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Covid-19 Medicine: अच्छी खबर, पहली बार मिला कोरोना वायरस का प्रमाणित और असल तोड़ !

Updated Jun 16, 2020 | 19:55 IST

Coronvirus drug Dexamethasone : कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में इंग्लैंड से एक अच्छी खबर आ रही है। कोरोना वायरस के खिलाफ पहली प्रमाणित कारगर दवाई मिल गई है।

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तस्वीर साभार:&nbspIANS
ऑक्सफर्ड विश्वविद्यालय द्वारा डेक्सामेथासोन को लेकर बड़ा दावा
मुख्य बातें
  • ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का बड़ा ऐलान व दावा
  • ढूंढ ली गई कोरोना वायरस पर कारगर साबित होने वाली पहली दवाई
  • डेक्सामेथासोन के जरिए बचाई जा सकती है गंभीर रोगियों की जान

Coronavirus Vaccine and treatment: जब से कोरोना वायरस महामारी ने पूरी दुनिया में अपना प्रकोप फैलाया है, उसके बाद से हजारों वैज्ञानिक अलग-अलग देशों में कोविड-19 के लिए वैक्सीन और दवाई की खोज में लगे हुए हैं। इस बीच तमाम देशों व कंपनियों में वैक्सीन को लेकर सकारात्मक दावे किए हैं लेकिन अभी भी किसी दवाई को पूरी तरह प्रमाणित नहीं माना गया। अब इंग्लैंड से अच्छी खबर आई है। खबर ये है कि वैक्सीन की रेस में सबसे आगे चल रहे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने पहली प्रमाणित दवा ढूंढने का दावा किया है। उनके मुताबिक ये दवा गंभीर रोगियों में कोरोना का इलाज करने में पूरी तरह कारगर साबित हुई है। 

इंग्लैंड में शोधकर्ताओं का कहना है कि पहला ऐसा प्रमाण मिला है कि एक दवा कोविड-19 के मरीजों को बचाने में कारगर हो सकती है। डेक्सामेथासोन नामक स्टेराइड के इस्तेमाल से गंभीर रूप से बीमार मरीजों की मृत्यु दर एक तिहाई तक घट गयी। मंगलवार को नतीजों की घोषणा की गयी और जल्द ही अध्ययन को प्रकाशित किया जाएगा। अध्ययन के मुताबिक सख्ती से जांच करने और औचक तौर पर 2104 मरीजों को दवा दी गयी और उनकी तुलना 4321 मरीजों से की गयी, जिनकी साधारण तरीके से देखभाल हो रही थी।

35 फीसदी तक घटी मृत्यु दर

दवा के इस्तेमाल के बाद श्वसन संबंधी मशीनों के साथ उपचार करा रहे मरीजों की मृत्यु दर 35 प्रतिशत तक घट गयी। जिन लोगों को ऑक्सीजन की सहायता दी जा रही थी उनमें भी मृत्यु दर 20 प्रतिशत कम हो गयी। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ता पीटर होर्बी ने एक बयान में कहा, ‘ये काफी उत्साहजनक नतीजे हैं।’

महंगी नहीं है दवाई

उन्होंने कहा, ‘‘मृत्यु दर कम करने में और ऑक्सीजन की मदद वाले मरीजों में साफ तौर पर इसका फायदा हुआ। इसलिए ऐसे मरीजों में डेक्सामेथासोन का इस्तेमाल होना चाहिए। डेक्सामेथासोन दवा महंगी भी नहीं है और दुनियाभर में जान बचाने के लिए इसका प्रयोग किया जा सकता है।’’ हाल में इसी अध्ययन में कहा गया था कि मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन कोरोना वायरस के उपचार में उपयोगी नहीं है। अध्ययन के तहत इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड में 11,000 से ज्यादा मरीजों को शामिल किया गया था।

भारत में आयुर्वेद के जरिए वैक्सीन का दावा

इधर भारत में योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की तरफ से भी कोरोना वायरस को हराने के लिए वैक्सीन विकसित करने का दावा किया गया है। पतंजलि के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) आचार्य बालकृष्ण ने महामारी से निपटने के लिए एक वैक्सीन विकसित करने का दावा किया है। उनके मुताबिक उनकी कंपनी ने एक आयुर्वेद दवा विकसित की है जो कोरोना वायरस (कोविड-19) रोगियों को पांच से 14 दिनों के अंदर ठीक करती है।

डिस्क्लेमरः कोरोना वायरस की वैक्सीन और दवाई को लेकर कई दावे होते आए हैं और अभी भी दवाईयों को कई चरण से होकर गुजरना है। हम किसी दवाई के कारगर होने का दावा नहीं करते। कोविड-19 के लक्षण दिखने के बाद अपनी मर्जी से दवाई ना लें, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और टेस्ट करवाएं)