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Ganesh Chaturthi: गणेश चतुर्थी पर दूब घास का ऐसे करें इस्तेमाल, शरीर रहेगा स्वस्थ और निरोग

Updated Sep 01, 2019 | 08:03 IST |

भगवान गणेश ही एक ऐसे देवता है जिनकी पूजा में उन्हें तुलसी नहीं बल्कि दुर्वा चढ़ायी जाती है। यह घास सिर्फ पूजा में ही इस्तेमाल नहीं होती है बल्कि औषधि के भी रूप में इस्तेमाल की जाती है।

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Durva Grass Benefits
मुख्य बातें
  • दुर्वा घास में हाइपोग्‍लाइसेमिक गुण पाया जाता है जो रक्‍त शर्करा को नियंत्रित रखता है
  • दूब घास के सेवन से वजन नियंत्रित रहता
  • दुर्वा घास में औषधीय गुण पाये जाते हैं जो शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं

हिंदू धर्म में प्रत्येक वर्ष गणपति बप्पा के जन्मोत्सव का पर्व गणेश चतुर्थी बहुत धूमधाम से मनायी जाती है। इस वर्ष गणेश चतुर्थी 2 सितंबर को है और हर जगह इसकी तैयारियां चल रही हैं। इस उत्सव का बहुत ही विशेष महत्व है। इसके साथ ही गणपति पूजन के लिए भी विशेष पूजा सामग्री की जरूरत पड़ती है। माना जाता है कि गणपति की पूजा के लिए दुर्वा या दूब घास का बहुत महत्व है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान गणेश ही एक ऐसे देवता है जिनकी पूजा में उन्हें तुलसी नहीं बल्कि दुर्वा चढ़ायी जाती है। पूजा के दौरान इक्कीस दुर्वा को मिलाकर गांठ बनायी जाती है और गणपति के मस्तक पर चढ़ायी जाती है। लेकिन यह घास सिर्फ पूजा में ही इस्तेमाल नहीं होती है बल्कि औषधि के भी रुप में इस्तेमाल की जाती है। आइये जानते हैं सेहत के लिए दुर्वा घास किस तरह फायदेमंद है।

जानें दूब घास के फायदे

डायबिटीज में प्रभावी
दुर्वा घास में हाइपोग्‍लाइसेमिक गुण पाया जाता है जो रक्‍त शर्करा को नियंत्रित रखता है। इसके साथ ही यह मधुमेह के लक्षणों को भी कम करने में सहायक है। दुर्वा घास के रस को नीम के पत्ते के रस में मिलाकर सेवन करने से डायबिटीज से छुटकारा मिल जाता है।

वजन घटाने के लिए 
दूब घास के सेवन से वजन नियंत्रित रहता है। दूब घास के तीन चम्मच रस में आधा चम्मच काली मिर्च पाउडर और एक चुटकी जीरा डालकर काढ़ा बनाकर पीने से मोटापा कम होता है।

इम्युनिटी बढ़ाने के लिए
दूब घास में कुछ विशेष पोषक तत्व एवं एंटीऑक्सीडेंट पाये जाते हैं। इसके अलावा इसमें बायो रासायनिक यौगिक भी मौजूद होते हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाते हैं और बीमारियों से शरीर की रक्षा करते हैं।

कब्ज दूर करने में
दुर्वा घास में औषधीय गुण पाये जाते हैं जो शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। दूब घास के रस का सेवन करने से पेट में कब्ज नहीं बनता है और मल त्यागने में परेशानी नहीं होती है।

एनीमिया में फायदेमंद
दूर्वा घास रक्तशोधक का कार्य करती है। यह रक्त की क्षारीयता बनाए रखती है और उसे शुद्ध करने का कार्य करती है। दूब घास के सेवन से हीमोग्लोबिन बढ़ता है और शरीर में खून की कमी नहीं होती है।

पाचन शक्ति बढ़ाने के लिए
दूब घास के रस का सेवन करने से एसिडिटी की समस्या दूर हो जाती है और भोजन बहुत आसानी से पच जाता है। इससे पाचन शक्ति तो बढ़ती ही है, साथ में पेट से जुड़े रोगों से मुक्ति मिलती है।

गणेश चतुर्थी पर पूजा सामग्री में दुर्वा घास को शामिल करने के अलावा इसके औषधीय गुणों का भी लाभ उठाया जा सकता है। इससे भगवान गणेश की कृपा के साथ ही आपकी सेहत भी ठीक रहेगी।

डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता।

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