- प्रीमैच्योर डिलीवरी होने के कई कारण होते हैं।
- पहले इसकी संख्या काफी कम थी लेकिन अब ये समस्या बढ़ रही है।
महिलाओं के लिए बेहद खास होता है मां बनने का एहसास। इस अवस्था में उन्हें सबसे ज्यादा ख्याल रखने की जरूरत होती है। क्योंकि इस दौरान वो खुद के साथ-साथ गर्भ में पल रहे बच्चे का भी ख्याल रख रही होती हैं। ऐसे में कई बार महिलाओं में प्रेग्नेंसी के दौरान ऐसी स्थिती आ जाती है, जब उन्हें समय से पहले ही डिलीवरी करवानी पड़ती है। जिसे हम प्रीमैच्योर डिलीवरी कहते हैं। ऐसा होने के पीछे कई कारण होते है।
शिशु मां की कोख में लगभग 40 हफ्तों तक रहता है लेकिन जब उसका जन्म 37 हफ्ते के भीतर हो जाए तो उसे प्रीमैच्योरी बेबी कहते हैं। पहले इसकी संख्या काफी कम थी लेकिन अब ये समस्या धीरे धीरे महिलाओं में बढ़ती जा रही हैं। इसके पीछे-पीछे कहीं ना कहीं हमारी लाइफस्टाइल भी है।
इसके अलावा कई और भी ऐसे मुख्य कारण होते है जिसकी वजह से शिशु प्रीमैच्योर होता है। समय से बहुत पहले पैदा हुए कई शिशु शारीरिक संबधी समस्याएं होने की संभावना ज्यादा होती है और महिलाओं को स्वास्थ्य संबधी दिक्कते आ जाती हैं।
क्यों होती है प्रीमैच्योर डिलीवरी, जानिए इसके मुख्य कारण
- महिला के गर्भ में एक से अधिक शिशु है
- माँ या शिशु को कोई गंभीर रोग या संक्रमण हो गया है।
- अगर महिला के गर्भाशय या गर्भाशय ग्रीव की बनावट में कोइ विकृति है।
- महिला पहले कभी प्रीमैच्योर बेबी को जन्म दे चुकी है।
- अगर महिला 17 साल से कम या 35 वर्ष से अधिक हैं ऐसे में प्रीमैच्योर डिलीवरी की संभावना बढ़ जाती है।
- प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भवती महिला बहुत दुबली या अंडरवेट हो
- महिला में pre-eclampsia यानी अत्यधिक हाई बी.पी, ह्रदय रोग, मधुमेह, किडनी या लिवर डिसीस से भी बच्चा प्रीमैच्योर पैदा होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
- प्रीमैच्योर डिलीवरी संभावना तब बढ़ जाती है जब महिला शराब या ड्रग्स का सेवन करती हो।
- अधिक एबॉर्शन करवाने से या फिर दूसरी तिमाही में बच्चा गिर गया हो, ऐसे में प्रीमैच्योर डिलीवरी की संभावना होती है।