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DSP Davinder Singh:आतंकी केस में जम्मू-कश्मीर के निलंबित डीएसपी देविंदर सिंह को मिली जमानत

Updated Jun 19, 2020 | 18:46 IST

Suspended DSP Davinder Singh gets Bail: जम्मू कश्मीर के सस्पेंड डीएसपी देविंदर सिंह को बेल मिल गई है, बताते हैं कि जांच एजेंसी उसके खिलाफ निर्धारित वक्त में चार्जशीट दायर नहीं कर पाई।

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देविंदर सिंह वो शख्स है अपनी कार में आतंकियों को दिल्ली ला रहा था (फाइल फोटो)
मुख्य बातें
  • जम्मू-कश्मीर के निलंबित डीएसपी देविंदर सिंह को बेल मिल गई है
  • आरोपी देविंदर सिंह पर आतंकियों को लॉजिस्टिक पहुंचाने और मदद करने का आरोप
  • जांच एजेंसी गिरफ्तारी से 90 दिनों के अंदर चार्जशीट दायर करने में विफल रही

नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के निलंबित डीएसपी देविंदर सिंह को जमानत दे दी। सिंह को इस साल की शुरुआत में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर हिजबुल मुजाहिदीन के दो आतंकवादियों के साथ गिरफ्तार किया गया था। सिंह के वकील ने यह बताया है, उनके वकील एमएस खान ने कहा कि अदालत ने सिंह और मामले के एक अन्य आरोपी इरफान शफी मीर को जमानत दे दी। 

दोनों को दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ द्वारा दायर एक मामले में अदालत द्वारा राहत दी गई है। खान ने कहा कि कानून के अनुसार जांच एजेंसी गिरफ्तारी से 90 दिनों के अंदर आरोप पत्र दायर करने में विफल रही। उन्हें एक लाख रुपये के निजी बांड और इतनी ही राशि के दो मुचलकों पर यह राहत दी गयी।

आरोपी देविंदर सिंह पर आतंकियों के साथ सांठ-गांठ का आरोप है, उन पर आतंकियों को लॉजिस्टिक पहुंचाने और मदद करने का भी आरोप है, इसी मामले में आरोपी देवेंद्र कुमार को एनआईए ने गिरफ्तार किया था।

देविंदर को 11 जनवरी को कुलगाम में उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब वह अपनी कार से नावेद, आसिफ और वकील इरफान मीर को जम्मू ले जा रहा था। खुफिया सूचना के आधार पर डीआईजी ने उसकी कार को रोका, सूत्रों का कहना है कि इरफान का फोन निगरानी पर था और उसके आधार पर नावेद की गतिविधियों के बारे में पता चला।

वहीं राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि आरोपी जम्मू-कश्मीर डीएसपी दविंदर सिंह एनआईए मामले में न्यायिक हिरासत में है। हमारे पास उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं और नियत समय पर चार्जशीट किया जाएगा।

देविंदर सिंह अपनी कार में आतंकियों को दिल्ली ला रहा था

देविंदर सिंह अपनी कार में आतंकियों को दिल्ली ला रहा था। लेकिन तलाशी अभियान के दौरान वो पकड़ा गया। उससे जब पूछताछ की गई उसके साथ बैठे हुए लोग कौन हैं तो साफ तौर पर वो कुछ भी बता नहीं सका बताते हैं कि कार में जो दो शख्स बैठे थे वो हिज्बुल के खुंखार आतंकी थे। देविंदर सिंह ने पहले तो यह बताया कि वो इस तरह के आतंकियों के जरिए बड़े आतंकियों तक पहुंचने की कोशिश करता था। 

देविंदर सिंह की गतिविधियों पर करीब दो महीने से नजर थी और जब सुरक्षाबलों का पुख्ता हो गया तो उनके ऊपर सघन निगरानी शुरू की गई। इस मामले में एक एक कर चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई थीं। देविंदर सिंह के कई ठिकानों पर छापेमारी में अहम दस्तावेज और नगदी की बरामदगी भी हुई थी। 

देविंदर पूरे साल नियमित रूप से आतंकवादी संगठन से रकम हासिल करता था

मीडिया रिपोर्टों में जांचकर्ताओं के हवाले से कहा गया था कि देविंदर सिंह आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन के पे-रोल पर था। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गत 11 जनवरी को देविंदर सिंह को हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों नावेद बाबा, आसिफ और एक अंडरग्राउड एजेंट के साथ कुलगाम जिले से गिरफ्तार किया था। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि ऐसा नहीं है कि देविंदर ने केवल आतंकवादी नावेद को शरण देने और उसे सुरक्षित पहुंचाने के लिए पैसे लिया है बल्कि वह पूरे साल नियमित रूप से आतंकवादी संगठन से रकम हासिल कर रहा था।

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