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Shilpa Shetty Yoga Tips: 47 उम्र में हड्डियों को मजबूत रखने के लिए शिल्पा शेट्टी करती हैं ये 3 योगासन

Updated Aug 05, 2022 | 07:44 IST

Shilpa Shetty Yoga Benefits: बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी 47 साल की उम्र में भी बेहद खूबसूरत व परफेक्ट फिगर है। इसके लिए वे कड़ी मेहनत करती हैं। शिल्पा शेट्टी फिट रहने के लिए अपने डेली रूटीन में योगा जरूर शामिल करती हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspInstagram
Shilpa Shetty Yoga
मुख्य बातें
  • परफेक्ट फिगर व स्वस्थ रहने के लिए कुछ लोग बॉलीवुड स्टार को फॉलो करते हैं
  • बॉलीवुड की एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी जो 47 उम्र की होने के बाद भी खुद को एकदम फिट रखती हैं
  • वह अपने हेल्थ सीक्रेट के बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर भी शेयर करती हैं

Yoga Benefits For Health: हेल्दी लाइफ़स्टाइल जीना हर किसी का पहला उद्देश्य होता है। ऐसे में लोग फिट रहने के लिए जिम में एक्सरसाइज करते हैं, तो वहीं कुछ लोग योगा करते हैं। परफेक्ट फिगर व स्वस्थ रहने के लिए कुछ लोग बॉलीवुड स्टार को फॉलो करते हैं। इन्हीं में से एक है बॉलीवुड की एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी जो 47 उम्र की होने के बाद भी खुद को एकदम फिट रखती हैं। वह अपने हेल्थ सीक्रेट के बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर भी शेयर करती हैं। शिल्पा शेट्टी अपने खाने पीने के अलावा अपने योगा पर भी विशेष ध्यान देती हैं। अच्छा स्वास्थ्य पाने का मूल मंत्र वे योगा को मानती हैं। ढलती उम्र में हड्डियां कमजोर हो जाती है। इसे मजबूत बनाने के लिए शिल्पा शेट्टी तीन योगासन करती हैं। आइए जानते हैं इन योगासन के बारे में...

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 विपरीत शलभासन 
 विपरीत शलभासन भी एक ऐसा आसन है जिसकी मदद से आप खुद को फिट रख सकते हैं। विपरीत शलभासन को सुपरमैन पोज भी कहा जाता है। ये आसन पीठ के निचले हिस्‍से की मांसपेशियों को मजबूती देने में बहुत मददगार होता है। इस आसन ने रक्त प्रवाह में सुधार आता है। इसके अलावा इस आसन से छाती, कंधों, बांह, टांगों, पेट और कमर के निचले हिस्‍से की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है और उनमें खिंचाव आता है।

शलभासन
शलभासन के कई फायदे हैं। यह रीढ़ की हड्डी की सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। शलभासन पीठ के निचले हिस्से और गर्दन की मांसपेशियों में रक्त की आपूर्ति में सुधार लाता है। पेट के अंगों के कामकाज को संतुलित करता है और इसके अलावा पेट की समस्याओं में भी राहत दिलाता है।

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बालासन
बालासन का नाम बाल शब्द से बना है, जिसका अर्थ है बच्चा। बालासन एक आराम करने की मुद्रा है। जिसे कभी भी किसी भी 
वक्त किया जा सकता है, खास तौर से शीर्षासन के बाद तो ज़रूर करना चाहिए। बालासन कूल्हों, जांघों, और टखनों में मामूली सा खिंचाव लाता है। मस्तिष्क को शांत करता है और तनाव और हल्के अवसाद से राहत देने में मदद करता है।

(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)