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What is Cancer: दिल्ली का बचपन छीन रहा है कैंसर, डरने की नहीं लड़ने की है जरूरत

Updated Aug 26, 2020 | 08:48 IST

Cancer in India:कैंसर का नाम सुनते ही अजीब सा डर घर बैठ जाता है। यहां हम आपको बताएंगे कि किस तरह से स्वास्थ्य के इस सबसे बड़े दुश्मन को अपने से दूर रख सकते हैं।

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कैंसर, स्वास्थ्य सेवा के लिए बड़ी चुनौती

नई दिल्ली। अगले एक-दो दशक में देश को कैंसर की महामारी का सामना करना पड़ सकता है.क्योंकि पश्चिम में एस्बेस्टस के संपर्क में आने से पहले सावधानी बरती जाती थी लेकिन भारत में ऐसा नहीं होता है।''आपको बता दें कि भारत में सफ़ेद एस्बेस्टस के खनन पर रोक है लेकिन इसके आयात, निर्यात और निर्माण उद्योग में इस्तेमाल पर कोई रोक नहीं है।

भारत कच्चे एस्बेस्टस का सबसे ज़्यादा आयात करने वाले देशों में से एक है. यह आयात कनाडा, ब्राज़ील, रुस और ज़िम्बाब्वे जैसे देशों से किया जाता है। एस्बेस्टस सीमेंट प्रोडक्टस मैन्युफेचर्रस एसोसिएशन के मुताबिक़ भारत में यह उद्योग सौ करोड़ डॉलर का है और करीब तीन लाख लोग इससे जुड़े हुए हैं।

कैंसर की वजहें
कैंसर बीमारी को लेकर अभी इतनी जानकारी नहीं है, कैंसर होने के कई कारण हैं- Internal Defence/Immune System पर बहुत कुछ निर्भर करता है।इसके अलावा कुछ कैंसर में इन्सान की Genetic Profiling बहुत महत्वपूर्ण है।Genetic Profiling के मुताबिक कई तरह कैंसर होंगे या नहीं ये इस पर निर्भर करता है।

लंग कैसर की बड़ी वजह
लंग कैंसर का एक कारण कैमिकल्स, ऑटोमोबाइल्स के प्रदूषण में मौजूद हाइड्रोकार्बन्स के particles होते हैं, जिससे लंग कैंसर होने का ज्यादा ख़तरा रहता है। 3.खाने को कैसे पकाया जाता है, क्या Food habbits हैं, इस पर भी बहुत कुछ निर्भर करता है-मसलन जैसे फ्राइड, ग्रिल्ड (grilled), भूना हुआ होने से एक अलग तरह का Chemical Produce होता है, जिससे कैंसर होने का खतरा होता है....सबसे सुरक्षित रहता है कि आप उबला हुआ खाना खाएं


महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर
महिलाओं में Breast Cancer का खतरा रहता है, स्तन कैंसर होने के कई कारण है, उनमें से एक है lack of physical execrise, मोटापा, इसके अलावा देर से शादी होना, Breast feeding नहीं करवाना, Conceive नहीं करता, या फिर Breast Cancer का फैमिली हिस्ट्री होना।

दिल्ली का 'बचपन' छीन रहा कैंसर! 

बच्चों में बढ़ रहे ल्यूकेमिया के केस 

कैंसर पीड़ित लड़के-लड़कियों की संख्या बराबर

कैंसर से कैसे बचें? 
बीड़ी-सिगरेट पीना छोड़ें
गुटखा, 
तंबाकू न खाएं
 शराब पीना बंद कर दें
 अच्छी, पौष्टिक डाइट लें 
रोजाना एक्सरसाइज करें
 बीमारी का सही इलाज कराएं
कैंसर को लेकर अभी भी भारत में जागरुकता की भारी कमी है, लिहाजा early detection एवं early Screening से कैंसर की जंग शुरुवाती दौर में शुरू कर कैंसर को मात दी जा सकती है. आमूमन लोग regular Medicine डॉक्टर के पास जाते हैं या फिर दिल की जांच के लिए Cardiologist के पास जाते हैं, लेकिन कैंसर के डॉक्टर यानि Oncologist डॉक्टर का रूख कभी नहीं किया जाता है. जबकि एक स्वस्थ इंसान को भी Oncologist यानि कैंसर डॉक्टर के पास जाना चाहिए और डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए


Breast Cancer- कैंसर के डॉक्टर प्रवीन बंसल के मुताबिक महिलाओं को Breast Cancer से बचने के लिए Mamography Screening करवाना चाहिए. ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) महिलाओं में सबसे अधिक होने वाले कैंसर में से एक है। डॉ. बंसल के मुताबिक इस कैंसर को लेकर हाल ही में एक शोध हुआ है। इस शोध के मुताबिक, कई महिलाओं पर हुए अध्ययन से पता चला है कि ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआत में ही मैमोग्राफी स्क्रीनिंग (Mammography Screening) से ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम ( Breast Cancer Risk) किया जा सकता है। । इस अध्ययन में शोधकर्ताओं की टीम ने स्वीडन की लगभग एक तिहाई महिलाओं के डाटा की जांच की है, जिनका मैमोग्राफी स्क्रीनिंग किया जा सकता था। इस अध्ययन के बारे में शोधकर्ता लेज्लो टेबर का कहना है कि स्तन कैंसर की समय से जांच होने पर इसके खतरे को काफी हद तक कम (Reduction in Cancers) किया जा सकता है।

अगर मरीज लक्षणों पर गंभीरता से ध्यान दें और पता चलते ही उसका इलाज कराए तो कैंसर पूरी तरह ठीक हो सकता है। पहली स्टेज के कैंसर के काफी हद तक ठीक होने का आसार होते हैं।

कैंसर की बेसिक बातें
कैंसर क्या है?
हमारे शरीर में कोशिकाओं (सेल्स) का लगातार विभाजन होता रहता है और यह सामान्य-सी प्रक्रिया है, जिस पर शरीर का पूरा कंट्रोल रहता है। लेकिन जब शरीर के किसी खास अंग की कोशिकाओं पर शरीर का कंट्रोल नहीं रहता और वे असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं तो उसे कैंसर कहते हैं। जैसे-जैसे कैंसर ग्रस्त कोशिकाएं बढ़ती हैं, वे ट्यूमर (गांठ) के रूप में उभर आती हैं। हालांकि हर ट्यूमर में कैंसर वाले सेल्स नहीं होते लेकिन जो ट्यूमर कैंसर ग्रस्त है, अगर उसका इलाज नहीं किया जाता है तो यह पूरे शरीर में फैल सकता है।


कैसे होता है शुरू
 कोशिका के जीन में बदलाव से कैंसर की शुरुआत होती है। जीन में बदलाव अपने आप भी हो सकता है या फिर कुछ बाहरी कारकों, मसलन तंबाकू, वायरस, अल्ट्रावाइलेट रे, रेडिएशन (एक्सरे, गामा रेज आदि) आदि की वजह से भी। अमूमन इम्यून सिस्टम ऐसी कोशिकाओं को खत्म कर देता है, लेकिन कभी-कभार कैंसर की कोशिकाएं इम्यून सिस्टम पर हावी हो जाती हैं और फिर बीमारी अपनी चपेट में ले लेती है।

कैंसर के ये हैं यार
-तंबाकू पुरुषों में कैंसर के करीब 60 फीसदी मामले मुंह और गले के कैंसर के होते हैं और इसके बाद आता है फेफड़ों का कैंसर। इन तीनों ही कैंसर की सबसे बड़ी वजह तंबाकू है। कैंसर के कुल 40 फीसदी मामले तंबाकू की वजह से होते हैं, फिर चाहे पीनेवाला तंबाकू (सिगरेट, बीड़ी, हुक्का आदि) हो या फिर खाने वाला (गुटखा, पान मसाला आदि)।
-शराब ज्यादा शराब पीना भी खतरनाक है। ज्यादा शराब पीने से मुंह, खाने की नली, गले, लिवर और ब्रेस्ट कैंसर की आशंका बढ़ जाती है। अल्कॉहल और साथ में तंबाकू का सेवन कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ा देता है।
-मोटापा अगर किसी के शरीर में फैट बढ़ जाता है तो उसका वजन बढ़ जाता है।
( यह लेख डॉ प्रवीन बंसल,ऑनकोलॉजी विभाग, एशियन ग्रुप ऑफ हास्पिटल से बातचीत पर आधारित है)