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दुनिया की सबसे महंगी दवा, 3 साल का मासूम और असाध्‍य रोग: आखिरकार खिले चेहरे, क्राउड फंडिंग से जुटाए 16 करोड़

Updated Jun 13, 2021 | 08:01 IST

सिकंदराबाद में स्पाइनल मस्‍कुलर एट्रॉफी से पीड़‍ित तीन साल के मासूम का इलाज दुनिया की सबसे महंगी दवा से किया गया। इसके लिए 16 करोड़ रुपये क्राउड फंडिंग से जुटाए गए। सरकार ने 6 करोड़ की इंपोर्ट ड्यूटी भी माफ की।

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दुनिया की सबसे महंगी दवा से 3 साल के मासूम का इलाज किया गया

हैदराबाद : बीमारी कोई भी हो, यह न सिर्फ बीमार, बल्कि उसके परिजनों को भी तोड़कर रख देती है और जब रोग असाध्‍य हो तो किस तरह निराशा हर तरफ से घेर लेती है, यह कोई कहने की बात नहीं है। हैदराबाद एक परिवार भी निराशा के ऐसे ही घोर अंधकार से जूझ रहा था, जब उन्‍हें पता चला कि तीन साल के जिस मासूम को लेकर वे भव‍िष्‍य के सपने बुन रहे हैं, वह एक असाध्‍य रोग से पीड़‍ित है और इसके इलाज के लिए करोड़ों रुपये की जरूरत है। अंतत: दुनिया की सबसे महंगी दवा से मासूम का इलाज हुआ और चेहरों पर मुस्‍कान लौट आई।

यह बच्‍चा अयांश स्‍पाइनल मस्‍कुलर एट्रॉफी (SMA) से पीड़‍ित है, जिसके उपचार के लिए उसे 9 जून को ZOLGENSMA इंजेक्‍शन दिया गया। यह एक सिंगल डोज इंट्रावेनस इंजेक्‍शन है, जिसकी कीमत 16 करोड़ रुपये है। यह रकम क्राउड फंडिंग से जुटाई गई। दवा भारत में उपलब्‍ध नहीं है, इसलिए इसे अमेरिका से मंगवाया गया, जिस पर लगभग 6 करोड़ रुपये की इंपोर्ट ड्यूटी आती है। लेकिन सरकार ने इसे माफ कर दिया।

सिकंदराबाद के रेनबो चिल्‍ड्रन्‍स हॉस्‍प‍िटल में मासूम को यह इंजेक्‍शन दिया गया। बीते 10 महीने में यहां विशेषज्ञों ने ऐसे तीन मामलों का उपचार किया है। पीडियाट्रिक न्‍यूरोलॉजिस्‍ट डॉ. रमेश कोनांकी की देखरेख में बच्‍चे का इलाज हुआ। 

जीन को नुकसान पहुंचाता है ये गंभीर रोग

SMA एक न्‍यूरोम‍स्‍कुलर रोग है, जिसमें SMN1 जीन को नुकसान पहुंचता है। इससे पीड़‍ित बच्‍चों में ऊपरी व निचले लिंब्‍स के मसल्‍स कमजोर होते चले जाते हैं, जिससे आगे चलकर उन्हें सांस लेने में परेशानी और निगलने की भी समस्‍या होती है। एक अनुमान के मुताबिक 10,000 में से कोई एक बच्‍चा इससे पीड़‍ित होता है और इस वक्‍त भारत में करीब 800 बच्‍चे इससे पीड़‍ित हैं। इस रोग से पीड़ित अधिकांश बच्‍चे इलाज के अभाव में दो साल के भीतर दम तोड़ देते हैं।

ZOLGENSMA इस बीमारी के उपचार के लिए सिंगल डोज इंट्रावेनस इंजेक्‍शन जीन थेरेपी है, जिसमें नष्‍ट हो चुके SMN1 जीन को adenoviral vector से रिप्लेस किया जाता है। इससे पहले अगस्‍त 2020 और अप्रैल 2021 में सिकंदराबाद के इस अस्‍तपाल में इस दवा से दो बच्‍चों का इलाज किया गया था। दोनों बच्‍चों की स्थिति फिलहाल बेहतर बताई जा रही है।

चेहरों पर लौटी मुस्‍कान

इस जीवनरक्षक इंजेक्‍शन दिए जाने के बाद अयांश के माता-पिता की खुशी का ठिकाना नहीं है। पिता योगेश गुप्‍ता ने अस्‍पताल और सभी डोनर्स का शुक्रिया अदा किया, जिनकी वजह से आज उनके बच्‍चे को नई जिंदगी मिली। अयांश के माता-पिता ने क्राउड फंडिंग के जरिये यह रकम जुटाई थी, जिसमें ImpactGuru का अहम योगदान रहा। इसके बाद केंद्रीय वित्‍त मंत्रालय ने इस पर करीब 6 करोड़ रुपये की इंपोर्ट ड्यूटी माफ कर दी।

ImpactGuru ने अयांश के लिए क्राउड फंडिंग से 14.84 करोड़ रुपये जुटाए। 62,450 डोनर्स ने इसके लिए मदद दी, जिसमें सर्वाधिक 56 लाख रुपये एक दानदाता ने दी। क्रिकेट से लेकर फिल्‍म जगत और अन्‍य क्षेत्र की हस्तियों ने भी इसमें मदद दी। विराट कोहली, अनुष्‍का शर्मा, अर्जुन कपूर, सारा अली खान, अजय देवगन, अनिल कपूर जैसी हस्तियां मासूम की मदद के लिए आगे आईं।