- ओमीक्रोन और डेल्टा से मिलकर बना डेल्टाक्रॉन ने भारत में दस्तक दे दिया है।
- विशेषज्ञों द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक अगस्त महीने में कोरोना की चौथी लहर पीक पर होगी।
- ओमीक्रोन और डेल्टा का यह सब वैरिएंट हो सकता है सबसे खतरनाक।
Corona Fourth Wave in India: कोरोना की तीन लहरों के बाद देश का हाल बेहाल हो चुका है, बीते दिन करोड़ों लोग इस भयावह महामारी के चपेट में आए और लाखों की संख्या में लोग अपनी जान गंवा बैठे हैं। वहीं ओमीक्रोन और डेल्टा वैरिएंट से मिलकर बना डेल्टाक्रॉन ने लोगों की चिंता और भी बढ़ा दी है। चीन और यूरोपीय देशों में एक बार फिर अस्पताल में कोरोना मरीजों की तादाद में तेजी से वृद्धि होने लगी है। भारत भी इससे अछूता नहीं रहा, डेल्टाक्रॉन ने भारत को भी चिंता की दहलीज पर लाकर खड़ा कर दिया है। हाल ही में भारत के कोविड जीनोमिक्स कंसोर्सियम (INSACOG) और (GSAID) ने इशारा किया है कि देश में कुल 568 मामले जांच के दायरे में हैं।
तेलंगाना टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक 221 डेल्टाक्रॉन केस के साथ हॉटस्पॉट बना हुआ है। वहीं तमिलनाडु में 90, महाराष्ट्र में 66, गुजरात में 33, पश्चिम बंगाल में 32 और नई दिल्ली में 20 मामले जांच के दायरे में हैं। आईआईटी कानपुर द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक अगस्त महीने में कोरोना की चौथी लहर पीक पर होगी। विशेषज्ञों द्वारा दावा किया जा रहा है कि यह ओमीक्रोन से अधिक संक्रामक और ज्यादा खतरनाक होगा। हालांकि यह फेफड़ों को नुकसान नहीं पहुंचाएगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि ओमीक्रोन और डेल्टा का सव वैरिएंट सबसे खतरनाक सिद्ध हो सकता है। ऐसे में कोरोना के लक्षण नजर आने पर तुरंत कोविड टेस्ट करवाएं।
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क्या है कोरोना का सब वैरिएंट
विशेषज्ञों का कहना है कि डेल्टाक्रॉन कोरोना के दो वैरिएंट डेल्टा और ओमीक्रोन से मिलकर बना है, जिसे वैज्ञानिकों ने BA.1 + B.1.6172.2 का नाम दिया है। दक्षिण अफ्रीका के सेंट्रल फॉर एपिडेमिक रिसपॉन्स के निदेशक ने बताया कि कोरोना का यह वैरिएंट म्यूटेशन का असामान्य समूह है तथा यह कोविड के अन्य वैरिएंट से अधिक खतरनाक है। विशेषज्ञों का कहना है कि साइप्रस ने रिसर्च के दौरान इसकी खोज कई महीनों पहले की थी। हालांकि इसे तब तकनीकी गलती माना गया था।
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कैसे किया गया डेल्टाक्रॉन को डिटेक्ट
डेल्टाक्रॉन की कहानी फरवरी के मध्य शुरू हुई थी, जब पैरिस के पाश्चर इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस का अनुवांशिक अनुक्रम अपलोड किया था, जो कोरोना के अन्य वैरिएंट से काफी अलग था।
एनएचएस, यूके द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक डेल्टाक्रॉन के लक्षण कोरोना के सामान्य लक्षण जैसे देखने को मिल रहे हैं, लेकिन वैज्ञानिक अभी इसकी निगरानी कर रहे हैं। एनएचएस का कहना है कि इससे संक्रमित मरीजों में कोरोना के सामान्य लक्षण जैसे सर्दी, खांसी, बुखार, चक्कर आना गंध या स्वाद ना आना जैसे लक्षण देखे जा सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे जो लोग पहले कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं या फिर डायबिटीज, ब्लड प्रेशर या किसी अन्य बीमारी से पीड़ित हैं उनकी स्थिति खराब हो सकती है।