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प्रेग्‍नेंसी में महिलाएं कर सकती हैं डांस, बस रखें इन बातों का ध्‍यान

Updated Apr 04, 2018 | 18:21 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

प्रेग्‍नेंसी में महिलाओं के लिए डांस करना एक थेरपी साबित हो सकता है लेकिन कुछ नियमों के साथ। जानें इस बारे में डॉक्‍टर्स क्‍या राय रखते हैं -

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तस्वीर साभार:&nbspThinkstock
प्रेग्‍नेंसी की डांस थेरपी में बहुत झटके या कूदने वाले स्‍टेप्‍स शामिल नहीं होते हैं

Medha Chawla / नई द‍िल्‍ली : Pregnancy के नौ महीने किसी भी महिला के लिए बेहद खूबसूरत होते हैं। इस दौरान जहां नई भूमिका में आने की खुशी होती है, वहीं महिलाओं को गर्भावस्‍था में कई शारीरिक बदलावों से भी गुजरना पड़ता है। वैसे ये बदलाव केवल गर्भावस्था तक ही सीमित नहीं रहते हैं। 

कई रिसर्च में यह देखने में आया है क‍ि गर्भावस्था के दौरान अपनाई गई आदतें महिला के बाकी जीवन में उसके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। ऐसे में इन नौ महीनों में महिलाओं को अब एक्‍ट‍िव रहने की सलाह दी जाती है। ताकि प्रेग्‍नेंसी के बाद उसके सामने वजन बढ़ने और डायबिटीज जैसी समस्‍याएं न आएं। एक्‍ट‍िव‍िटी लेवल बढ़ाने में मह‍िलाओं को वॉक, योग के साथ अब डांस करने की सलाह भी दी जाती है। 

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डॉक्‍टर की सलाह पर खुद को एक्‍ट‍िव रखने के लिए महिलाएं डांस थेरपी को फॉलो कर सकती हैं। सीनियर गायनेकॉलज‍िस्‍ट और सीके बिरला हॉस्‍प‍िटल की डायरेक्‍टर डॉक्‍टर अरुणा कालरा से जानें प्रेग्‍नेंसी में डांस थेरपी के बारे में कुछ खास बातें - 

  • डांस थेरपी से गर्भवती महिला की बेली एक शेप में बढ़ती है 
  • प्रेग्‍नेंसी में डांस थेरपी अपनाने से डिलीवरी के बाद शरीर को बेडौल होने से रोकने में मदद मिलती है 
  • प्रेग्‍नेंसी की डांस थेरपी में बहुत झटके या कूदने वाले स्‍टेप्‍स शामिल नहीं होते हैं 
  • इसमें कूदने या जम्‍प लेने की जगह तालबद्ध कदमों से चलने की सलाह देते हैं 
  • प्रेग्‍नेंसी में डांस करते समय हर समय एक पैर जमीन पर जरूर होना चाहिए ताक‍ि शरीर का बैलेंस बना रहे 
  • जोश में आकर कभी भी ऐसे स्‍टेप्‍स नहीं करने हैं जिससे पेट या कमर पर जोर पड़े 
  • प्रेग्‍नेंसी में डांस करने से शरीर से पसीने के तौर पर फ्लुड निकलता है, जो हीट से मुक्ति दिलाता है
  • शरीर की पूरी मसल्‍स को एक्‍ट‍िव रखता है 


Photo : ThinkStock

डांस थेरपी के साथ वर्कआउट के नॉर्मल रूल्‍स को भी फॉलो करना चाहिए। यानी पसीने में पानी न पिएं और शरीर जब गर्म हो तो एकदम से एसी या कूलर के सामने न जाएं। साथ ही बाद में लिक्‍व‍िड इनटेक का ध्‍यान रखें ताक‍ि डिहाइड्रेशन न होने पाए। 

अगर आप प्रेग्‍नेंसी में डांस थेरपी को फॉलो करती हैं तो इस दौरान कपड़ों पर भी ध्‍यान दें। बहुत टाइट कपड़े पहनने से बचें और फैब्रिक भी हल्‍का और आरामदायक चुनें। 

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डांस नहीं करने पर प्रेग्‍नेंसी में ऐसे रहें एक्‍टिव 
गायनेकॉलजिस्‍ट डॉ. कल्‍पना वश‍िष्‍ठ की मानें तो प्रेग्‍नेंसी में वॉकिंग या स्टेशनरी साइकलिंग, जैसी एक्‍सरसाइज विशेषकर उपयोगी हैं। ये सबसे आसानी से की जा सकने वाली एक्‍सरसरइज हैं। हालांक‍ि शुरुआत में सीमित तीव्रता में एक्सरसाइज करना उचित रहता है ताकि शरीर इस वर्कआउट का अभ्‍यस्‍त हो जाए। 

प्रेग्‍नेंसी में ऐसे वर्कआउट से बचना चाहिए 
गर्भावस्‍था में एक्‍टिव रहें लेकिन ऐसी गतिविधियों से बचें जिसमें गिरने के जोखिम बढ़ते हैं। ऐसे में स्कूबा डाइविंग, खिंचाव, स्कीइंग आद‍ि से बचना ही बेहतर होता है। उन एक्‍ट‍िव‍िटीज से भी बचें जिनसे जॉइंट स्ट्रेस बढ़ता हो, जैसे कि जॉगिंग या टेनिस।

तो इन बातों को ध्यान में रखकर प्रेग्‍नेंट लेडीज आने वाले बच्‍चे का सेहतमंद रहते हुए खुशी-खुशी स्‍वागत कर सकती हैं। लेकिन इस बात का हमेशा ध्‍यान रखें कि कोई भी एक्‍ट‍िव‍िटी डॉक्‍टर की सलाह के बिना न शुरू करें। 

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