- भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंकीपॉक्स को लेकर गाइडलाइन जारी की है
- मंकीपॉक्स, कोविड-19 जैसी कोई नई बीमारी नही है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार मौजूदा समय में मृत्यु दर 3-6 फीसदी के बीच है।
Monkeypox cases in india:उत्तर प्रदेश के के नोएडा में मंकीपॉक्स (Monkeypox) का एक संदिग्ध मामला सामने आया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, मरीज एक 47 वर्षीय महिला है, जिसने मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग से संपर्क किया, जिसके बाद उसके नमूने लिए गए। हालांकि अभी उसे मंकीपॉक्स होने की पुष्टि नहीं हुई है। देश में अब तक 4 कंफर्म केस पाए गए हैं। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी मंकीपॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी (Global Health Emergency) घोषित कर दिया है। सीडीसी की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के 76 देशों में मंकीपॉक्स के 19,188 हजार से ज्यादा केस हो चुके हैं। इसे देखते हुए मंकीपॉक्स के लक्षणों को जानना बेहद जरूरी है..
इन बातों का न करें इग्नोर
बढ़ते मामलों को देखते हुए भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंकीपॉक्स को लेकर गाइडलाइन जारी की है, जिसके अनुसार अगर किसी व्यक्ति की बीते 21 दिनों में ऐसे किसी देश की ट्रैवल हिस्ट्री है, जहां पर मंकीपॉक्स का संक्रमण है, तो उसे इन बातों का खास तौर से ध्यान देना जरूरी है..
1.शरीर पर सूंजे हुए लिम्फ नोड या ग्रंथियां
2.बुखार
3.सिर दर्द
4.शरीर दर्द
5.कमजोरी लगना
6.शरीर पर रैशेज
आदि के लक्षण दिखाईं दे तो तुरंत उसकी जानकारी स्वास्थ्य अधिकारियों को दी जाय।
इनका भी रखें ध्यान
- इसके अलावा शरीर पर रैशेज ,बुखार आने के 1-3 दिन बाद दिखाई पड़ते हैं और वह 2-4 हफ्ते तक रह सकते हैं।
- इसी तरह पहले रैशेज मुंह और जीभ पर दिख सकते हैं, इसके बाद हाथ, पैर, हथेली और दूसरे अंगों पर आते हैं।
- मंकीपॉक्स की पुष्टि लैब टेस्टिंग के बाद ही होती है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार मौजूदा समय में मृत्यु दर 3-6 फीसदी के बीच है।
Monkeypox case in Noida : नोएडा में भी मिला मंकीपॉक्स का संदिग्ध मामला, भारत में अब तक 4 मामले
कोविड-19 से अलग है मंकीपॉक्स
मंकीपॉक्स, कोविड-19 जैसी कोई नई बीमारी नही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)के अनुसार 1970 में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आने के बाद अफ्रीका के 11 देशों में पहले भी केस आ चुके हैं। इसमें बेनिन, कैमरून, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, गैबॉन, कोटे डी आइवर, लाइबेरिया, नाइजीरिया, कांगो गणराज्य, सिएरा लियोन और दक्षिण सूडान शामिल हैं।
संक्रमण कैसे फैलता है
यह वायरस जंगली जानवरों से फैला है। उसके बाद उस संक्रमित इंसान के जरिए बाकी इंसानों से अलग-अलग तरह के संपर्क जरिए यह वायरस फैलता है। जैसे किसी दूसरे के तौलिए का इस्तेमाल करने से या जहां कहीं आप बैठे हैं वहां उस वायरस के अवशेष से, या सेक्सुअल कॉन्टैक्ट बनाने से फैलता है।