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2020: जब खत्म हुआ सदियों का इंतजार, PM मोदी ने रखी श्री राम जन्मभूमि मंदिर’ निर्माण की आधारशिला

5 August 2020 When PM Modi lays the foundation stone of Ram temple in Ayodhya
Updated Dec 16, 2020 | 19:45 IST

पांच अगस्त 2020 की तारीख भारतीय इतिहास के पन्नों में एक ऐसे कार्यक्रम के लिए याद रखी जाएगी जब बीजेपी ने सदियों से चले आ रहे अपने प्रमुख चुनावी मुद्दे को पूरा किया। पीएम मोदी इस दिन राम मंदिर की नींव रखी थी।

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5 August 2020 When PM Modi lays the foundation stone of Ram temple in Ayodhya5 August 2020 When PM Modi lays the foundation stone of Ram temple in Ayodhya
5 अगस्त, 2020: वह तारीख, जब खत्म हुआ सदियों का इंतजार
मुख्य बातें
  • पांच अगस्त 2020 को पीएम मोदी ने रखी थी अयोध्या में भव्य राम मंदिर की नींव
  • बीजेपी ने सदियों से चले आ रहे अपने पुराने चुनावी मुद्दे को किया पूरा
  • इस कार्यक्रम के दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत और सीएम योगी रहे मौजूद

नई दिल्ली: पांच अगस्त की तारीख भारतीय इतिहास के पन्नों में एक विशेष स्थान रखती है। 2019 में जहां 5 अगस्त को भाजपा सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निरस्त कर विचारधारा से जुड़े अपने एक प्रमुख वादे को पूरा किया था तो वहीं 5 अगस्त 2020 को बीजेपी ने सदियों से चले आ रहे अपने चुनावी वादे को पूरा किया। यह वादा था भव्य राम मंदिर के निर्माण का। दरअसल देश की सबसे बड़ी अदालत ने जब नवंबर 2019 में अयोध्या की विवादित जमीन पर रामलला विराजमान का हक माना तो इसके साथ वर्षों तक चले इस मुद्दे का अंत हो गया और साथ ही राम मंदिर बनने का मार्ग प्रशस्त हो गया। 

पीएम मोदी ने किया था भूमि पूजन
पांच अगस्त 2020 को खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पौराणिक नगरी अयोध्या में भूमि पूजन कर चांदी की ईंट और चांदी के फावड़े से ‘श्री राम जन्मभूमि मंदिर’ निर्माण की आधारशिला रखी। इसके साथ ही बीजेपी का एक प्रमुख चुनावी वादा पूरा हुआ। कोरोना काल में राम मंदिर के लिए आयोजित भव्य भूमि पूजन कार्यक्रम में कई दिग्गज मौजूद रहे। पारंपरिक धोती-कुर्ता पहने पीएम मोदी ने तब भूमि पूजन से पहले हनुमानगढ़ी पहुंचकर हनुमान जी की पूजा-अर्चना की और फिर राम जन्मभूमि क्षेत्र पहुंचकर भगवान राम को दंडवत प्रणाम किया और पारिजात का पौधा लगाया। इसके बाद भूमि पूजन के लिए आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की।  भूमि पूजन समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद रहे थे।

ऐसे हुआ भूमि पूजन
पीएम मोदी ने भूमि पूजन कार्यक्रम के दौरान 9 शिलाओं की पूजा की और फिर नींव रखकर मंदिर की नींव की मिट्टी को अपने माथे पर तिलकस्वरूप लगाया। भूमि पूजन संपन्न होने के बाद पीएम मोदी ने राम मंदिर शिलापट्ट का अनावरण किया और ‘सियावर रामचंद्र’ तथा ‘जय सियाराम’ का नारा लगाकर रामभक्तों को बधाई दी। इस दौरान अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कि कहा कि राम अनेकता में एकता का संदेश देते हैं। उन्होंने कहा कि राम सबके हैं और सब राम के हैं।


राम के अस्तित्व को मिटाने के कई बार हुए प्रयास
इस अवसर पर पीएम मोदी ने एक सभा को सभी संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि श्री राम के अस्तित्व को मिटाने के कई बार प्रयास किए गए लेकिन आज भी वह हमारी संस्कृति का आधार स्तंभ बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि राम मंदिर हमारी संस्कृति, हमारी आस्था, राष्ट्रीय भावना और सामूहिक शक्ति का आधुनिक प्रतीक होगा जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देने का काम करेगा। मंदिर के बनने से संभावनाओं के कई अवसर बनेंगे जिससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव आएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि श्री राम, प्राचीन काल में वाल्मीकि रामायण और तुलसीदास के माध्यम से, मध्यकालीन युग में कबीर और गुरु नानक के माध्यम से और आधुनिक युग में महात्मा गांधी के अहिंसा और सत्याग्रह तथा उनके भजनों के माध्यय से एक मार्गदर्शक प्रकाश के रूप में आज भी मौजूद हैं। 


पूरे देश ने लाइव देखा कार्यक्रम
राम मंदिर के भूमि पूजन का कार्यक्रम तमाम समाचार चैनलों पर लाइव देखा गया और करोड़ों देशवासी इसके साक्षी बने। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट करते हुए देशवासियों को बधाई देते हुए कहा, 'राम-मंदिर निर्माण के शुभारंभ पर सभी को बधाई! मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु राम के मंदिर का निर्माण न्यायप्रक्रिया के अनुरूप तथा जनसाधारण के उत्साह व सामाजिक सौहार्द के संबल से हो रहा है। मुझे विश्वास है कि मंदिर परिसर, रामराज्य के आदर्शों पर आधारित आधुनिक भारत का प्रतीक बनेगा।'

ओवैसी की AIMIM ने कहा- पीएम ने किया उल्लंघन
राम मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में पीएम मोदी के शामिल होने पर विपक्ष ने निशाना साधा था। एआईएमआईएम प्रमुख असदउद्दीन ओवैसी ने तो यहां तक कह दिया कि पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम में शामिल होकर अपनी शपथ का उल्लंघन कर दिया है। ओवैसी ने अपने बयान में कहा था, 'आज लोकतंत्र की हार और हिंदुत्व की जीत का दिन है। प्रधानमंत्री जी, आज मैं भी भावुक हूं क्योंकि मैं नागरिकों की बराबरी और सबके साथ जीने में यक़ीन करता हूं। मैं भावुक हूं क्योंकि 450 वर्षों तक वहां एक मस्जिद थी।'
 

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