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World Tuberculosis Day 2022: आज है वर्ल्ड टीबी डे, जानें इसका इतिहास और इस बार की थीम

Updated Mar 24, 2022 | 07:36 IST

World Tuberculosis Day 2022 Theme: इस साल ‘विश्व टीबी दिवस 2022’ की थीम ‘इनवेस्ट टू एंड टीबी सेव लाइव्स’ (Invest to End TB. Save Lives)’ है।

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World Tuberculosis Day 2022
मुख्य बातें
  • वर्ल्ड ट्यूबरक्लोसिस डे हर वर्ष 24 मार्च को मनाया जाता है
  • भारत में ट्यूबरक्लोसिस का खतरा अत्यधिक है
  • हर दिन, लगभग 4100 लोग टीबी से अपनी जान गंवाते हैं

World Tuberculosis Day 2022 History: वर्ल्ड ट्यूबरक्लोसिस डे हर वर्ष 24 मार्च को मनाया जाता है और इस दिन लोगों को ट्यूबरक्लोसिस और स्वास्थ्य, समाज और अर्थव्यवस्था पर उसके प्रभाव से जागरूक किया जाता है। दुनिया भर में कई ऐसे संस्थान हैं जो ट्यूबरक्लोसिस के जड़ों को इस दुनिया से हमेशा के लिए मिटाने की कोशिश में जुटे हुए हैं।  

भले ही ट्यूबरक्लोसिस से बचाव के लिए हमारे पास कई सुविधाएं मौजूद हैं लेकिन फिर भी भारत में ट्यूबरक्लोसिस का खतरा अत्यधिक है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत में ओवरक्राउडिंग, खांसने का गलत शऊर और ट्यूबरक्लोसिस से जल्दी प्रभावित होने जैसी समस्याएं हैं। अनियंत्रित डायबिटीज के पेशेंट, एचआईवी पेशेंट, इम्यूनोथेरेपी के पेशेंट, कैंसर से पीड़ित लोग, स्टेरॉयड और मालन्यूट्रिशन के शिकार लोगों पर ट्यूबरक्लोसिस का रिस्क ज्यादा है।

क्या है टीबी डे का इतिहास
इतिहास के अनुसार, 24 मार्च, 1882 को जर्मन फिजिशियन और माइक्रोबायोलॉजिस्ट रॉबर्ट कॉच (Dr. Robert Koch) ने टीबी के बैक्टीरियम यानी जीवाणु माइकोबैक्टीरियम ट्युबरक्लोसिस (Mycobacterium Tuberculosis) की खोज की थी। इस खोज ने इस बीमारी के खिलाफ इलाज ढूंढने में कई मदद की थी। जर्मन माइक्रोबायोलॉजिस्ट को 1905 में नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया। 

जानलेवा बीमारी है टीबी
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, टीबी अभी भी दुनिया की सबसे घातक संक्रामक किलर डिजीज में से एक है। हर दिन, लगभग 4100 लोग टीबी से अपनी जान गंवाते हैं। भारत इस बीमारी से सर्वाधिक प्रभावित एशियाई देश है। 2000 से अब तक टीबी से दुनियाभर में 66 मिलियन लोगों की जान बचाई गई है। 

क्या है इस वर्ष की थीम?
इस साल ‘विश्व टीबी दिवस 2022’ की थीम ‘इनवेस्ट टू एंड टीबी. सेव लाइव्स’ (Invest to End TB. Save Lives)’है इसका शाब्दिक अर्थ टीबी को खत्म करने के लिए निवेश करें…जीवन बचाए’ है. इसका मतलब है कि डब्ल्यूएचओ तपेदिक (टीबी) के खिलाफ लड़ाई में संसाधनों, सहायता, देखभाल और सूचना के तत्काल निवेश का आह्वान करता है।