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Mudras for Fertility: प्रजनन शक्ति में आ रही है कमी, तो करें ये 3 योगासन, होगा फायदा

Updated Apr 06, 2023 | 13:25 IST

Mudras for Fertility: लाइफस्टाइल की गलत आदतों की वजह से महिलाओं में एग्स और पुरुषों में स्पर्म काउंट कम होता है, जिससे प्रजनन शक्ति कम होती है। इसके लिए सही डाइट का होना आवश्यक है। इसके अलावा कुछ ऐसे योगासन भी हैं, जिनसे प्रजनन शक्ति को बढ़ाया जा सकता है।

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Fertility
मुख्य बातें
  • प्रजनन शक्ति को बढ़ाने के लिए करें उषा मुद्रा
  • योनि मुद्रा से बढ़ेगी प्रजनन क्षमता
  • त्रिमूर्ति मुद्रा भी है फायेदमंद

Mudras for Fertility: खराब खान-पान और गलत लाइफस्टाइल की वजह से अक्सर कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी हो जाती हैं, इन्हीं में से एक है फर्टिलिटी की समस्या। खान-पान और लाइफस्टाइल की गलत आदतों की वजह से महिलाओं में एग्स और पुरुषों में स्पर्म काउंट कम होता है, जिससे प्रजनन शक्ति कम होती है। इसके लिए सही डाइट का होना आवश्यक है। इसके अलावा कुछ ऐसे योगासन भी हैं, जिनसे प्रजनन शक्ति को बढ़ाया जा सकता है। आज इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसे कुछ ऐसी योग मुद्राओं के बारे में, जिनसे महिलाओं को गर्भधारण करने में आसानी होगी। 

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इन योग मुद्राओं से गर्भधारण करने में होगी आसानी

उषा मुद्रा

इस मुद्रा को करने के लिए सबसे बैठ जाएं। फिर अपने दोनों हाथों की हथेलियों को ऊपर की दिशा में करके उंगलियों को आपस में फंसा लें। महिलाएं इस मुद्रा को करते वक्त अपने दाएं हाथ के अंगूठे को बाएं हाथ के अंगूठे और तर्जनी उंगली के बीच रखने की कोशिश करें और हल्के से दबाएं। इस योगाभ्यास को रोजना 5 मिनट करें। इससे गर्भधारण करने में आने वाली बाधाएं दूर होंगी। 

योनि मुद्रा

इस योगाभ्यास को करने के लिए सबसे पहले सुखासन में बैठ जाएं। फिर अपने शरीर को सीधा रखें और कंधों का थोड़ा सा ढीला छोड़ दें। इसके बाद अपने दोनों हाथों को ऊपर उठाएं। 
इसके बाद अंगूठों को कानों के पास रखें और तर्जनी उंगली को अपनी आंखों पर, मध्यमा  को नाक के पास, अनामिका को होंठों के ऊपर और छोटी उंगली को होंठों के नीचे रखें। फिर नाक से सांस लें। फिर नाक के दोनों छिद्रों को दोनों हाथों की मध्यमा उंगली से बंद कर लें। फिर अपनी क्षमता के अनुसार कुछ समय के लिए सांस को रोक कर रखें। फिर कुछ समय तक ओम का जाप करते हुए सांस को धीरे-धीरे बाहर छोड़ दें। 

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त्रिमूर्ति मुद्रा 

इस मुद्रा को करने के लिए सबसे पहले रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। फिर एक आरामदायक पोजिशन में बैठ जाएं। फिर दोनों हाथों की हथेलियों को हृदय केंद्र पर रखें। इसके बाद अंगूठे और तर्जनी अंगुली को जोड़कर हथेलियों को पंखों की तरह खोलें। फिर हथेलियों को अपने शरीर की ओर लाते हुए अपनी ओर पलट लें। ये कुछ इस तरह से करें कि आपकी तर्डनी उंगली नीचे आ जाए। इसके बाद लंबी सांस लेकर आराम से छोड़ें। 

( डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)