- भारत में हर पांच में से एक महिला PCOS से प्रभावित होती है
- शरीर में पीसीओडी की वजह से इंसुलिन का स्तन बिगड़ जाता है
- सप्ताह में पांच दिन हर रोज लगभग 30 मिनट के लिए शारीरिक व्यायाम करें
एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में हर पांच में से एक महिला पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) से प्रभावित होती है। इस समस्या के कारण महिलाओं का वजन बढ़ता चला जाता है जिसे लाख कोशिश के बावजूद भी कम करना मुश्किल हो जाता है। अगर इसका सही समय पर निदान न किया गया तो मोटापे की वजह से शरीर में कई अन्य घातक बीमारियों जैसे हाई बीवी, कोलेस्ट्रॉल, घबराहट, डिप्रेशन, स्लीप एप्निया, दिल का दौरा, मधुमेह और एंडोमेट्रियल, यूट्रस व स्तन कैंसर को जन्म दे सकती है।
PCOS कैसे बढ़ाता है शरीर का वजन
शरीर में पीसीओडी की वजह से इंसुलिन का स्तन बिगड़ जाता है और महिलाएं इंसुलिन प्रतिरोध हो जाती हैं। उच्च इंसुलिन का स्तर एण्ड्रोजन नामक पुरुष हार्मोन के उत्पादन को बढ़ाता है। जिसे कम करने में काफी दिक्कत आती है।
PCOS से पीडित महिलाएं अपनाएं ये डाइट
पीसीओएस वाली महिलाओं को अपनी डाइट में ब्रोकोली, फूलगोभी और पालक जैसे उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थों का उपभोग करना चाहिए। इसके अलावा नट्स जैसे- बादाम, अखरोट, ओमेगा और फैटी एसिड में समृद्ध खाद्य पदार्थ खाएं। तीन बार अधिक भोजन करने के बजाय पांच बार कम मात्रा में भोजन करें, क्योंकि यह मैटाबोलिज्म को ठीक रखेगा। वजन का सही स्तर बनाए रखें।
30 मिनट करें शारीरिक व्यायाम
सप्ताह में पांच दिन हर रोज लगभग 30 मिनट के लिए शारीरिक व्यायाम करें। योग और ध्यान जैसी तकनीकों के माध्यम से तनाव से बचें। धूम्रपान और शराब छोड़ें, क्योंकि यह पीसीओएस वाले लक्षणों में वृद्धि कर सकते हैं।
ठीक नहीं की जा सकती मगर कंट्रोल हो सकती है ये बीमारी
पीसीओएस ठीक नहीं हो सकता, लेकिन इसे शरीर का वजन पांच से 10 प्रतिशत तक कम कर और जीवनशैली में बदलाव लाकर प्रबंधित किया जा सकता है। साथ ही सक्रिय दिनचर्या बनाए रखना और स्वस्थ भोजन करना भी महत्वपूर्ण है। बदले में यह मासिक धर्म चक्र को नियमित करने और ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद करेगा।