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दीपिका पादुकोण की तरह क्या आपके दिल की धड़कनें भी अचानक हो जाती हैं तेज? तो जानें क्या है टैकीकार्डिया

Updated Jun 15, 2022 | 12:45 IST

What Is Tachycardia: कल यह खबर सामने आई थी कि बॉलीवुड अदाकारा दीपिका पादुकोण की तबीयत अचानक खराब हो गई थी जिसकी वजह से उन्हें अस्पताल ले जाया गया था। पता चला कि उनकी तबीयत टैकीकार्डिया की वजह से खराब हुई थी। यहां जानें टैकीकार्डिया क्या है और इसके रिस्क को कैसे कम करें।

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What Is Tachycardia (Pic: iStock)
मुख्य बातें
  • शूटिंग के बीच दीपिका पादुकोण की तबीयत हो गई थी खराब।
  • जल्दी-जल्दी में दीपिका पादुकोण को ले जाया गया था अस्पताल।
  • टैकीकार्डिया की समस्या से पीड़ित हैं दीपिका पदुकोण।

What Is Tachycardia: कल बॉलीवुड इंडस्ट्री से एक खबर सामने आई थी जिसकी वजह से हर कोई परेशान हो गया था। कहा जा रहा था कि शूटिंग के दौरान दीपिका पादुकोण की तबीयत बिगड़ गई थी जिसकी वजह से उन्हें अस्पताल ले जाया गया था। दीपिका पादुकोण का हार्ट रेट बहुत बढ़ गया था जिसकी वजह से हर कोई चिंता करने लगा था लेकिन कुछ चेकअप के बाद दीपिका सेट पर वापस आ गई थीं। कहा जा रहा है कि दीपिका पादुकोण की ऐसी हालत टैकीकार्डिया की वजह से हुई थी। पिछले कुछ समय से दीपिका पादुकोण लगातार काम कर रही हैं। कान्स फिल्म फेस्टिवल 2022 से आने के बाद वह अपने आगामी प्रोजेक्ट में बिजी हो गई हैं। ऐसे में ज्यादा काम और स्ट्रेस की वजह से उन्हें यह दिक्कत हो गई होगी। यहां जानें टैकीकार्डिया क्या होता है और इसके रिस्क को कैसे कम करें।

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क्या है टैकीकार्डिया?

जब दिल की धड़कनें अचानक तेज हो जाती हैं तब इस समस्या को टैकीकार्डिया का नाम दिया जाता है। ऐसे में दिल की धड़कनें नॉर्मल रेंज 60-100 प्रति मिनट से भी ज्यादा तेज हो जाती हैं। अगर किसी इंसान को टैकीकार्डिया है तो उस व्यक्ति की दिल की धड़कनें कुछ सेकंड से लेकर कुछ घंटों तक तेज हो सकती हैं। ऐसी परिस्थिति में सीने में दर्द भी हो सकता है। 

अचानक से क्यों बढ़ जाती हैं लोगों की धड़कनें?

टाइम्स नाउ से बात करते हुए डॉक्टर जी रमेश ने यह बताया कि किसी भी व्यक्ति की धड़कनें फिजिकल और साइकोलॉजिकल स्ट्रेस की वजह से तेज हो सकती हैं। इसके साथ एक्सरसाइज, कैफीन का ज्यादा इस्तेमाल करना, एनीमिया, बुखार और हारमोंस की वजह से भी यह परेशानी हो सकती है।

अगर हार्टबीट तेज हो जाए तो क्या करें? 

डॉ जी रमेश ने कहा कि अगर किसी इंसान की हार्टबीट अचानक तेज हो जाती है तो कुछ टेस्ट करवाने चाहिए। एट्रियल फाइब्रिलेशन की वजह से भी हार्टबीट अनियमित हो जाती है। ऐसे में लोगों को ईसीजी, इकोकार्डियोग्राम, हाॅल्टर मॉनिटरिंग, और थाइरोइड समेत स्वास्थ्य को देखते हुए अन्य टेस्ट करवाने की सलाह दी जाती है। कारण का पता लगने पर ट्रीटमेंट किया जाता है। अगर लंबे समय तक हार्टबीट तेज रहती है तो कार्डियोलॉजिस्ट से मिलना चाहिए। 

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क्या पेशेंट के लिए खतरनाक है तेज हार्टबीट?

डॉ जी रमेश ने जवाब दिया कि अगर तेज धड़कनों की वजह से सांस लेने में तकलीफ या बेहोशी महसूस हो रही है तो डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। 

क्लीवलैंड क्लिनिक के विशेषज्ञों ने यह चेतावनी दी है कि टैकीकार्डिया की समस्या के दौरान सावधान रहना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इस हालत में दिल बहुत तेजी से धड़कने लगता है जिसकी वजह से वह अच्छी तरह से खून नहीं भर पाता है। और यह परिस्थिति किसी भी व्यक्ति के लिए खतरनाक हो सकती है।

कैसे करें टैकीकार्डिया के रिस्क को कम?

टैकीकार्डिया के रिस्क को कम करने के लिए सबसे पहले हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल पर नियंत्रण पाना जरूरी है। इससे बचने के लिए स्मोकिंग और तंबाकू का सेवन करना छोड़ दें। टैकीकार्डिया के रिस्क को कम करने के लिए मोटापा और तोंद को कम करना भी जरूरी है। ऐसे में लोगों को हेल्दी डाइट लेने की जरूरत है। अगर समस्या से दूर रहना है तो एल्कोहल से भी दूर रहना होगा। अपना स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए टेंशन, एंग्जाइटी, स्ट्रेस और डिप्रेशन से भी बचना होगा।