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स्टेरॉयड के ज्यादा इस्तेमाल से होती है बीमारियां! शरीर में क्या करता है स्टेरॉयड? जानिए साइड इफेक्ट

Updated May 27, 2021 | 09:51 IST

steroids side effects, steroids ke nukasaan: इन दिनों कोविड के इलाज के लिए मरीज को कई बार उसके इलाज के क्रम में स्टेरॉयड दिया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके ज्यादा इस्तेमाल से साइड इफेक्ट भी होते हैं।

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कोरोना संक्रमित मरीजों को स्टेरॉयड द्वारा इलाज किया जाता है। लेकिन स्टेरॉयड देने में जो सावधानी रखनी चाहिए उसका ध्यान नहीं दिया जाता है। (तस्वीर के लिए साभार- iStock Images)
मुख्य बातें
  • कोरोना संक्रमित मरीजों को स्टेरॉयड द्वारा इलाज किया जाता है
  • लेकिन ज्यादातर स्टेरॉयड देने में जो सावधानी रखनी चाहिए उसका ध्यान नहीं दिया जाता है
  • स्टेरॉयड इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकते हैं

नई दिल्ली: दुनियाभर में कोरोना वायरस का प्रकोप बढता दिखाई दे रहा है। मरीजों की बढती संख्या के कारण अस्पतालों में ऑक्सिजन बेड और दवाओं की कमी पड रही है। समय रहते इलाज न होने से मरीजों की मौत हो रही है। इसलिए डॉक्टर कोरोना मरीजों को सेल्फ आइसोलेशन में अपना इलाज करने की सलाह दे रहे है।

लेकिन कुछ मरीज जल्दी ठीक होने के लिए स्टेरॉयड दवाईंयों का इस्तेमाल करते दिखाई देते है। कोरोना संक्रमित मरीजों को स्टेरॉयड द्वारा इलाज किया जाता है। लेकिन स्टेरॉयड देने में जो सावधानी रखनी चाहिए उसका ध्यान नहीं दिया जाता है। नतीजा ये होता है कि मरीज ठीक होने की बजाय दूसरी बीमारी से ग्रसित हो जाता है।

स्टेरॉयड से होता है नुकसान  

विशेषज्ञ डॉक्टरों के मुताबित, स्टेरॉयड का इस्तेमाल अब भी पहले जैसा ही हो रहा है। यह समझना होगा कि ये जान बचाते हैं मगर साइडइफेक्ट भी देते हैं। स्टेरॉयड शरीर में कुदरती भी बनते हैं। जब भी संकट होता है ये ब्लड में बढ़ जाते हैं और लड़ने में मदद करते हैं क्योंकि हमें उस वक्त ज्यादा एनर्जी चाहिए होती है। ऐसे में लड़ने के लिए यह शरीर को जरूरी मजबूती देते हैं मगर बदले में इम्यून रेस्पॉन्स को कम कर सकते हैं जो खतरनाक है।

यही वजह है कि संक्रमण के पहले 5-7 दिन इन्हें नहीं लेना चाहिए क्योंकि इस वक्त शरीर विषाणू से लड़ रहा होता है, स्टेरॉयड इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकते हैं। संक्रमण के दूसरे चरण में जब शरीर में इन्फ्लेमेशन शुरू हो चुका होता है, उस वक्त बढ़े इम्यून रेस्पॉन्स को कम करने के लिए स्टेरॉयड दिए जा सकते हैं।

ज्यादा स्टेरॉयड लेने से इंफेक्शन का खतरा

स्टेरॉयड के अधिक मात्रा के डोज या इसे लंबे समय तक जारी रखने से शरीर मे कई दुसरे इंफेक्शन का खतरा भी बढ जाता है। ये म्यूकर, दवा प्रतिरोधी फंगल इंफेक्शन और दवा प्रतिरोधी बैक्टीरिया का खतरा भी बढाते हैं। स्टेरॉयड के बहुत ज्यादा इस्तेमाल से मांसपेशियां कमजोर पड सकती हैं और ब्लड शुगर अनियंत्रित हो सकता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए ये बहद खतरनाक साबित हो सकता है। मरीजों को कई अन्य प्रकार की दिक्कतें भी झेलनी पड सकती है।

शरीर में क्या करता है स्टेरॉयड?

स्टेरॉयड इन्फ्लेमेशन (सूजन) को कंट्रोल करने का काम करता है। लेकिन, यह खासकर डायबीटिज मरीजों में शुगर लेवल को बढा देता है। ऐसे में समय पर यह कंट्रोल नहीं किया गया तो शरीर की इम्युनिटी पर असर पडता है, जिससे म्युकोर्मिकोसिस यानी ब्लैक फंगस का खतरा बढ जाता है।

  • जिन मरीजों में शुगर अनियंत्रित है और कोरोना के इलाज के दौरान उन्होंने स्टेरॉयड लिया है तो ऐसे लोगों में ब्लैक फंगस का खतरा बढ जाता है।
  • जो भी मरीज कोरोना संक्रमण के दौरान ऑक्सीजन पर रहे हैं, इसके अलावा जिन मरीजों को सांस से जुडी बीमारी रही है उनमें ये समस्या ज्यादा देखने को मिल रही है।
  • कोरोना के दौरान स्टेरॉयड की हाई डोज लेने वाले लोगों को भी ब्लैक फंगस का खतरा रहता है।

कोरोना के सभी मरीजों को स्टेरॉयड की जरूरत होती है?

कोरोना के सभी मरीजों को स्टेरॉयड की जरूरत नही पडती। ज्यादातर मरीज बिना स्टेरॉयड लिए ही ठिक हो रहे है। जिन कोविद मरीजों की हल्के लक्षमं है और शरीर में ऑक्सिजन की मात्रा नियंत्रण में है उन्हे स्टेरॉयड की जरूरत नही होती। इसलिए बिना किसी डॉक्टरी सलाह के कोरोना के मरीजों को स्टेरॉयड दवाओं का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

स्टेरॉयड्स दवा का क्या-क्या साइड इफेक्ट्स हो सकता है?

स्टेरॉयड के ज्यादा इस्तेमाल से हाई ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर, नींद नहीं आना, मानसिक बिमारी, भूख लगना, वजन बढना और सेकेंडरी इन्फ्लेमेशन हो सकते है। दो सप्ताह से अधिक समय तक स्टेरॉयड का यूज करने पर ग्लुकोमा, कैटारैक्ट, फ्लूइड रिटेंशन, हाईपरटेंशन और ऑस्टियोपोरोसिस हो सकता है।

स्टेरॉयड लेते समय क्या ध्यान रखना चाहिए

  1. कोरोना मरीजों को स्टेरॉयड की दवा डॉक्टर की सलाह से ही लेनी चाहिए।
  2. दवा शुरू करने के बाद खुद से बंद नहीं करनी चाहिए, डॉक्टर की सलाह से डोज धीरे-धीरे कम करना चाहिए।
  3. स्टेरॉयड देने वाले डॉक्टरों को भी ख्याल रखना चाहिए कि अगर मरीज को कोरोना संक्रमण के अलावा डायबिटीज जैसी बीमारियां भी है तो शुगर लेवल के अनुसार स्टेरॉयड की डोज शुरू करनी चाहिए और उसे नियंत्रण में रखना चाहिए।

(लेखक- डॉ. बिपिन जिभकाटे, सलाहकार क्रिटिकल केयर मेडिसिन, आईसीयू निदेशक वॉकहार्ट अस्पताल, मीरा रोड ,मुंबई

(डिस्क्लेमर- लेख में व्यक्त विचार लेखक के निजी हैं। टाइम्स नेटवर्क इनसे संबंधित नहीं है।)