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Corona के कारण सऊदी अरब में भारतीय नागरिकों का छिना रोजगार, भीख मांगने पर मजबूर, डिटेन्शन सेंटर भेजे गए

Updated Sep 19, 2020 | 12:56 IST

सऊदी अरब में बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक कोरोना वायरस महामारी की मार के कारण बेरोजगार हो गए हैं। उन्हें अपनी जीविका के लिए भीख मांगना पड़ रहा है और उन्हें अधिकारी डिटेन्शन सेंटर भेज रहे हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
सऊदी अरब में कोरोना ने छीना भारतीय कामगारों का रोजगार
मुख्य बातें
  • सऊदी अरब में कोरोना ने छीना भारतीय कामगारों का रोजगार
  • रोजगार छिनने के बाद भारतीय मजदूर सड़क पर आ गए हैं
  • भीख मांगने पर मजबूर भारतीय मजदूरों को डिटेन्शन सेंटर भेजा जा रहा

हैदराबाद : कोरोना महामारी के चलते सऊदी अरब में बड़ी संख्या भारतीय कामगार सड़कों पर आ गए हैं और उन्हें भीख मांगना पड़ रहा है। कोरोना महामारी के कारण पूरी दुनिया लॉकडाउन में है ऐसे में बड़े-बड़े उद्योग कारखाने भी बंद हैं जिसके चलते करोड़ों मजदूरों के रोजगार भी ठप्प पड़ गई है। सऊदी अरब में बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक रोजगार पाने के लिए जाते हैं, लेकिन ताजा खबरों के मुताबिक अरब देश में 450 भारतीय मजदूर काम के अभाव में सड़क पर आ गए हैं और उन्हें भीख मांगने पर मजबूर होना पड़ रहा है।

ताजा जानकारी के मुताबिक बड़ी संख्या में तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, कश्मीर, बिहार, दिल्ली, राजस्थान, कर्नाटक, हरियाणा, पंजाब और महाराष्ट्र के लोग सऊदी अरब में काम करते हैं लेकिन उनका वर्क परमिट एक्सपायर हो गया है जिसके चलते उनके सामने भीख मांगने के सिवा कोई रास्ता नहीं बचा है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें कुछ वर्कर्स को ये कहते हुए सुना गया कि उनका एक ही क्राइम था कि वे भीख मांग रहे थे जिसके बाद सऊदी अधिकारियों ने उन्हें पकड़कर डिटेन्शन सेंटर में डाल दिया। इन डिटेन्शन सेंटरों में सबसे ज्यादा नागरिक उत्तर प्रदेश के हैं और फिर बिहार के हैं।

कई भारतीय नागरिक उनकी प्रताड़ना से तंग आ चुके हैं और वे निराश हो गए हैं। वे बताते हैं कि हमारी नौकरी चली गई ऐसे में हमें भीख मांगने पर मजबूर किया जा रहा है। अब हमें डिटेन्शन सेंटरों में रखा जा रहा है। एक अन्य नागरिक ने बताया कि यहां पर पाकिस्तान, इंडोनेशिया, बांग्लादेश और श्रीलंका के भी नागरिक हैं लेकिन उन्हें उनके देश के अधिकारियों के द्वारा मदद मिल रही है और उन्हें वापस बुलाया जा रहा है लेकिन हमलोग यहां फंसे हुए हैं।

मजदूरों संपर्क में रहने वाले एक व्यक्ति अमजद ने बताया कि हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी को पत्र लिखा है और यहां फंसे 450 भारतीय नागरिकों को वापस भारत बुलाने का अनुरोध कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 2.4 लाख भारतीय नागरिकों ने भारत वापस आने के लिए पंजीकरण करवाया है लेकिन अब तक केवल 40,000 नागरिक ही वापस आ पाए हैं।
 

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