नई दिल्ली: हाई ब्लड प्रेशर और हाइपरटेंशन कार्डियोवस्कुलर हार्ट डिजीज के सबसे सामान्य कारणों में से एक है। इस बीमारी में रक्त वाहिकाओं (blood vessels) में रक्त का दबाव होने के कारण हार्ट की समस्याओं का कारण बन जाता है।
हाइपरटेंशन किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है और इस बीमारी के कोई खास लक्षण और संकेत नहीं होते हैं। अधिकांश लोग यह भी नहीं जानते कि उनको इस तरह की बीमारी के लिए क्या करना चाहिए। कुछ परिस्थितियों में हाइपरटेंशन के कारण लोगों को सिरदर्द या उल्टी की समस्या हो जाती है। यदि अगर आप इन परेशानियों का समय पर इलाज नहीं कराते हैं तो हाइपरटेंशन एक बड़ी बीमारी का रूप ले लेता है। हाइपरटेंशन के कारण स्ट्रोक और हार्ट अटैक जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा भी बढ़ जाता है।
आपको बता दें कि आप हाइपरटेंशन जैसी बीमारियों का आसानी से पता लगा सकते हैं और इस पर कंट्रोल भी कर सकते हैं, लेकिन इस तरह की बीमारियों से बचने के लिए आपको महीने एक बार अपना हेल्थ चेकअप कराना चाहिए। अगर आप हर महीने हेल्थ चेकअप कराते हैं तो आपको किसी भी बीमारी के बारे में शुरुआत में ही पता चल जाएगा और आप डॉक्टर से सलाह लेकर उस बीमारी का सही इलाज करा सकते हैं।
उच्च रक्तचाप के जोखिम कारक और प्रबंधन
हाइपरटेंशन किसी एक समस्या के कारण नहीं होता है। इस बीमारी के होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे आपका लाइफस्टाइल, आयु, पारिवारिक बीमारियां और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, लेकिन इसमें कई कारण ऐसे होते हैं, जिन पर हमारा नियंत्रिण नहीं होता है जैसे पारिवारिक बीमारी। कई बार परिवार के कारण भी बीमारी हो जाती है। जैसे- शुगर, ब्लड प्रेशर आदि। इस तरह की बीमारी कई बार जेनेटिक भी होती है। इस तरह की बीमारियों से बचने के लिए आपको सबसे पहले अपने लाइफ स्टाइल में बदलाव करना होगा। अपने लाइफ स्टाइल में बदलाव करके आप इस तरह की बीमारियों से बच सकते हैं।
इस तरह की बीमारियों से बचने के लिए आपको हेल्थी डाइट प्लान को फॉलो करना चाहिए। आपको कम मात्रा में नमक और हाई पोटेशियम वाले पदार्थों का कम से कम प्रयोग करना चाहिए। अपने भोजन में कम मात्रा में नमक लेने से आप हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से बच सकते हैं। DASH (डायटरी एप्रोच टू स्टॉप हाइपरटेंशन) आहार को इसी तरह के लोगों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इस आहार को खाने से आप हापरटेंशन की समस्या को दूर कर सकते हैं।
इसके अलावा आपको नियमित व्यायाम करना चाहिए। व्यायाम करने से भी हम इन सभी बीमारियों के होने से बच सकते हैं। इसके अलावा जो भी लोग शराब का सेवन करते हैं या धूम्रपान का प्रयोग करते हैं। उन सभी लोगों को इस तरह के नशीले पदार्थों से बचना चाहिए। अगर आप इस तरह के नशीले पदार्थों का सेवन कम कर देते हैं तो इससे रक्तचाप को सामान्य करने में काफी मदद मिलती है।
हाइपरटेंशन और शुगर के मरीजों को कभी भी अपनी दवाई नहीं छोड़नी चाहिए। इस तरह की बीमारी वाले लोगों को अपनी दवाई का नियमित सेवन करना चाहिए। इसके साथ ही समय-समय पर हाई ब्लड प्रेशर और शुगर की जांच भी कराते रहना चाहिए। इसके अलावा आप हाइपरटेंशन और शुगर के चेकअप की मशीन खरीद भी सकते हैं। आजकल बाजार में ये मशीन काफी कम रुपए में मिल जाती है और मशीन खरीदकर आप जब चाहें तब अपने आप चेकअप कर सकते हैं।
हालांकि, अक्सर यह देखा जाता है कि एक बार जब लोगों को इस तरह की बीमारी में थोड़ी राहत महसूस होती है तो मरीज दवाई खाना छोड़ देते हैं। अगर कोई भी मरीज ऐसा करता है तो यह वह भविष्य में किसी बड़ी बीमारी का शिकार बन सकता है। इसलिए इस बीमारी के ठीक हो जाने के बाद भी मरीजों को दवाई का लगातार सेवन करना चाहिए। किसी भी स्थिति में दवाई को नहीं छोड़ना चाहिए। अगर कोई मरीज डॉक्टर के कहने के बाद भी दवाई नहीं लेता है तो इससे दिल के दौरे का खतरा बढ़ सकता है। हाइपरटेंशन को सामान्य स्तर पर रखने के लिए यह बहुत जरूरी है कि आप नियमित रूप से दवाइयों का सेवन करें और चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही भोजन करें।
भारत पर उच्च रक्तचाप का प्रभाव
भारत में हाइपरटेंशन काफी पुरानी बीमारी है। देश के विभिन्न हिस्सों में किए गए अध्ययन के अनुसार भारत के लोग इस बीमारी के बारे में बहुत ज्यादा जागरूक नहीं हैं, जिसके कारण यहां यह बीमारी काफी लोगों में पाई जाती है। भारत में इस तरह की बीमारी से बचने के लिए और लोगों को जागरूक करने के लिए समय-समय पर कैंप भी लगाए जाते हैं।
बीमारियों के अध्ययन के अनुसार, उच्च रक्तचाप के कारण वर्ष 2016 में भारत में कुल 1.63 मिलियन लोगों की मृत्यु हुई है, जबकि वर्ष 1990 में यह आंकड़ा 0.78 मिलियन था जो कि 2016 में लगभग 108 फीसदी अधिक थी। उच्च रक्तचाप के कारण भारत में मरीजों की संख्या 1990 में 21 मिलियन से बढ़कर 2016 में 39 मिलियन हो गई है।
चौथे राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS)और चौथे जिला स्तरीय घरेलू सर्वेक्षण (DLHS) के अनुसार वर्तमान में भारत में लगभग 207 मिलियन लोग हाइपरटेंशन बीमारी से पीड़ित हैं। इनमें 112 मिलियन पुरुष हैं जबकि 95 मिलियन महिलाएं हैं। इन सभी आंकड़ों से पता चलता है कि भारत को हाइपरटेंशन से निपटने के लिए अपनी रणनीतियों को बढ़ाने की आवश्यकता है। इसके साथ ही लोगों को और भी ज्यादा जागरूक करने की जरूरत है।
विश्व उच्च रक्तचाप दिवस
दुनिया भर में लोग और स्वास्थ्य संगठन हाइपरटेंशन के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं। आंकड़ों से मिली जानकारी के अनुसार, यह देखा गया है कि लगभग 1.8 बिलियन लोग वैश्विक स्तर पर हाईपरटेंशन से पीड़ित हैं और उनमें से 50 फीसदी लोग इस बीमारी से पूरी तरह से अनजान हैं। साल 2005 के बाद से, विश्व उच्च रक्तचाप दिवस "साइलेंट किलर" के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए दुनिया भर में हर साल मनाया जाता है। इस साल हाईपरटेंशन के बारे में आम लोगों में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से 17 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस मनाया जाएगा।
नियंत्रण मुश्किल, इसलिए सतर्क रहें
हाइपरटेंशन एक ऐसी बीमारी है, जिसको नियंत्रित करना काफी मुश्किल है। हमें अपने स्वास्थ्य के प्रति थोड़ा सतर्क रहना होगा और अपने ब्लड प्रेशर का समय-समय पर चेकअप कराना होगा। अगर हम सभी लोग इस बात का धायन रखें तो हम इस तरह की बीमारी को काफी हद तक कम कर सकते हैं। इसके साथ ही हमें लोगों को इस बात से अवगत कराना चाहिए कि उच्च रक्तचाप हमारे जीवन को कैसे प्रभावित कर सकता है। अगर हम ऐसा करते हैं तो इससे काफी लोगों को मदद मिल सकती है। इस बार विश्व उच्च रक्तचाप दिवस पर हमें अपने आप से एक वादा करना चाहिए कि सामाज में सभी लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक करेंगे।
(डॉ. बिनीता प्रियंबदा, सीनियर कंसल्टेंट, मेडिकल टीम, डॉकप्राइम.कॉम)