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Covid: गर्भवती महिलाओं को गंभीर बीमारी से बचाने में टीका अहम, नहीं बढ़ता समय पूर्व प्रसव का खतरा, जानें क्‍या कहते हैं एक्‍सपर्ट

Updated Jan 06, 2022 | 12:41 IST

गर्भवती महिलाओं में कोविड वैक्‍सीनेशन को लेकर तमाम आशंकाओं के बीच एक रिसर्च में कहा गया है कि इससे समय पूर्व प्रसव का खतरा नहीं बढ़ता है और न ही कम वजन जैसी जटिलताएं आती हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
गर्भवती महिलाओं को गंभीर बीमारी से बचाने में वैक्‍सीनेशन अहम, नहीं बढ़ता समय पूर्व प्रसव का खतरा, जानें क्‍या कहते हैं एक्‍सपर्ट

वॉशिंगटन : गर्भ के समय कोविड-19 का टीका लगाए जाने से, समय से पहले बच्चे के जन्म या नवजात का सामान्य से कम वजन होने जैसी जटिलताएं नहीं आती हैं। अमेरिका के येल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने कहा कि अगर गर्भवती महिलाएं कोविड-19 से संक्रमित होती हैं तो उनमें बीमारी के और गंभीर होने और उनकी मौत होने का खतरा बढ़ जाता है।

उन्होंने कहा कि टीका लगवाने वालों को इस बात की चिंता हो सकती है कि टीकाकरण से गर्भ में बाधा आ सकती है। यह अध्ययन ‘यूएस सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन’ (सीडीसी) में मंगलवार को छपा है जो 40 हजार से अधिक गर्भवती महिलाओं पर हुए शोध पर आधारित है। इसमें ऐसी गर्भवती महिलाओं की तुलना की गई जिन्होंने टीका लगवाया है और जिन्होंने टीका नहीं लगवाया है। इनमें 10,064 महिलाएं ऐसी हैं, जिन्होंने गर्भावस्था के दौरान टीके की कम से कम एक खुराक ली है।

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'वैक्‍सीन नहीं बढ़ाता जोखिम' 

इन आंकड़ों के अनुसार, समय से पहले जन्म दर 100 में सात है, जो कि दोनों समूह में तुलनीय है। वहीं बच्चों का आकार सामान्य से कम होने के संदर्भ में यह दर 100 में आठ बच्चे है। दिसंबर 2020 से अंतिम जुलाई तक के आंकड़े इस ओर इशारा करते हैं कि गर्भावस्था के शुरुआती समय में टीका लेने वाली महिलाओं के लिए जोखिम में वृद्धि नहीं होती। हालांकि, अध्ययन के लेखकों ने यह पाया कि ज्यादातर महिलाओं ने गर्भावस्था के करीब तीन या छह महीने बाद टीके की खुराक ली है।

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इसमें कहा गया कि गर्भधारण के दौरान कोविड-19 टीकाकरण का बच्चे के समय पूर्व जन्म या नवजात का सामान्य से कम वजन होने से संबंध नहीं है। येल स्कूल ऑफ मेडिसिन के एसोसिएट प्रोफेसर और अध्ययन के प्रमुख लेखक हीदर लिपकाइंड ने बताया ‘‘गर्भवती महिलाओं को गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए कोविड-19 रोधी टीका महत्वपूर्ण है।’’