- कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने चीन को दिया करारा जवाब
- बोले-हमारे हथियार अंडे देने के लिए नहीं हैं, चीन को उसी भाषा में दे जवाब
- गलवान घाटी की हिंसा के बाद सीमा पर भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ा
नई दिल्ली : लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद का सत्र शुरू होने से पहले देश को संबोधित करने की मांग की है। कांग्रेस नेता ने कहा कि पीएम को अपने इस संबोधन में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की वास्तविक स्थिति के बारे में बताना चाहिए। देश प्रधानमंत्री और बहादुर जवानों के साथ खड़ा है। चौधरी ने कहा कि चीन लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक घुसपैठ कर रहा है जो कि चिंता की बात है। कांग्रेस नेता ने कहा कि भारत को वही भाषा बोलनी चाहिए जो चीन को समझ में आ जाए।
कांग्रेस नेता ने कहा, 'सरकार इस विवाद का हल कूटनीतिक बातचीत के जरिए निकालना चाहती है। कूटनीतिक बातचीत करने में कोई बुराई नहीं है लेकिन स्थितियां बिगड़ रही हैं। चीन हमें डराना चाहता है लेकिन हम डर जाने वालों में से नहीं हैं। हमें वही भाषा बोलनी चाहिए जो उन्हें समझ में आए। हमारे हथियार अंडे देने के लिए नहीं रखे हैं।'
चौधरी ने आगे कहा, 'सरकार के बयानों के बावजूद लद्दाख सीमा पर तनाव का बढ़ना जारी है। चीन की घुसपैठ रुक नहीं रही है। चीन ने आक्रामक रवैया दिखाया है। यह आम लोगों में तनाव बढ़ा रहा है। हमारी सेना के जवान चीनी घुसपैठियों को वापस भेजने में समर्थ हैं।'
पहले भी चीन पर निशाना साध चुके हैं चौधरी
चौधरी ने गत मई में भी चीन पर निशाना साधा था। कांग्रेस नेता ने भारत सरकार से ताइवान को औपचारिक राजनयिक दर्जा देने की मांग की थी। उन्होंने सरकार को चीन से सावधान रहने के लिए कहा था। साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय सेना यह अच्छी तरह जानती है कि जहरीले सांप का दांत कैसे तोड़ा जाता है। हालांकि कांग्रेस ने चौधरी के इस बयान से खुद को अलग कर लिया जिसके बाद उन्हें अपना ट्वीट डिलीट करना पड़ा।
सीमा पर तनाव की स्थिति
गत 15 जून को भारत और चीन के सैनिकों के बीच गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई। इस खूनी टकराव में भारत के 20 जवान शहीद हो गए। गलवान घाटी की घटना के बाद भारत और चीन के बीच तनावपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं। सीमा पर शांति एवं सौहार्द की बहाली के लिए दोनों देशों के बीच कूटनीतिक एवं सैन्य स्तर की बातचीत चल रही है। बावजूद इसके वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध बना हुआ है। सीमा पर दोनों देशों की सेना कई जगहों पर आमने-सामने हैं। ताजा रिपोर्टों के मुताबिक चीन ने एलएसी के पास अपने सैनिकों की संख्या में इजाफा किया है।