- उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में अभी तक 43 लोगों की हो चुकी है मौत
- रिपोर्ट में किया गया दावा- हिंसा से एक हफ्ते पहले ट्रैक्टरों में भरवाकर लाई गईं थी ईंटें
- ईंटों को टुकड़ों में तोड़ा गया था और हिंसा के दौरान इस्तेमाल किया गया था- रिपोर्ट
नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून को लेकर उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में अभी तक 43 लोगों की मौत हो गई है जबकि 200 से अधिक घायल बताए जा रहे हैं जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। इस हिंसा को लेकर लगातार नए-नए खुलासे हो रहे हैं। अमर उजाला डाट.कॉम की खबर के मुताबिक, इस हिंसा के लिए ट्रैक्टरों की मदद से एक हफ्ते पहले ही भट्ठों से ईंटे मंगवा ली गई थी।
ईंटों को तोड़कर छतों पर पहुंचाया गया!
खबर के मुताबिक, 'हिंसाग्रस्त मुस्तफाबाद, करावल नगर, चमन पार्क, शिव विहार सहित अन्य इलाकों में हिंसा के एक सप्ताह पहले से ही ईंटों से लदे ट्रैक्टरों को पहुंचाया गया था और और बोरियों में पत्थर रखकर छतों पर पहुंचाकर उनके टुकड़े किए गए थे।' खबर के मुताबिक जो लोग अपने घरों पर ईंटों को एकत्र कर रहे थे उन्होंने कथित तौर पर कहा है कि उन्होंने अपने निर्माण कार्यों के उद्देश्य से बड़ी संख्या में ईंटों का ऑर्डर दिया था। हालांकि, जांच से पता चला है कि इन्हीं ईंटों को टुकड़ों में तोड़ा गया था और हिंसा के दौरान इस्तेमाल किया गया था।
जांच में जुटी पुलिस
खबर के मुताबिक जहां ईंटे रखी गई थीं उन घरों में कोई निर्माण कार्य नहीं हो रहा है। जिन बोरों को निर्माण कार्य के तथाकथित उद्देश्य के लिए वितरित किया गया था वे कई घरों की छतों पर खाली पाए गए। अब ऐसे में सवाल उठता है कि अचानक से ये ईंट के ढेर कैसे आधे हो गए जिसका जवाब जांच के बाद ही मिल सकेगा। पुलिस यह पता लगाने में जुट गई है कि आखिर क्यों इन ईंटों के हफ्ते भर पहले एकत्र किया गया था। पुलिस गाजियाबाद में स्थित उन ईंट भट्टों के मालिकों के संपर्क में है जिनके पास हिंसा से एक हफ्ते पहले इन ईंटों का ऑर्डर मिला था।
630 लोग गिरफ्तार
आपको बता दें कि इस हफ्ते की शुरुआत में उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, चांद बाग, शिव विहार, भजनपुरा, यमुना विहार इलाकों में हुई हिंसा में कम से कम 43 लोगों की जान चली गई और 200 से अधिक लोग घायल हो गए। हिंसा के दौरान बड़े पैमाने पर भीड़ ने संपत्तियों को तोड़फोड़ कर आग के हवाले कर दिया। हिंसा को लेकर कुल 148 प्राथमिकी दर्ज की गयी हैं तथा 630 लोगों को गिरफ्तार किया गया है या हिरासत में लिया गया है