- पानी पीने के साथ पहनने के लिए तांबे का करें प्रयोग
- पसीने के जरिये तांबा शरीर में करता है प्रवेश
- ग्रहों के के साथ स्वास्थ्य के लिए हैं तांबा जरूरी
तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने के तो आपने फायदे कई बार सुने होंगे लेकिन आपको पता है कि तांबे का शरीर में टच होना भी कई बीमारियों को दूर करने में कारगर है। तांबे का शरीर में टच होने का चिकित्सकीय प्रभाव देखने को मिला है। यही कारण है कि लोगों को तांबे के ब्रेसलेट पहनने की सलाह दी जाती है ताकि इसके सकारात्मक प्रभाव शरीर में देखने को मिलें।
शुद्ध तांबे के ब्रेसलेट को लंबे समय तक अगर पहना जाए तो इसके अदृश्य परिणाम देखने केा मिलते हैं। ये शरीर की सूजन और दर्द को कम करता है। इस धातु से कोई एलर्जी नहीं होती और ये शरीर के ऊर्जा स्तर और प्रतिरक्षा की मजबूती में अद्भुत काम करता है। आप इसे अंगूठी के रूप में भी पहन सकते हैं इसका भी असर ब्रेसलेट के समान ही होगा। याद रखें कि तांबा धातु अब तक लोग केवल ग्रहों के प्रभाव के आधार पर पहनते थे लेकिन अब स्वास्थ्य के लिए भी पहनना शुरू कर दें। तो आइए जानें तांबा हमारे शरीर पर कैसे काम करता है और कौन सा रोग इससे दूर होता है।
तांबे के ब्रेसलेट पहनने से ही हो जाती हैं कई बीमारियां दूर, जानें बेशुमार फायदे
1. जोड़ों के दर्द पर करता है असर
तांबे को पहनना आपके ज्वाइंट्स पेन पर बहुत कारगर असर दिखाता है। इसे पहनने से ज्वाइंट्स में होने वाली जकड़न या कठोरता को कम कर दर्द को कम करता है। पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस में भी ये बेहतद कारगर है। तांबे पहनने से शरीर के भीतर आवश्यक हीलिंग एनर्जी निकलती है। कलाई पर ब्रेसलेट, कंगन या अंगूठी के रूप में अगर इसे पहना जाता है तो इससे काफी आराम मिलता है। ज्योतिष के अनुसार भी तांबा पहनने से नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है। तांबे में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं इसलिए पहना चाहिए। बस याद रखें तांबा शुद्ध हो।
2. खनिज के अवशोषण में कारगर
तांबा शरीर में खनिज के अवशोषण के लिए कारगर है। शुद्ध तांबे के ब्रेसलेट में लौह और जस्ता जैसे सूक्ष्म खनिज भी होते हैं। जब वे त्वचा पर पसीने के साथ शरीर में समाते हैं तो ये सीधे ब्लड में मिलते हैं। यह खनिज पूरकता को जन्म देता है और यही कारण है कि ये एनिमिया जैसी बीमारी में भी कारगर है। साथ ही जिन्हें जिंक या ऑयरन की कमी रहती हैं उसे भी तांबे का ब्रेसलेट पहनना चाहिए। शरीर के पसीने के माध्यम से अवशोषित खनिज पसीने के माध्यम से अवशोषित होते हैं तो वे यकृत में न जाकर सीधे ब्लड सुर्कलेशन में शामिल होते हैं। तांबा पहनाना मानसिक शांति के लिए भी बहतर माना जाता है।
3. हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद
तांबे और उसके गुणों की कमी से महाधमनी धमनीविस्फार हो सकता है। अध्ययन बताते हैं कि तांबे की कमी से शरीर में असंतुलन पैदा हो जाता है। और रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ने लगता है जिससे हृदय और धमनियों को नुकसान पहुंचता है। तांबे को क्रॉस-लिंक फाइबर, कोलेजन और इलास्टिन के लिए विशिष्ट माना जाता है और इस क्रॉस-लिंकिंग के बिना महाधमनी धमनीविस्फार की शुरुआत तेजी से होती है। इसलिए तांबे केा जरूर पहनना चाहिए।
4. स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए भी जरूरी
कॉपर यानी तांबा जब हाथ की कलाई या उंगली पर पहना जाता है तो रक्तप्रवाह में बहुत कम और नगण्य मात्रा में अवशोषित होता है। यह प्रक्रिया शरीर में एक शारीरिक संतुलन बनाती है। तांबा शरीर में मौजूद अन्य टॉक्सिन को कम करने का काम भी करता है। तांबा एंजाइमों की प्रतिक्रिया को ट्रिगर करता है जो शरीर को हीमोग्लोबिन बनाने में मदद करते हैं।
5. एंटी एजिंग है तांबा
तांबे में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो शरीर के भीतर विषाक्तता को बढ़ाने से बचाता है। तांबे को पहनने से उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। ये कोलाज और लोचदार फाइबर के घनत्व में सुधार करने में कारगर है और स्किन को भी बेहतर बनाता है।
तो अब तांबे के गिलास या जग से पानी पीने के साथ ही शरीर पर भी तांबा धारण करें। ताकि इसके फायदे आपके बाहरी ही नहीं आतरिक स्वास्थ्य को भी मिले।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता।
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