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Weight Loss Tips: कैलोरी का फंडा जाने बिना नहीं कम होगा मोटापा, इस तरीके से कम होगा वजन

Updated Apr 03, 2019 | 14:43 IST | पूर्णिमा सिंह

weight loss tips and calories funda: मोटापा घटाने के लिए कैलोरी के फंडे को समझना बहुत जरुरी है। इस फंडे को बिना समझे आपकी कोई भी रणनीति कारगर नहीं होगी।

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तस्वीर साभार:&nbspThinkstock
वजन घटाने के लिए कैलोरी का फंडा।

नई दिल्ली: मोटापा कम करके एक फिट बॉडी की इच्छा आजकल हर व्यक्ति करता है। मोटापा सिर्फ डाइट लेने या एक्सरसाइज करने से ही नहीं कम होता। फैट लॉस या वेट लॉस के कई पक्ष हैं और आज हम आपको कैलोरी के बारे में बताएंगे। फैट लॉस और कैलोरी के बीच में क्या फंडा है? इसके लेकर आपके दिमाग में अक्सर कई सवाल होते हैं जिन्हें जानना और समझना बेहद जरूरी है। 

आखिर कैलोरी होती क्या है?

सबसे पहले आपको कैलोरी के बारे में जानना चाहिए कि आखिर जिसे आप दिन-रात सुनते आ रहे हैं, वो आखिर है क्या? आप जो कुछ भी खाते हैं, वह जितनी एनर्जी पैदा करता है उसे कैलोरी कहते हैं, जिसका मतलब यह हुआ कि फूड से मिलने वाली एनर्जी को मापने की इकाई को कैलोरी कहा जाता है। हर खाद्य पदार्थ से अलग-अलग कैलोरी मिलती है। 

कितनी कैलोरी रोजाना है जरूरी?

USDA के मुताबिक, 25-50 साल तक के पुरुषों को रोजाना 2,900 कैलोरी लेनी चाहिए। वहीं महिलाओं को रोजाना 2,200 कैलोरी लेनी चाहिए। यह मानक सामान्य स्थिति के लिए है। अगर आप एक्सरसाइज करते हैं, तो आपके वर्कआउट के हिसाब से आपकी रोजाना की कैलोरी जरूरत अलग-अलग हो सकती है।

कैलोरी का सोर्स जानना बेहद जरूरी

अगर आप फैट लॉस करना चाहते हैं, तो आपको कैलोरी के सोर्स के बारे में जानकारी होनी चाहिए। इसका मतलब यह हुआ कि आप जो कुछ भी खा रहे हैं, उससे मिलने वाली कैलोरी आपकी सेहत के लिए अच्छी है या बुरी। वह आपका फैट लॉस करने में मदद करेगा या उसे और बढ़ाएगी? बाहर मिलने वाला ज्यादातर पैकेज्ड फूड या किसी रेस्टोरेंट का चटपटे फूड में बुरी कैलोरी होती हैं।

इनमें ट्रांस फैट छुपा होता है या फिर इन्हें डाल्डा, रिफाइन्ड में तला जाता है, जो आपकी सेहत के लिए बेहद खतरनाक होता है। यहा आपकी बॉडी में मोटापे को और बढ़ाता है। अगर आप ताजा फ्रूट जूस (बिना बंद पैकेट वाला) लेते हैं, तो यह आपकी हेल्थ के लिए अच्छा रहता है। कुछ भी खाने से पहले उसमें छुपी अच्छी और बुरी कैलोरी के बारे में फर्क करना जरूरी है। यह आपके वेट लॉस में काफी सहायक होगा।

फैट लॉस में कितनी कैलोरी जरूरी?

यदि आप फैट लॉस करना चाहते हैं, तो आपको अमूमन अपनी रोजाना की कैलोरी में से 500 कैलोरी कम करनी चाहिए। इस दौरान आपको कार्बोहाइड्रेट से मिलने वाली कैलोरी को बिलकुल ही कम कर देना है। इसका मतलब यह हुआ कि खानेपीने की जिन चीजों में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा ज्यादा है, उनका सेवन करने से आपको हर हाल में बचना है।

अपनी पूरी डाइट में आपको प्रोटीन से मिलने वाली कैलोरी के आंकड़े को 50-60 पर्सेंट, फैट 20 पर्सेंट और कार्बोहाइड्रेट से मिलने वाली कैलोरी का आंकड़ा 30 पर्सेंट करना है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि आपकी बॉडी एनर्जी के तौर पर बॉडी में मौजूद फैट को एनर्जी के तौर पर बर्न करना शुरू करेगी। दूसरा, यह कि फैट की मात्रा बढ़ाने से आपकी बॉडी फैट बर्निंग मोड पर आ जाएगी। प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने से आपकी जितना मसल्स लॉस करेगी, वह उसे रिपेयर भी करेगी।

यानी फैट लॉस करते वक्त अगर आप पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन का सेवन करते हैं, तो वजन घटने के बाद आपकी स्किन थुलथुली नहीं होगी। इसकी टोनिंग के साथ एक अच्छी शेप भी आएगी। ज्यादातर मामलों में लोग वजन तो कम कर लेते हैं लेकिन प्रोटीन की मात्रा पर्याप्त नहीं लेते जिससे बॉडी से फैट कम होता है, और फिर स्किन भी ढीली होने लगती है। 

कंज्मशन कम करें और बर्निंग बढ़ाएं
अगर आप जिम में जाकर एक्सरसाइज नहीं करते हैं, तो फिर भी आपको कम से कम रोजाना 30 मिनट बाहर पार्क में जाकर फिजिकल एक्टिविटी करनी चाहिए जिससे आपके कैलोरी बर्निंग में बैलेंस बना रहे। आपको कैलोरी कंज्मशन कम तो करना ही है बल्कि खर्च ज्यादा करना है। इसके लिए आप पार्क में जाकर 30 मिनट की जॉगिंग भी कर सकते हैं। ध्यान रहे आप जितनी कैलोरी कंज्यूम करते हैं उससे कहीं ज्यादा आपको बर्न करना होगा। तभी आपका वजन संतुलित रहेगा और मोटापा कभी पास नहीं फटकेगा। साथ ही आपको वर्कआउट करने से पहले जानकार की भी सलाह जरूर लेनी चाहिए।

(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)