहों पर बांटकर रिसर्च की गई। इनमें से एक सूह को प्लेसीबो दी गई जबकि बांकि तीन समूहों को अलग-अलग तरह की वैक्सीन पहले और 14 दिन के बाद दी गई। 

बंदरों में एंटीबॉडीज हो रही हैं तैयार
बाद में तीसरे हफ्ते के दौरान बंदों में कोविड को मात देने की शक्ति शुरू हो गई और वैक्सीन पाने वाले किसी भी बंदर में निमोनिया के लक्षण नहीं मिले। परिणामों ने सुरक्षात्मक प्रभाव दिखाया जिसमें दिखा कि एसएआरएस-सीओवी -2 विशिष्ट आईजीजी को बढ़ा रह् हैं और एंटीबॉडीज तैयार कर रहे हैं। इसके अलावा नाक, गले और बंदरों के फेफड़ों के ऊतकों में वायरस की प्रतिकृति को कम किया। प्लेसबो समूह के विपरीत, टीकाकरण वाले समूहों में हिस्टोपैथोलॉजिकल टेस्ट के बाद निमोनिया का कोई लक्षण नहीं देखा गया था।

15 जुलाई से शुरू हुआ था ट्रायल

 देसी कोवैक्सीन के पहले चरण का ट्रायल 15 जुलाई से शुरू हुआ था और देश के विभिन्न 17 जगहों पर इसका ट्रायल हुआ था। आपको बता दें कि इस समय देश में करीब 7 कंपनियिा कोरोना के खिलाफ अलग-अलग वैक्सीन बनाने पर काम कर रही है। भारत बायोटेक ने उम्मीद जताई है कि उसकी वैक्सीन अगले साल की पहली तिमाही तक बाजार में उपलब्ध हो जाएगी।