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दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन का परीक्षण हुआ सफल, रूस की यूनिवर्सिटी ने किया दावा

Updated Jul 12, 2020 | 20:06 IST

कोरोना वैक्सीन अपडेट: कोरोना महामारी की वजह से पूरे विश्व में लाखों लोगों की मौत हो चुकी हैं जबकि करोड़ों लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। अब रूस ने दावा किया है कि उसने इसकी वैक्सीन तैयार कर ली है।

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दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन का परीक्षण हुआ सफल
मुख्य बातें
  • रूस में तैयार हो गई दुनिया की पहली COVID-19 वैक्सीन
  • सेचेनोव यूनिवर्सिटी का दावा- वैक्सीन का ट्रायल्स सफलतापूर्वक हुआ पूरा
  • अगर यूनिवर्सिटी का दावा सच निकला तो यह कोरोना वायरस की पहली वैक्‍सीन होगी

मॉस्को: कोरोना वैश्विक महामारी के बीच रूस के सेचेनोव यूनिवर्सिटी ने कोरोना की वैक्सीन को लेकर एक बड़ा दावा किया है। यूनिवर्सिटी ने दावा किया है कि उसने कोरोना वायरस की वैक्सीन को तैयार कर लिया है और इसके परीक्षण के सभी चरण सफलतापूर्वक पूरे कर लिए गए हैं। अगर यह दावा सच निकला तो यह कोरोना वायरस के लिए पहली वैक्सीन होगी और पूरे विश्व के लिए यह एक बड़ी राहत देने वाली खबर होगी।

कई देश कर रहे हैं ट्रायल
हालांकि इससे ब्रिटेन, थाइलैंड, इटली सहित कई देशों ने दावा किया कि वो कोरोना वैक्सीन के ट्रायल वाले चरण में हैं और जल्द ही इसे पूरा कर लिया जाएगा। तमाम विकसित देश वैक्सीन तैयार करने में जुटे हैं लेकिन अभी तक किसी को पूरी तरह से सफलता नहीं मिली है। हाल के दिनों में दुनियाभर में वैक्‍सीन को लेकर ट्रायल में तेजी आई है और कई वैक्‍सीन अब थर्ड फेज में पहुंच गई हैं। सभी उम्मीद जता रहे हैं कि इस साल के अंत तक कोरोना की वैक्सीन दुनिया के सामने होगी।

रूस की यूनिवर्सिटी का दाव
सेचेनोव फर्स्ट मॉस्को स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी के मुताबिक, ने 18 जून को रूस के गेमली इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी द्वारा निर्मित टीके का ​​परीक्षण शुरू किया था। इस दौरान कई चरण में ट्रायल हुए और सफलतापूर्वक  इसका परीक्षण किया गया। जिन स्वयंसेवकों पर परीक्षण किया गया उनका पहला ग्रुप बुधवार को और दूसरा 20 जुलाई को डिस्चार्ज किया जाएगा।

सफलतापूर्वक पूरा किया ट्रायल

सेचनोव यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल पैरासिटोलॉजी, ट्रॉपिकल एंड वेक्टर-बॉर्न डिजीज के निदेशक अलेक्जेंडर लुकाशेव ने कहा कि ट्रायल्स के इस चरण का उद्देश्य मानव स्वास्थ्य के लिए वैक्सीन की सुरक्षा का परीक्षण करना था, जो कि सफलतापूर्वक किया गया था। लुकाशेव ने एएनआई को बताया, 'वैक्सीन की सुरक्षा की पुष्टि की गई है। यह उन टीकों की सुरक्षा से मेल खाती है जो वर्तमान में बाजार में हैं।'

उन्होंने कहा, 'एक महामारी की स्थिति में सेचेनोव विश्वविद्यालय ने न केवल एक शैक्षणिक संस्थान के रूप में, बल्कि एक वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान केंद्र के रूप में भी काम किया, जो ड्रग्स जैसे महत्वपूर्ण और जटिल उत्पादों के निर्माण में भाग लेने में सक्षम है।'