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What is Plasma Therapy : प्लाज्मा थेरेपी क्या है, कौन कर सकता है प्‍लाज्‍मा डोनेट और कौन नहीं

Updated May 05, 2021 | 17:52 IST

कोरोना के इलाज में प्‍लाज्‍मा डोनेशन की कई अपील आपने भी देखी होंगी। यहां जानें प्‍लाज्‍मा डोनेशन क्‍या है और कौन इसे कर सकता है, कौन नहीं।

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dos and don’ts for donating plasma for covid-19 treatment
मुख्य बातें
  • कोरोना संकट के बीच डॉक्टर की तरफ से इलाज ढूंढने के लगातार प्रयास जारी हैं।
  • कोरोना से ठीक हो चुके एक व्यक्ति के शरीर से निकाले गए खून से कोरोना पीड़ित चार अन्य लोगों का इलाज किया जा सकता है।
  • कोरोना से पीड़ित लोग इसे इलाज के ल‍िए प्‍लाज्‍मा डोनेट कर सकते हैं

कोरोना के मरीजों की संख्‍या बढ़ने के साथ ही सोशल मीडिया पर लोगों के पास प्लाज्मा दान करने की र‍िक्‍वेस्‍ट भी लगातार आ रही है। कई बड़े नामों ने कोरोना से पीड़‍ित होने वाले मरीजों से प्‍लाज्‍मा डोनेट करने की अपील की है। क्‍या आप जानते हैं क‍ि प्‍लाज्‍मा वही डोनेट कर सकते हैं ज‍िनको कोव‍िड हुआ हो और वो भी एक खास टाइम ल‍िम‍िट में। 

प्लाज्मा डोनेट क्या है

प्लाज्मा थेरेपी, जिसे मोटे तौर पर कायलसेंट प्लाज्मा थेरेपी के रूप में जाना जाता है, कोरोनोवायरस संक्रमण के इलाज के लिए एक प्रायोगिक प्रक्रिया है। इस इलाज में, प्लाज्मा, खून का पीला लिक्विड हिस्सा, उस व्यक्ति से निकाला जाता है जो संक्रमण से उबर गया है और उस रोगी को इंजेक्शन लगाया गया है जो उस बीमारी से पीड़ित है। प्लाज्मा में एंटीबॉडी होते हैं जो रोगी को लड़ने और बीमारी से उबरने में मदद कर सकते हैं। 

कौन कर सकता है प्लाज्मा डोनेट

कोविड-19 के मामले में, एक प्लाज्मा देने वाले को तकरीबन 28 दिनों में संक्रमण से उबर जाना चाहिए और 18 से 60 वर्ष की आयु के अंदर ही होना चाहिए। डोनर का वजन कम से कम 50 किलोग्राम होना चाहिए और उस समय वह किसी भी संक्रामक या पुरानी बीमारियों से पीड़ित नहीं होना चाहिए। 

कौन नहीं कर सकता है प्लाज्मा डोनेट

  • -जिसका वजन 50 क‍िलो से कम हो या अंडरवेट हो। 
  • -जिसको डायबिटीज हो।
  • -जो महिला गर्भवती हो। 
  • -जिसका ब्लड प्रेशर बेकाबू हो। 
  • -जिसे कैंसर हो।
  • -जिसे फेफड़े / गुर्दे या दिल की गंभीर बीमारी हो। 

कोरोना के मरीज को कब चाह‍िए होती है प्‍लाज्‍मा 

  • - अगर मरीज को क‍िसी मेड‍िकल एक्‍सपर्ट ने इसकी सलाह दी हो 
  • - मरीज के खूब में प्‍लाज्‍मा का स्‍तर कम हो। 
  • - अगर मरीज की हालत वाकई खराब है और उसके ब्‍लड ग्रुप का डोनर मौजूद है। 

क्या प्लाज्मा थेरेपी COVID-19 को ठीक करने में मदद कर सकती है?

हालांकि, भारत में प्लाज्मा थेरेपी की मांग बढ़ी है, लेकिन मेडिकल एक्सपर्ट्स का ऐसा मानना ​​है कि ये गंभीर COVID-19 मामलों के इलाज में बहुत प्रभावी नहीं है और मृत्यु दर को कम नहीं कर सकता है। 

कान्वलेसन्ट प्लाज्मा का मतलब कोविड-19 संक्रमण से ठीक हो चुके व्यक्ति से लिए गए ब्लड के एक अवयव से है। प्लाज्मा थेरेपी में बीमारी से ठीक हो चुके लोगों के एंटीबॉटीज से युक्त ब्लड का इस्तेमाल बीमार लोगों को ठीक करने में किया जाता है।