- विश्व में करीब 422 मिलियन लोग डायबिटीज के शिकार हैं
- कोरोना महामारी के दौरान भी डायबिटीज के मरीजों को खास ध्यान रखने के लिए हिदायत दी जा रही है
- डायबिटीज से जूझ रहे लोगों को अक्सर त्वचा संबंधित इंफेक्शन हो जाते हैं
नई दिल्ली: डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें मरीजों को अपनी सेहत का हर पल खास ध्यान रखना पड़ता है। दिन पर दिन डायबिटीज के मरीजों की संख्या पूरे विश्व में बढ़ती जा रही है और कुछ रिपोर्ट के अनुसार यह पता चला है कि विश्व में करीब 422 मिलियन से ज्यादा लोग डायबिटीज के शिकार हैं।
यह एक ऐसी बीमारी है जिसे जड़ से मिटाने के लिए अभी तक किसी दवाई का ईजाद नहीं हुआ है। डायबिटीज के लेवल को नियंत्रित रखने के लिए डॉक्टर कुछ दवाइयों का सहारा लेते हैं। कोरोना काल में भी डायबिटीज के मरीजों को सेहत का खास ध्यान रखने के लिए कहा जा रहा है क्योंकि एक शोध के अनुसार करीब 30 प्रतिशत चांस होता है कि डायबिटीज के मरीज जानलेवा कोरोनावायरस के संपर्क में आ सकते हैं।
कई विशेषज्ञ यह बताते हैं कि जो लोग डायबिटीज के शिकार हैं उन्हें कई तरह के स्किन इनफेक्शंस भी होते हैं। डायबिटीज को एक साइलेंट किलर बीमारी कहा जाता है जिसके कई चेतवानी भरे लक्षण होता है जिन्हें अंग्रेजी में वॉर्निंग साइंस कहा जाता है । जानकार बताते हैं कि इंसान की त्वचा सबसे पहले यह संकेत दे सकती है कि आप डायबिटीज की गिरफ्त में हैं या नहीं। अगर आपको अपनी त्वचा में निम्नलिखित बदलाव नजर आ रहे हैं तो उसे नजरअंदाज ना करें।
पीले, लाल और भूरे पैचेज
जब त्वचा में पिंपल जैसे पीले, लाल या भूरे रंग के कठोर लंप्स बन जाते हैं तब इस स्किन कंडीशन को necrobiosis lipoidica कहा जाता है। यह आगे चलकर कठोर और फूले पैचेज का रूप भी ले सकते हैं। कभी कभार यह दर्द और खुजली भी पैदा कर सकते हैं।
वेलवेटी त्वचा
अगर आपके गर्दन, कांख, पेट और जांघ के बीच की त्वचा या किसी अन्य जगह की त्वचा वेलवेटी हो गई है तो यह दर्शाता है कि आपके खून में इंसुलिन की मात्रा बढ़ गई है। इस परिस्थिति को acanthosis nigricans कहा जाता है और यह प्रीडायबिटीक्स में बहुत आम है।
ब्लिस्टर्स
अगर आपके शरीर के विभिन्न अंगों में कई ब्लिस्टर्स यानी फफोले हो गए हैं जिनके अंदर पानी जैसा लिक्विड भरा है तो इसे bullosis diabeticorum या dibecti bullae कहते हैं। यह भले ही दर्दनाक ना हो मगर डायबिटीज का पहला लक्षण जरूर हो सकता है। इसलिए इसे हर्गिज नजरअंदाज नहीं करें।
बहुत दिनों से ठीक ना हुआ जख्म
खराब ब्लड सर्कुलेशन या नर्व डेमेज के वजह से कई बार हाई ब्लड शुगर में जख्म को जल्दी ठीक नहीं होते हैं। यह जख्म कभी-कबार डायबिटिक अल्सर में भी बदल जाते हैं।
आईलिड्स के पास येलो पैचेस
बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल या हाई-फैट लेवल्स के वजह से आंखों के पास येलो पैचेस हो सकते हैं। डायबिटीज के वजह से xanthelasma होता सकता है जिसके वजह से ऐसे ही पैचेस हो सकते हैं।
(डिस्कलेमर : हम यहां मौजूद तथ्यों की पुष्टि नहीं करते हैं। साथ ही सेहत को लेकर कोई भी प्रयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।)