- जरूरत से ज्यादा धूम्रपान व शराब पीने से मुंह के अंदर सफेद निशान बन जाते हैं जिसे ल्यूकोप्लाकिया कहते हैं
- इसके लक्षण बढ़ जाने से बाद में ओरल कैंसर होने का खतरा हो जाता है
- ये खौस तौर पर उन लोगों को होता है जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है
जरूरत से ज्यादा धूम्रपान करने से व शराब पीने से मुंह के अंदर सफेद निशान बन जाते हैं साथ ही दानेदार दाग भी होते हैं जिन्हें आसानी से हटाया नहीं जा सकता है। अगर ये दाग ज्यादा बढ़ जाए तो इस बीमारी को ल्यूकोप्लाकिया नामक बीमारी कहते हैं। जब इस तरह के लंक्षण हद से ज्यादा बढ़ जाते हैं तो इससे ओरल कैंसर होने का भी खतरा होती है जो प्राणघातक भी हो सकता है।
इससे बचाव के लिए सबसे पहले तो धूम्रपान छोड़ने की सलाह दी जाती है इसके अलावा अगर शुरुआती लक्षणों में इसका पता चल गया तो इसका निदान संभव है वरना अगर काफी समय बाद इसका पता चला तो मरीज को ओरल कैंसर का शिकार होने का खतरा बढ़ जाता है।
इसमें खास तौर पर तंबाकू खाने से मुंह के अंदर होने वाले जलन से ये सारी समस्या पैदा होती है। इसमें मसूड़ों में, जीभ में, मुंह के अंदर नीचे या फिर गाल के अंदर में एक सफेद दानेदार दाग बन जाते हैं इसी को ल्यूकोप्लाकिया कहते हैं। ये खौस तौर पर उन लोगों को होता है जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है।
लक्षण
ल्यूकोप्लाकिया में मरीज के मुंह के अंदर दानेदार दार हो जाते हैं जो आम तौर पर दर्न नहीं देता है लेकिन बाद में ये पीड़ादायक हो जाता है। ये निशान आसानी से मिटाए नहीं जा सकते हैं। कभी-कभी उभरे हुए लाल घाव भी हो जाते हैं जो कैंसर के शुरुआती लक्षण होते हैं। अगर शुरू में इसका निदान नहीं किया गया तो बाद में ये प्राणघातक हो जाता है। इसके अलावा जबड़े खोलने का आकार कम होता जाता है। भोजन निगलते समय कानों में दर्द का भी एहसास होता है। इसमें व्यक्ति का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है और उसका वजन भी घटने लगता है।
इसके उपाय
इसके सरल उपाय ये हैं कि आप जितनी जल्दी से जल्दी धूम्रपान करना या फिर तंबाकू खाना छोड़ दें उतनी ही जल्दी इसका निदान संभव है। अगर आपको शराब पीने की भी लत है तो लगातार अपने मुंह की डॉक्टर से जांच करवाते रहें। अगर किसी प्रकार के लक्षण दिखे तो तुरंत उसका इलाज करवाएं। हालांकि इससे बचाव का सबसे बेहतर उपाय है तंबाकू और धूम्रपान छोड़ना।
घरेलू उपचार
थोड़ी सी पीसी हल्दी के साथ 2 लौंग और कुछ अमरुद की पत्तियों को पानी में उबाल लें। अब इस पानी को ठंडा होने दें और फिर इस पानी से रोजाना कुल्ला करने की आदत डालें। इसके अलावा पीसी हल्दी को पीस कर इसे मुंह में रगड़ने से भी राहत मिलता है।
ग्रीन टी को एक गिलास पानी मे उबाल कर इसका सेवन करें। इससे भी ल्यकोप्लाकिया में राहत मिलता है।
मछली, गाजर, कद्दू, कंद इत्यादि विटामिन ए वाले खाद्य पदार्थ हैं। इनका सेवन करने से ल्यूकोप्लाकिया में राहत मिलता है।
विटामिन ई वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें जैसे अवोकैडो, मूंगफली, सफेद चना इत्यादि।
(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए है, इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रुप में नहीं लिया जा सकता। कोई भी स्टेप लेने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर कर लें।)