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TB Vaccine : भारत 2024 तक तैयार कर लेगा टीबी के खिलाफ वैक्सीन, जारी है तीसरे फेज का ट्रायल

India will prepare vaccine against TB by 2024, third phase trial continues
Updated Apr 01, 2022 | 23:25 IST

ICMR-NARI भारत के टीबी उन्मूलन के लक्ष्य में मदद करने के लिए विभिन्न मोर्चों पर काम कर रहा है। भारत दो साल में टीबी की वैक्सीन तैयार कर लेगा। ट्रायल का तीसरा फेज चल रहा है।

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India will prepare vaccine against TB by 2024, third phase trial continuesIndia will prepare vaccine against TB by 2024, third phase trial continues
तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
टीबी के खिलाफ वैक्सीन लाने की तैयारी

नई दिल्ली: भारत दो साल में तपेदिक (tuberculosis) यानी टीबी के खिलाफ एक वैक्सीन तैयार कर सकता है। दो मरीजों पर क्लीनिकल ट्रायल का तीसरा फेज 2024 में समाप्त होने वाला है। पुणे में ICMR-राष्ट्रीय एड्स अनुसंधान संस्थान (NARI) के एक वैज्ञानिक डॉ सुचित कांबले ने बताया कि स्वस्थ घरेलू संपर्कों में तपेदिक (tuberculosis) को रोकने में दो टीबी वैक्सीन उम्मीदवारों- वीपीएम 1002 और इम्यूनोवैक की प्रभावकारिता और सुरक्षा का मूल्यांकन करने के लिए नव निदान थूक सकारात्मक फुफ्फुसीय (sputum positive pulmonary) टीबी रोगियों पर ट्रायल चल रहे हैं। 2025 तक भारत के टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नए टीबी वैक्सीन की तत्काल आवश्यकता है।

कांबले ने पीटीआई को बताया कि एक फेज तीन रेंडोमाइज्ड, डबल-ब्लाइंड, प्लेसबो-नियंत्रित ट्राइल VPM1002 की प्रभावकारिता और सुरक्षा का मूल्यांकन करने के लिए और तपेदिक को रोकने में इम्यूनोवैक टीकों को छह राज्यों- महाराष्ट्र, दिल्ली, तेलंगाना, तमिलनाडु कर्नाटक और ओडिशा में 18 साइटों पर आयोजित किया जा रहा है।

ट्रायल के लिए 6 वर्ष और उससे अधिक आयु के 12,000 प्रतिभागियों का नामांकन पूरा हो चुका है और उनका फोलोअप 2024 तक जारी रहेगा।  ICMR-NARI महाराष्ट्र में मुख्य साइट है और इसने 1,593 स्वस्थ घरेलू संपर्कों का नामांकन पूरा कर लिया है। 38 महीनों के लिए नियमित अंतराल पर इन प्रतिभागियों का अनुसरण किया जा रहा है। पुणे साइट पर अंतिम फोलोअप फरवरी 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है।

कांबले ने कहा कि डेटा के विश्लेषण के बाद, वैज्ञानिक निष्कर्षों के आधार पर, हम इन वैक्सीन की प्रभावकारिता और सुरक्षा के बारे में निष्कर्ष निकालते हैं। हम उम्मीद कर रहे हैं कि भारत में 2024 तक या अधिक से अधिक 2025 तक टीबी के खिलाफ एक अच्छा, प्रभावी टीका होगा। जब परिवार में मामला स्पुतम स्मीयर पॉजिटिव होता है तो घरेलू संपर्कों में टीबी संचरण का जोखिम थोड़ा अधिक होता है।

वर्तमान में, बीसीजी वैक्सीन जन्म के समय बच्चों में प्रयोग किया जाता है। यह ट्रायल भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा प्रायोजित किया जा रहा है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) की निदेशक डॉ प्रिया अब्राहम ने कहा कि ICMR-NARI भारत के टीबी उन्मूलन के लक्ष्य में मदद करने के लिए विभिन्न मोर्चों पर काम कर रही है। इसमें मल्टी-ड्रग प्रतिरोधी टीबी और टीबी वैक्सीन ट्रायल के लिए उपचार ट्रायल शामिल हैं।