- मांसपेशियों की खिंचाव की वजह से आंखें फड़कती हैं
- आंखों के लंबे समय तक फड़कते रहने से नजर हो सकती है कमजोर
- आंखों मे खुजली, जलन या कंजक्टिवाइटिस की वजह से भी आंखों फड़कती हैं
क्या आंखों का फड़कना अशुभ होता है। आम तौर पर लोग इसे सही नहीं मानते हैं। लोग मानते हैं कि अगर किसी शुभ कार्य के पहले आंखे फड़क रही हो तो नतीजा ठीक नहीं होता है। इसके पीछे कोई आधार हो सकता है। लेकिन वैज्ञानिक शोध इसे महज स्वास्थ्य संबंधी समस्या बताते हैं।
मांसपेशियों में अकड़ बड़ी वजह
आंखों की मांसपेशियां जब अकड़ जाती हैं तो वो फड़कने लगती हैं। ऐंठन या खिंचाव ऊपरी और नीचे की दोनों पलकों में हो सकता है. कुछ लोगों में ये बहुत सामान्य होता है। लेकिन कुछ लोगों में आंखें तेजी से फड़कने लगती हैं और उसे मेडितल टर्म में ब्लेफेरोस्पाज्म कहा जाता है।
गंभीर बीमारी के भी हो सकते हैं संकेत
आंखों का फड़कना सामान्य तौर पर कुछ सेकेंड से लेकर मिनटों तक रहता है। यही नहीं इस तरह की परेशानी कुछ लोगों को कई दिनों तक रहती है। या ऐसा भी हो सकता है किसी तरह की दिक्कत ना हो। आंखों के फड़कने से किसी तरह का दर्द नहीं होता है। लेकिन यह गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है।
अब सवाल यह है कि आंखों के फड़कने की वजह क्या हो सकती है। तो इसके लिए कई वजहें हो सकती हैं, उदाहरण के लिए आंखों में खुजली, आंखों पर दबाव, नींद पूरी ना हो, ज्यादा थकान हो, दवा का साइड इफेक्ट, तंबाकू और शराब का ज्यादा सेवन हो सकता है। इसके साथ ही कंजक्टीवाइटिस और पलकों को सूजन भी जिम्मेदार होती है।
बीमारी को ना करें नजरंदाज
अगर आंखों को फड़कना लंबे समय से जारी हो तो सबसे बड़ा असर नजरों पर पड़ता है। इसका अर्थ यह है कि नजर कमजोर हो सकती है। डॉक्टर कहते हैं कि इसके लिए बेहतर है कि आप नियमित तौर पर आंखों को चेक कराते रहे हैं। अगर किसी तरह का इंफेक्शन हो तो नजरंदाज ना करें।