- मांसपेशियों का सिकुड़ना है ब्रेन ट्यूमर का लक्षण
- स्पाइन कॉर्ड को प्रभावित करने वाला कैंसर होता है खतरनाक
- मरोड़ और ऐंठन में भी होता है अंतर
Cancer Symptoms: आजकल खराब लाइफस्टाइल की वजह से लोग अपनी सेहत पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते, जिस वजह से वो अक्सर गंभीर बीमारियों से पीड़ित हो जाते हैं। इन्हीं में से एक है कैंसर की बीमारी। कैंसर के लक्षण एकदम से नहीं दिखाई देते हैं, इसका असर धीरे-धीरे दिखाई देता है। कैंसर एक ऐसी समस्या है, जिसका कोई एक लक्षण नहीं है। इसके सेल्स धीरे-धीरे शरीर में अपना विस्तार करते हैं। कई बार कैंसर से मांसपेशियों में मरोड़ या ऐंठन का अनुभव होता है। आज हम इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे लक्षणों के बारे में, तीन तरह के खतरनाक कैंसर के संकेत होते हैं, तो चलिए जानते हैं इन लक्षणों के बारे में-
ऐंठन और मरोड़ को न करें नजरअंदाज, हो सकते हैं इन तीन कैंसर के लक्षण
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मांसपेशियों का सिकुड़ना
कैंसर के होने पर आमतौर पर मांसपेशियों के सिकुड़ने की समस्या होती है। ये समस्या तब होती है, जब ट्यूमर दिमाग पर दबाव डालना शुरू कर देता है। इससे शरीर के अंग काम करना बंद कर देते हैं, साथ ही ट्यूमर दिमाग के न्यूरॉन्स को डिस्टर्ब कर देता है, जिससे मांसपेशियों में सिकुड़न, मरोड़, सुन्न होने का एहसास और झुनझुनी जैसा महसूस हो सकता है। ऐसा अक्सर ब्रेन ट्यूमर में होता है।
स्पाइन कॉर्ड को प्रभावित करने वाला कैंसर
रीढ़ की हड्डी में फैलने वाला कैंसर बहुत खतरनाक होता है। रीढ़ की हड्डी में प्रोस्टेट, लंग और ब्रेस्ट कैंसर भी हो सकते हैं। दरअसल, मेटास्टेटिस की उनकी अच्छी समर्थता होने के कारण ये कैंसर आसानी से रीढ़ के टिश्यूज में फैल जाते हैं। इस तरह के कैंसर में मसल्स में दिक्कत हो सकती है।
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मांसेपशियों में मरोड़ और ऐंठन में अंतर
अक्सर लोग मरोड़ और ऐंठन को एक ही समझ लेते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। दोनों में विशेष अंतर होता है। दरअसल, मरोड़ की स्थिति में शरीर की मांसपेशियों में कुछ देर के लिए संकुचन हो जाता है, जिससे व्यक्ति को तेज दर्द का एहसास हो सकता है। वहीं, ऐंठन मांसेपशियों के लंबे समय तक सिकुड़ने की वजह से होती है। इस स्थिति में दर्द इतना तेज होता है कि ये असहनीय हो जाता है।
( डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)