- डायबिटीज की बीमारी से कई और बड़ी बीमारी होने लगती हैं, इसलिए इसका कंट्रोल में रहना बेहद जरूरी होता है
- इस बीमारी में व्यक्ति को अपना खास ख्याल रखना बेहद जरूरी होता है
- कई बार इसके लक्षण पैरों से दिखना शुरू होते हैं
Health Tips Care: डायबिटीज की बीमारी अब काफी आम हो गई है। खराब लाइफस्टाइल व गलत खानपान की वजह से आज ज्यादातर लोग डायबिटीज से ग्रसित हैं। यह ऐसी बीमारी है जिसे कंट्रोल तो किया जा सकता है लेकिन जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता है। डायबिटीज के मरीजों को ब्लड शुगर का स्तर सही बनाएं रखना बेहद जरूरी होता है। डायबिटीज की बीमारी से कई और बड़ी बीमारी होने लगती हैं, इसलिए इसका कंट्रोल में रहना बेहद जरूरी होता है। इस बीमारी में व्यक्ति को अपना खास ख्याल रखना बेहद जरूरी होता है। कई बार इसके लक्षण पैरों से दिखना शुरू होते हैं। डायबिटीज के बढ़ने पर पैरों में दर्द, सूजन जैसी कई समस्याएं होने लगती है। पैरों में होने वाले इन लक्षणों को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। आइए जानते हैं डायबिटीज बढ़ने पर मरीजों के पैरों में किस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं।
इन लक्षणों को ना करें नजरअंदाज
डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति के पैरों में कई ऐसे लक्षण होते हैं जिन्हें वे नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन इसे नजरअंदाज करना आपके लिए खतरे को बुलावा देना हो सकता है। ऐसे में पैरों में दर्द, सूजन, पैरों में संक्रमण, पैर सुन्न होना, पैरों में झनझनाहट होना, कई बार पैरों में जलन जैसी समस्या भी होने लगती है। इसके अलावा जिन लोगों के शरीर में ब्लड शुगर का स्तर ज्यादा बढ़ जाता है। उनमें फंगल इंफेक्शन का खतरा भी हो सकता है। अगर पैरों में इस तरह के लक्षण नजर आ रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना ही बेहतर होता है।
खूब पानी पिएं
शुगर लेवल को अगर नॉर्मल रखना है तो सबसे आसान तरीका है कि खूब पानी पीएं। अगर आप पानी पीते हैं तो यह आपके रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। पानी नहीं पीते तो इसकी वजह से किडनी की कार्य क्षमता पर असर पड़ता है और यह इंसुलिन को शरीर से बाहर निकालने का काम नहीं कर पाती।
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रोजाना करें वॉक
डायबिटीज मरीजों को खूब पैदल चलना चाहिए। ज्यादा से ज्यादा वॉक करना उनके लिए बेहतर है, क्योंकि वॉक करने से वजन भी कंट्रोल होगा और ब्लड सरकुलेशन को भी सही किया जा सकता।
(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)