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'हम ऐसे लोग हैं जिनके पास कोई देश नहीं', दिल्ली में UNHCR दफ्तर के बाहर अफगान नागरिकों की पीड़ा

Updated Aug 24, 2021 | 06:58 IST

Afghanistan Crisis : भारत पहुंचे अफगान नागरिक पिछले कई दिनों से यूएनएचआरसी दफ्तर के सामने शरणार्थी का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। वे अपने पुनर्वास की मांग कर रहे हैं।

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अफगान नागरिक अपने लिए पुनर्वास की मांग कर रहे हैं।
मुख्य बातें
  • अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद अन्य देशों में शरण ले रहे अफगान नागरिक
  • अफगानिस्तान छोड़कर बड़ी संख्या में भारत पहुंचे हैं अफगान नागरिक, मांग रहे शरणार्थी दर्जा
  • नागरिकों का कहना है कि यूएनएचआरसी को उनके लिए किसी तीसरे देश में व्यवस्था करनी चाहिए

नई दिल्ली : अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा हो जाने के बाद वहां से भागकर दिल्ली पहुंचे अफगान नागरिक दिल्ली में यूएनएचसीआर दफ्तर के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। इन नागरिकों की मांग है कि उन्हें शरणार्थी कार्ड और किसी तीसरे देश में उनके पुनर्वास की व्यवस्था की जाए। पिछले कई दिनों से दिल्ली के वसंत विहार स्थित यूएनएचआरसी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे इन नागरिकों का कहना है कि वे बेघर हो गए हैं और उनका भविष्य अधर में लटक गया है। अफगान लोगों का कहना है कि वे ऐसे लोग हैं जिनके पास कोई देश नहीं है। 

यूएनएचसीआर का कहना है कि वह मदद करेगा 
शरणार्थी का दर्जा दिए जाने की बढ़ती मांग को देखते हुए यूएनएचसीआर ने कहा है कि ऐसे लोगों को यूएनएचसीआर अथवा यूएनएचसीआर की सहयोगी संस्थाओं से संपर्क करने की जरूरत है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक यूएनएचसीआर ने कहा, 'मौजूदा समय में एक प्रतिशत से कम शरणार्थियों को दुनिया भर में पुनर्वास किया गया है। ऐसा सीमित स्थानों की वजह से है। इसे देखते हुए जो सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं उन्हें पहले शरणार्थी का दर्जा दिया जाता है।' संयुक्त राष्ट्र की संस्था का कहना है कि वह अफगानिस्तान शरणार्थियों को दिया जाने वाला अपना मदद बढ़ाने के साथ-साथ जो सबसे अधिक असुरक्षित हैं उन्हें अपनी प्राथमिकता में ले रही है। 


 
रेजिडेंट वीजा जारी करने की मांग
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि 'हमें भविष्य चाहिए', 'हमें न्याय चाहिए', 'अब और खामोशी नहीं' जैसे नारे लगाए और ताली बजाकर एक-दूसरे का उत्साह बढ़ाया। कुछ लोग ‘यूएन जिनेवा हेल्प अफगान रिफ्यूजी’ और ‘सभी अफगान शरणार्थियों के लिए रेजिडेंट वीजा जारी करें’ जैसे संदेश वाले बैनर लिए हुए थे। कमेटी के प्रमुख अहमद जिया गनी ने बताया कि भारत में लगभग 21,000 अफगान शरणार्थी हैं, जिनमें से केवल 7,000 के पास वैध दस्तावेज (ब्लू पेपर) या कार्ड हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत में अफगानों का जीवन बहुत अच्छा नहीं है, और शायद ही कोई अवसर है। हमें किसी तीसरे देश में जाने तथा अपने और अपने बच्चों के लिए बेहतर भविष्य की तलाश करने का अवसर क्यों नहीं मिलना चाहिए। यूएनएचसीआर को हमारी अपील पर विचार करना चाहिए।’

भारत में बड़ी संख्या में पहुंचे हैं अफगान नागरिक  
अफगानिस्तान पर तालिबान का नियंत्रण हो जाने के बाद वहां के हालात तेजी से बिगड़े हैं। दुनिया के देशों ने अपने नागरिकों एवं राजनयिकों को वहां से निकालना शुरू किया है। बड़ी संख्या में अफगान नागरिक भी देश छोड़कर दुनिया के अन्य देशों में शरण ले रहे हैं। अफगान नागरिक भारत भी पहुंचे हैं। भारत विमान के जरिए अपने नागरिकों को अफगानिस्तान से निकाल रहा है। भारत पहुंचे अफगान नागरिकों ने अपनी पीड़ा दुनिया के सामने रखी है। वे दुनिया से अपने मुल्क को बचाने की अपील कर रहे हैं। उनका कहना है कि तालिबान लोगों पर अच्याचार एवं उनकी हत्या कर रहा है। 

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