- कोरोना को मात देने के लिए वैक्सीन की दोनों डोज लेना है आवश्यक।
- कोवैक्सिन और कोविशील्ड की डोज को नहीं किया जा सकता मिक्स, भूलकर भी ना करें ये गलती।
- वैक्सीन की कमी के चलते पिछले 30 दिनों में टीकाकरण 30 फीसदी से नीचे गिरा।
कोरोना की दूसरी लहर ने देशभर में कोहराम मचा रखा है, बीते दिन लाखों लोग इस भयावह महामारी के चपेट में आए और हजारों की तादाद में लोग अपनी जान गंवा बैठे हैं। हालांकि दूसरी लहर अब धीरे धीरे कम होने की उम्मीद लगाई जा रही है और संक्रमण के मामले पहले से कम आ रहे हैं। लेकिन मौत के आंकड़ो में कोई खासा कमी नहीं आई है। तथा वैज्ञानिकों द्वारा अभी तीसरे लहर की आशंका जताई जा रही है।
केंद्र और राज्य सरकार द्वारा दूसरी लहर से निपटने व तीसरी लहर से बचने के लिए देशभर में वैक्सीनेशन का महाभियान चलाया गया है। इसके अंतर्गत 18 साल से ऊपर के लोगों को धड़ाधड़ वैक्सीन लगाई जा रही है, लेकिन देश में वैक्सीन की कमी के चलते टीकाकरण 30 दिन में 50 फीसदी से नीचे आ चुका है।
वैक्सीनेशन की कमी के चलते कई राज्यों में टीकाकरण की गति धीमी हो गई है। जिसके कारण वैक्सीन की पहली डोज ले चुके लोग निर्धारित अंतराल के बीच दूसरी डोज नहीं ले पा रहे हैं। ऐसे में लोगों के मन में वैक्सीनेशन को लेकर कई तरह के सवाल उत्पन्न हो रहे हैं। उनका कहना है कि क्या कोविशील्ड और कोवैक्सिन की खुराक को आपस में मिला सकते हैं, आइए जानते हैं।
जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन के अलावा सभी वैक्सीन की दो खुराक लेने की आवश्यकता है। कोरोना के खिलाफ वैक्सीन अधिक कारगार हो इसके लिए आवश्यक है कि वैक्सीन की दोनों डोज अपने निर्धारित समय पर ली जाए। आपको बता दें वैक्सीन की पहली खुराक शरीर में एंटीबॉडी प्रतिक्रिया का निर्माण करती है।
वहीं दूसरी डोज प्रतिक्रिया को मजबूत करती है। विशेषज्ञों द्वारा सलाह दी जाती है कि पहले डोज के बाद यदि व्यक्ति कोरोना के चपेट में आ जाता है तो उसे दूसरा डोज लेना चाहिए। साथ ही कोशिश करें कि वैक्सीन की दूसरी डोज निर्धारित अंतराल के भीतर लें ताकि वह कोरोना को मात देने में अधिक कारगार हो।
वैक्सीनेशन की कमी के चलते कई राज्यों में टीकाकरण की गति धीमी हो गई है। ऐसे में जो लोग वैक्सीन की पहली डोज ले चुके हैं और दूसरी डोज लेने में देरी हो रही है, उन्हें अधिक चिंतित नहीं होना चाहिए। विशेषज्ञों द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक दूसरी डोज ना मिलने या दूसरी डोज में देरी होने से वैक्सीन की पहली डोज खराब नहीं जाती है।
वहीं हाल ही में स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक कोविशील्ड वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज के बीच समय अंतराल जितना ज्यादा होता है वैक्सीन उतनी अधिक कारगार होती है। ऐसे में यदि वैक्सीन की दूसरी डोज लेने में देरी हो जाती है, तो भी दूसरी डोज अवश्य लें। साथ ही कोरोना के प्रति अहतियात बरतें।
विशेषज्ञों के मुताबिक कोवैक्सीन और कोविशील्ड की दोनों डोज को मिक्स नहीं किया जा सकता है। इन दोनों को कभी भी किसी हालत में मिक्स नहीं किया जाना चाहिए। यदि आप पहली डोज कोवैक्सीन की लेते हैं तो दूसरी डोज भी कोवैक्सीन की ही लें।
यदि आप पहली और दूसरी डोज में दोनों वैक्सीन को मिक्स कर देते हैं तो यह कोरोना को मात देने में अधिक प्रभावी नहीं होगा, साथ ही आपको स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि सभी टीके अलग अलग तरीके से बनाए जाते हैं और शरीर में अलग तरीके से काम करते हैं।
यदि आप पहली और दूसरी डोज में दोनों वैक्सीन को मिक्स कर देते हैं तो यह कोरोना को मात देने में अधिक कारगार नहीं होगा। साथ ही यह आपके लिए स्वास्थ्य समस्याएं भी पैदा कर सकता है। इससे थकान, सिर दर्द, एलर्जी और बदन में दर्द जैसी परेशानियां सामने आ सकती हैं।
इसके अलावा खून पतला करने वाली दवाओं का इस्तेमाल करने वालो में ब्लड क्लॉटिंग की समस्या हो सकती है। ऐसे में वैक्सीन की दोनों खुराक को भूलकर भी मिक्स ना करें।
विशेषज्ञों द्वारा लगातार इस पर शोध किया जा रहा है कि क्या अलग अलग वैक्सीन की दोनों डोज का मिश्रण कोरोना के खिलाफ लड़ने में अधिक मददगार साबित हो सकता है। हाल ही में 600 से अधिक प्रतिभागियों पर एक नैदानिक अध्ययन के दौरान ऑक्सफॉर्ड एस्ट्रेजेनेक (कोविशील्ड) और फाइजर एमआरएनए के खुराक को मिक्स किया गया। जिसमें पाया गया कि यह संक्रमण के खिलाफ लड़ने के लिए शक्तिशाली प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया प्रदान करता है।
देश को कोरोना के भयावह प्रकोप के चंगुल से निकालने के लिए वैक्सीनेशन ही एकमात्र हथियार है। लेकिन इस दौरान भारत वैक्सीन की भारी कमी से जूझ रहा है। वैक्सीनेशन की कमी के चलते टीकाकरण 30 दिन में 50 फीसदी से नीचे आ चुका है। ऐसे में यदि आपने वैक्सीन की पहली डोज लगवा लिया है तो दूसरी डोज लगवाने के लिए धैर्य रखें। तथा किसी के कहने पर पहली और दूसरी डोज के दौरान कोवैक्सीन और कोविशील्ड को मिक्स ना करें।
जल्दबाजी में आकर और बिना सोचे समझे ये कदम उठाना आपके लिए भयावह सिद्ध हो सकता है। भले ही सरकार के वैज्ञानिक सलाकारों ने यह सिद्ध किया है कि वैक्सीन के दोनों डोज को मिक्स किया जा सकता है, लेकिन इसका कोई प्रमाण मौजूद नहीं है। ऐसे में वैक्सीन को लेकर जरा सी भी लापरवाही ना बरते अन्यथा यह आपके के लिए संकट बन सकता है।