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26 जनवरी की हिंसा पर 'AAP'का कैसा सवाल? MLA सौरभ बोले- पुलिस ने किसानों को पीटा, उसकी बातों पर भरोसा नहीं

Updated Jan 30, 2021 | 13:31 IST

गणतंत्र दिवस के दिन राजधानी दिल्ली में हुई हिंसक घटना को लेकर अब अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने पुलिस की भूमिका पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं।

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26 जनवरी की हिंसा पर 'AAP' बोली- पुलिस ने किसानों को पीटा
मुख्य बातें
  • दिल्ली हिंसा को लेकर आम आदमी पार्टी ने दिल्ली पुलिस को लिया निशाने पर
  • पुलिस की मौजूदगी के अंदर हमले कराए गए- सौरभ भारद्वाज
  • आम आदमी पार्टी बोली- पुलिस की बात पर नहीं करते हैं भरोसा

नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर आम आदमी पार्टी ने अब पुलिस पर ही सवाल खड़े किए हैं। आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि पुलिस की मौजूदगी में किसानों पर हमले कराए गए इसलिए पुलिस के वर्जन पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। लेकिन सौरभ भारद्वाज के इस दावे पर इसलिए भी सवाल उठते हैं क्योंकि इस घटना में सबसे अधिक कोई घायल हुए हैं तो वो पुलिसकर्मी ही हुए हैं और लालकिले पर किस तरह से पुलिस कर्मियों ने अपनी जान बचाई उसका वीडियो सभी ने देखा।

पुलिस पर भरोसा नहीं

मीडिया से बात करते हुए आम आदमी पार्टी के ग्रेटर कैलाश से विधायक ने पुलिस की भूमिका पर ही सवाल खड़े करते हुए कहा, 'किसानों के ऊपर हमले किए, पुलिस की मौजूदगी के अंदर हमले कराए गए। पुलिस ने घेर-घेरकर निहत्थे किसानों को पीटा। ऐसी बहुत वारदातें हैं और ऐसी वारदातों में हो सकता है कि एक वारदात ऐसी भी हो जहां किसी को 15 आदमी घेरकर मार रहे हों और उसने अपनी आत्मरक्षा में कुछ किया हो। पूरी की पूरी वीडियो देखी जानी चाहिए, उसके बाद उसपर फैसला किया जाना चाहिए। सिर्फ पुलिस के वर्जन पर मैं इस बात पर भरोसा नहीं करूंगा कि पुलिस जो कह रही है वो मैं मान लू। पुलिस जो कहती है वो सरकारी वर्जन होता है। जो सरकार कहेगी वो पुलिस करेगी।'

पुलिस का बयान

पुलिस ने एक बयान में कहा, ''विशेष प्रकोष्ठ 26 जनवरी को हुईं दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की साजिश और आपराधिक मंसूबों की जांच कर रहा है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि सुरक्षा बलों से हिंसक झड़प करने, ऐतिहासिक धरोहर की पवित्रता को तार-तार करने और गणतंत्र दिवस के मौके पर सरकार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदा कराने के लिये दिल्ली पुलिस तथा किसान संगठनों के बीच बनी सहमति को पूर्व नियोजित तथा सोची-समझी साजिश के तहत दरकिनार किया गया।' पुलिस के इस बयान के अलाव कई किसान नेताओं के भड़काऊं वीडियो भी सामने आ चुके हैं।

आंदोलन हुआ राजनैतिक

दरअसल जिस तरह से अब आंदोलन को लेकर बयानबाजी या मंच पर भाषणबाजी हो रही है उससे साफ है कि यह आंदोलन अब राजनीतिक हो गया है। इसकी एक झलक तब भी देखने को मिली जब किसानों के गाजीपुर स्थित मंच पर जहां नेताओं को नहीं आने दिया जा रहा था वहां अब तमाम नेता पहुंच रहे हैं। शुक्रवार को ही दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुडा, आरएलडी नेता जयंत चौधरी, भीम आर्मी के चंद्रशेखर सहित कई और भी नेता पहुंचे। इतना ही नहीं मुज्जफरनगर में आयोजित महापंचायत में भी नेतागण पहुंचे। जिससे साफ है कि आंदोलन अब पूरी तरह से राजनीतिक हो गया है।

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