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Prosopagnosia: लोगों को पहचानने में आ रही है परेशानी, हो सकती है प्रोसोपेग्नोसिया की गंभीर बीमारी

Updated Jun 29, 2022 | 16:04 IST

Symptoms of Prosopagnosia: प्रोसोपैग्नोसिया एक ऐसी समस्या है, जिसमें मरीज को लोगों के चेहरे पहचानने में दिक्कत होती है। इतना ही नहीं इस बीमारी की वजह से लोग अपने घर के लोगों को भी नहीं पहचान पाते, जिससे वो काफी शर्मिंदा महसूस करते हैं।

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प्रोसोपेग्नोसिया की समस्या
मुख्य बातें
  • प्रोसोपेग्नोसिया में पूरे चेहरे को एक साथ नहीं देखा जा सकता।
  • प्रोसोपेग्नोसिया से पीड़ित लोग सामान्य तौर पर घर से निकलना बंद कर देते हैं।
  • प्रोसोपेग्नोसिया से ग्रसित लोग अपने करीबियों को भी नहीं पहचान पाते हैं।

Symptoms of Prosopagnosia: अक्सर आपने देखा होगा कि उम्र बढ़ने के साथ लोगों में दूसरे लोगों को पहचानने की शक्ति कम हो जाती है। कई बार सामने होते हुए भी लोग पहचान नहीं कर पाते हैं। हालांकि, वो देख सकते हैं, लेकिन पहचान नहीं पाते, क्योंकि उनका दिमाग ये समझाने में असमर्थ रहता है कि उनके सामने कौन है। दरअसल, ये कोई आम समस्या और उम्र के साथ होने वाली बीमारी नहीं है, ये एक गंभीर बीमारी है, जिसे प्रोसोपैग्नोसिया कहते हैं। इस बीमारी में नाक, मुंह, कान को अलग-अलग देख सकते हैं, लेकिन पूरे चेहरे को एक साथ नहीं देखा जा सकता। फिलहाल बॉलीवुड एक्ट्रेस शहनाज ट्रेजरीवाला इसी बीमारी से जूझ रही हैं। तो चलिए आज हम आपको इसके लक्षणों और प्रभावों के बारे में बताते है-

प्रोसोपेग्नोसिया के प्रकार
प्रोसोपेग्नोसिया दो प्रकार का होता है। पहला है विकासशील, जिसमें लोग चेहरा नहीं पहचान पाते हैं। वहीं, दूसरा है उपार्जित, जो सिर पर या दिमाग पर किसी चोट के लगने से होता है। ये बहुत दुर्लभ होता है। 

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प्रोसोपेग्नोसिया के लक्षण
दरअसल, प्रोसोपेग्नोसिया की समस्या ज्यादातर वंशानुगत होती है। इसके अलावा यदि किसी के सिर पर या मस्तिष्क पर किसी प्रकार की चोट लग जाए, तो व्यक्ति को ये बीमारी हो सकती है। इसके अलावा जिन लोगों को प्रोसोपेग्नोसिया की समस्या होती है, उनमें निम्न प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं-

  • याददाश्त की कमजोरी (हालांकि कुछ शोधों का कहना है कि, प्रोसोपेग्नोसिया का याद्दाश्त की कमजोरी से कोई संबंध नहीं है।)
  • ऑटिज्म विकार
  • न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों के कारण
  • दिमाग में चोट लगना

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प्रोसोपेग्नोसिया का सामान्य जीवन पर पड़ने वाला प्रभाव
जिन लोगों को प्रोसोपेग्नोसिया की समस्या हो जाती है, उनमें लोगों को पहचानने की क्षमता की कमी हो जाती है। ऐसे में लोग सामान्य तौर पर घर से निकलना बंद कर देते हैं। दरअसल, वो अपने करीबियों को भी नहीं पहचान पाते हैं, तो उन्हें काफी शर्मिंदगी महसूस होती है, जिसकी वजह से वो सार्वजनिक जगहों पर जाने और लोगों से मिलने में कतराते हैं। साथ ही नए दोस्त भी नहीं बना पाते हैं। 

प्रोसोपेग्नोसिया का इलाज
हालांकि, फेस ब्लाइंडनेस यानी प्रोसोपेग्नोसिया का कोई इलाज नहीं है। हालांकि, कई थेरेपी और इलाज की प्रक्रियाओं से पेशेंट्स के चेहरा पहचानने की क्षमता में सुधार किया जा सकता है।

 (डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)