- बिना उबाले दूध में होते हैं हानिकारक जीवाणु
- गाय-भैंस को बढ़ रहा गर्भाश्य कैंसर खतरा
- कैंसरकारक हो सकता है, कच्चा दूध पीना
अगर आप ऐसा सोचते हैं कि कच्चा दूध सेहत के लिए उबले दूध से ज्यादा फायदेमंद होता है तो ये सही नहीं है। जिस तरह से तंबाकू या धूम्रपान करना सेहत के लिए नुकसानदायक होता है, ठीक उसी तरह कच्चा दूध भी होता है।
शोध तो यहां तक बताते हैं कि कच्चा दूध कैंसर के जोखिम से भरा होता है। जानवरों में कैंसर होने की संभावना अब तक केवल घोड़ी में देखने को मिला था लेकिन अब ये गाय और भैसों में भी पाया जाने लगा है। यही कारण है कि अब कच्चे दूध को पीने से इंसान में भी कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
क्यों नहीं पीना चाहिए कच्चा दूध
कई लोग ज्यादा पौष्टिकता पाने के लिए दूध को बिना उबाले ही पीने लगते हैं। कुछ को कच्चे दूध का स्वाद पसंद होता है, लेकिन आपको ये जानकर बेहद आश्चर्य होगा कि उनका ऐसा करना उन्हें कैंसर के जोखिम दे रहा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यदि गाय या भैंस को कैंसर हो गया है तो उसके दूध में भी इसका असर रहता है। यदि बिना उबाले इनके दूध का सेवन किया गया तो इंसान को भी कैंसर का खतरा पैदा हो जाता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि कैंसर फैलाने वाले जीवाणु दूध को उबाले से खत्म हो जाते हैं। जब भी आप दूध का प्रयोग करें वह कम से कम दो बार जरूर उबला हुआ होना चाहिए।
भैंस और गाय में बढ़ रहा है गर्भाशय कैंसर
लुवास के गायनोकोलॉजी डिपार्टमेंट के पशु वैज्ञानिक डॉ. आरके चंदोलिया ने अपनी रिपोर्ट में पाया है कि भैंस और गाय में गर्भाश्य कैंसर का खतरा तेजी से बढ़ने लगा है। हालांकि इन पशुओं की जान गर्भाश्य को निकाल कर बचाई जा सकती है, लेकिन यदि इनके दूध का सेवन इंसान करता रहे तो उसे भी कैंसर का खतरा बढ़ जाएगा।
रासायनिक दवाओं के असर से हो रहा कैंसर
खेतों में रसायनिक दवाओं के छिड़काव और अत्यधिक यूरिया आदि के प्रयोग के कारण गाय-भैसों में कैंसर का खतरा बढ़ने लगा है। पशुओं के चारे अब हानिकारक हो रहे हैं। वहीं रसायनिक दवाओं, रंग पानी में पहुंचते हैं और वहीं पानी जानवरी पी कर बीमारी के शिकार बन रहे हैं।