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Corona: बड़ा सवाल! सबसे पहले कोविड-19 टीका किसे लगाया जाएगा?

Who will first be injected with the Covid-19 vaccine?
Updated Nov 17, 2020 | 23:38 IST

Covid-19 Vaccine:

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Who will first be injected with the Covid-19 vaccine?Who will first be injected with the Covid-19 vaccine?
प्रतीकात्मक फोटो

वाशिंगटन: सबसे पहले कोविड-19 टीका (Covid-19 Vaccine) किसे लगाया जाएगा? इस बारे में कोई निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन अमेरिका और विश्व में अनेक विशेषज्ञ इस बात पर सहमत हैं कि सबसे पहले टीका स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े कर्मियों को लगाया जाना चाहिए।टीका विनियोजन पर काम कर रहे सर्गो फाउंडेशन से संबद्ध सेमा स्गेयर ने यह बात कही।

अमेरिका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (CDC) को सुझाव देने से जुड़ा विशेषज्ञों का एक समूह टीका लगाने में आवश्यक उद्योगों से जुड़े कर्मियों और कुछ खास शारीरिक दिक्कतों से पीड़ित लोगों तथा 65 साल एवं इससे अधिक आयु के लोगों को प्राथमिकता दिए जाने पर विचार कर रहा है।

किस उम्र के लोगों पर टीके का क्या प्रभाव हुआ इसकी होगी निगरानी

यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन से टीके को हरी झंडी मिलने पर विशेषज्ञों का समूह दुष्प्रभावों से संबंधित डेटा को देखेगा और यह भी देखेगा कि किस उम्र के लोगों पर टीके का क्या प्रभाव हुआ। इसी बात पर निर्भर करेगा कि समूह सीडीसी को टीका लगाने में किन लोगों को प्राथमिकता देने की सिफारिश करता है।टीकों की पहली खेप का वितरण करते समय अधिकारियों के सीडीसी के दिशा-निर्देशों का पालन करने की उम्मीद है।

शुरू में टीकों की आपूर्ति सीमित होगी। स्गेयर ने उल्लेख किया कि टीका वितरण से संबंधित कई अन्य सवालों के जवाब मिलने अभी बाकी हैं जैसे कि देश में क्या इनका वितरण समान रूप से किया जाएगा या फिर ‘हॉटस्पॉट’ क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी।

कई टीके अपने क्लिनिकल परीक्षण के अंतिम दौर में 

गौरतलब है कि कोरोना वायरस को मात देने के लिए दुनिया भर में कोविड-19 के टीके पर काम चल रहा है। कई टीके अपने क्लिनिकल परीक्षण के अंतिम दौर में हैं। इसी बीच जर्मनी की बॉयोएनटेक कंपनी के सीईओ उगूर सहीन ने कहा है कि टीके की वजह से लोगों के बीच कोरोना का संक्रमण 90 प्रतिशत भले ही न सही 50 फीसदी जरूर कम हो जाएगा। जर्मनी की यह कंपनी अमेरिका दवा कंपनी फाइजर के साथ मिलकर कोरोना के एक टीके का निर्माण कर रही है। बीबीसी के एक कार्यक्रम में सहीन ने कहा कि यह जरूरी है कि सभी प्रतिरक्षण कार्यक्रम सर्दी से पहले पूरे कर लिए जाएं।

उन्होंने कहा कि साल 2021 के सर्दी के समय जन जीवन सामान्य होना शुरू होगा क्योंकि कोविड-19 की वैक्सीन अगले साल गर्मी से अपना असर दिखानी शुरू करेगी। बॉयननेट एवं फाइजर के को-फाउंडर ने पिछले सप्ताह से कहा कि उनका टीका कोविड-19 का संक्रमण रोकने में 90 फीसदी से ज्यादा कारगर है। 

मॉडर्ना का दावा-उसकी प्रायोगिक कोरोना वैक्सीन  94.5% प्रभावी 

अमेरिकी दवा निर्माता कंपनी मॉडर्ना ने सोमवार को दावा किया कि उसकी प्रायोगिक कोरोना वैक्सीन  94.5% प्रभावी है। लेट-स्टेज क्लिनिकल ट्रायल के शुरुआती डेटा के आधार पर कंपनी ने ये दावा किया है। गौर हो कि हफ्ते भर वैक्सीन के बेहतर प्रदर्शन का दावा करने वाली मॉडर्ना दूसरी अमेरिकी कंपनी है। अमेरिका की ही एक और दवा कंपनी फाइजर ने भी उसकी वैक्सीन के 90 फीसदी से ज्यादा प्रभावी होने का दावा किया था। इसके बाद मॉडर्ना के इस दावे से  दुनिया के लिए एक उम्मीद बन गई है।

इस खबर से अमेरिका और दुनिया में उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है।  मॉडर्ना ने कहा कि कंपनी के जारी अध्ययन के प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार उसका कोरोना वायरस रोधी टीका 94.5 प्रतिशत प्रभावी प्रतीत होता है।  इससे एक सप्ताह पहले प्रतिद्वंद्वी कंपनी फाइजर इंक ने भी अपने टीके के इसी तरह प्रभावी होने की घोषणा की थी।  इस घोषणा के साथ ही दोनों कंपनियां अमेरिका में टीके के आपात इस्तेमाल की दिशा में कुछ सप्ताह के भीतर अनुमति प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ती प्रतीत होती हैं।