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DIPCOVAN: डीआरडीओ ने बनाई कोविड-19 एंटीबॉडी डिटेक्शन किट, जानें इससे जुड़ी जरूरी बातें

Updated May 21, 2021 | 23:43 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

DIPCOVAN किट को वैज्ञानिकों द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया था, इसके बाद दिल्ली के विभिन्न कोविड अस्पतालों में 1000 से अधिक रोगियों के नमूनों पर इसका व्यापक सत्यापन किया गया।

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डिप्कोवैन

नई दिल्ली: रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने एंटीबॉडी की जांच के लिए 'DIPCOVAN' किट बनाई है। यह किट 97% की उच्च संवेदनशीलता और 99% की विशिष्टता के साथ SARS-CoV-2 वायरस के स्पाइक के साथ-साथ न्यूक्लियोकैप्सिड (S&N) प्रोटीन का पता लगा सकती है। प्रोडक्ट को दिल्ली स्थित विकास और विनिर्माण निदान कंपनी, वेंगार्ड डायग्नोस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से विकसित किया गया है। इसे जून के पहले सप्ताह से बाजार में 75 रुपये प्रति टेस्ट की दर से उपलब्ध कराए जाने की उम्मीद है।

DRDO ने बताया, 'इसे वेंगार्ड डायग्नोस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से विकसित किया गया है, जो दिल्ली स्थित विकास और निर्माण निदान कंपनी है। इसे वैज्ञानिकों द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया था, इसके बाद दिल्ली के विभिन्न कोविड 19 अस्पतालों में 1000 से अधिक रोगियों के नमूनों पर व्यापक सत्यापन किया गया।' 

आगे बताया गया कि पिछले एक वर्ष के दौरान उत्पाद के 3 बैच का सत्यापन किया गया। अप्रैल 2021 में ICMR द्वारा एंटीबॉडी डिटेक्शन किट को मंजूरी दी गई है। मई 2021 में उत्पाद के निर्माण को बिक्री और वितरण के लिए DCGI, CDSCO, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय से नियामक अनुमोदन प्राप्त हुआ।'

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जरूरत के समय किट विकसित करने में डीआरडीओ के प्रयासों की सराहना की है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने किट विकसित करने में शामिल टीमों की सराहना की और कहा कि इस पहल से महामारी के दौरान लोगों को मदद मिलेगी। 

DIPCOVAN का उद्देश्य मानव सीरम या प्लाज्मा में IgG एंटीबॉडी का गुणात्मक पता लगाना है, जो SARS-CoV-2 संबंधित एंटीजन को लक्षित करता है। किट की शेल्फ लाइफ 18 महीने है।

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