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कम वजन वाले शिशु का ऐसे रखें ख्याल, तेजी से होगा उसका शारीरिक विकास

Updated Aug 07, 2019 | 15:34 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

कई बार मां या शिशु के शारीरिक दिक्कतों के कारण शिशु का जन्म समय से पहले हो जाता है। ऐसे में उसका वेट काफी कम होता है। जल्दी ही उसका वेट बढ़ जाए और विकास तेजी से हो इसके लिए उसकी सेहत का खास ध्यान देना होगा।

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तस्वीर साभार:&nbspGetty Images
Baby
मुख्य बातें
  • शिशु को हमेशा सूखा और गर्म रखें
  • शिशु को मां के दूध के अलावा कुछ न दें
  • जन्म के बाद उसे कुछ दिन नहलाने से बचें

जन्म के समय कम वजन वाले शिशु बहुत जल्दी ही बीमार पड़ जाते हैं। उन्हें दूध हजम नहीं होता और वह बेहद नाजुक भी होते हैं। समय से पहले पैदा होने के कारण इनके शरीर के अंदरुनी भाग का पूरा विकास नहीं हो पाता। इतना ही नहीं ऐसे बच्चों का इम्युन सिस्टम भी बेहद कमजोर होता है। ऐसे में उनकी देखरेख और पोषण का विशेष ध्यान देना बेहद जरूरी हो जाता है।

शिशु मां के पेट में जितना तेजी से विकास करता है उतना बाहर आने के बाद नहीं होता। इसलिए कमजोर बच्चों के सेहत के लिए बेहद सतर्क रहने की जरूरत होती है।

ढाई किलो से कम हो वजन तो रखें शिशु का खास ख्याल
नई मां के लिए तब मुश्किल बढ़ जाती है जब उसका बच्चा ढ़ाई किलो से कम पैदा हो। समान्यत शिशु का जन्म के समय वजन 2.5-4.2 किलो के बीच होना चाहिए। अगर इससे कम हो तो बेहद परेशानी होती है, लेकिन शिशु कि सही देखभाल और पोषण का ख्याल रखा जाए तो वह तेजी से अपना वजन बढ़ाता है उसके अंदरुनी अंग भी तेजी से विकसित होने लगते हैं। तो आइए जानें की कम वजन वाले शिशु की देखरेख कैसे करनी चाहिए।

1. कोशिश करें शिशु को हमेशा सूखा रखें। उसे लंबे समय तक डाइपर में न रखें। उसे बहुत ठंडे या गर्म कमरे में न रखें लेकिन उसे हमेश अच्छे से ढक कर रखें ताकि उसे ठंड न लगे।

2. जन्म के कुछ दिनों बाद तक शिशु को नहलायें नहीं बल्कि कभी-कभार उसे कपड़े से पोंछ दें। गर्मी हो तो पंखा आदि बंद कर उसे वाइप करें। तुंरत उसे गर्म कपड़े पहना दें।

3. शिशु को केवल मां का दूध पिलाएं। दिन में 12-13 बार उसे फीड करांए। मां के दूध के अतिरक्त उसे कुछ भी न दें। उसे पानी भी न दें।

4. शिशु को संक्रमण से बचाने के लिए उसके शरीर के तापमान का विशेष ध्यान रखें। कोशिश करें कि वह हमेशा गर्माहट फील करे। उसे समय पर टीकाकरण कराएं।

5. शिशु अगर आपको सुस्त दिखे या दूध सही तरीके से न पीए या सोता ही रहे तो तुरंत उसे डॉक्टर को दिखाएं।

6. शिशु जब जन्म लेता है तो कई बार उसे पीलिया का हलका असर होता है ऐसे में उसे रोज सुबह की पहली धूप करीब 15 मिनट तक जरूर दिखाएं। अगर शिशु स्वस्थ भी है तो भी उसे रोज धूप दिखा दें।

ब्रेस्टफिडिंग शिशु के लिए अमृत होता है। केवल मां का दूध ही समय पर मिलता रहे तो शिशु का विकास तेजी से होगा।

डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता।

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