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CeraweeK Award 2021: सेरावीक अवार्ड से नवाजे गए पीएम मोदी, जानें क्या कुछ कहा

Updated Mar 05, 2021 | 23:23 IST

कैम्ब्रिज एनर्जी रिसर्च एसोसिएट्स वीक सेरावीक के वैश्विक ऊर्जा और पर्यावरण नेतृत्व पुरस्कार से नवाजे जाने के बाद प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि जलवायु परिवर्तन और आपदा दुनिया के समक्ष बड़ी चुनौतियां हैं

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सेरावीक अवार्ड से नवाजे जाने के बाद पीएम मोदी का खास संबोधन

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत जलवायु लक्ष्यों को निर्धारित समय से पहले हासिल करने की दिशा में अग्रसर है क्योंकि देश ने ऊर्जा कौशल माध्यमों को अपनाया और ऊर्जा उत्पादन के लिए अपव्ययों का इस्तेमाल कर रहा है ।कैम्ब्रिज एनर्जी रिसर्च एसोसिएट्स वीक (सेरावीक) के वैश्विक ऊर्जा और पर्यावरण नेतृत्व पुरस्कार से नवाजे जाने के बाद प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि जलवायु परिवर्तन और आपदा दुनिया के समक्ष बड़ी चुनौतियां हैं।

ऊर्जा संकट से निपटने के लिए व्यवहार परिवर्तन जरूरी
सरकार द्वारा इस दिशा में उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों ही आपस में संबंधित हैं और सक्षम नीतियों, कानूनों, नियमों और आदेशों के जरिए इन चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटा जा सकता है। उन्होंने कहा कि इनसे निपटने का एक और शक्तिशाली तरीका है और वह है व्यवहार परिवर्तन।प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय परम्पराओं में यह सीख निहित है कि प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग तर्कसंगत तरीके से किया जाए।

वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने यह सम्मान स्वीकार किया और इसे भारत की जनता को समर्पित किया।इस अवसर पर अपने संक्षिप्त संबोधन में उन्होंने कहा, ‘‘मैं बहुत विनम्रता के साथ सेरावीक वैश्विक ऊर्जा और पर्यावरण नेतृत्व पुरस्कार को स्वीकार करता हूं। मैं इस पुरस्कार को अपने महान देश की जनता को समर्पित करता हूं। मैं यह पुरस्कार अपनी भूमि की महान परम्परा को समर्पित करता हूं जिसने पर्यावरण को हमेशा राह दिखाई है।

2025 तक भारत में 20 फीसद इथानॉल मिलाने का लक्ष्य
प्रधानमंत्री ने कहा कि पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथानॉल मिलाने के लक्ष्य को 2025 तक बढ़ा दिया गया है वहीं नगरपालिकाओं और कृषि अपव्ययों को ऊर्जा में तब्दील करने के लिए 5000 सम्पीड़ित बायो गैस संयंत्रों की स्थापना की जाएगी।उन्होंने कहा कि एलईडी बल्ब के उपयोग को बढ़ावा देने से 38 मिलियन टन कार्बन उत्सर्जन बचाने में मदद मिली है।उन्होंने बताया कि गैर जीवाश्म स्रोतों के जरिए ऊर्जा बचाने की हिस्सेदारी बढ़कर 38 फीसदी पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए भारत ने पिछले साल अप्रैल में भारत-छह उत्सर्जन नियमों को लागू किया।उन्होंने कहा, ‘‘पेरिस समझौते के लक्ष्यों को 2030 की निर्धारित समय सीमा से पहले ही हासिल कर लेने की दिशा में भारत आगे बढ़ रहा है।’’

2016 में सेरावीक वैश्विक ऊर्जा और पर्यावरण लीडरशीप पुरस्कार शुरू
सेरावीक वैश्विक ऊर्जा और पर्यावरण लीडरशीप पुरस्कार की शुरुआत 2016 में हुई थी। वैश्विक ऊर्जा और पर्यावरण के क्षेत्र में प्रतिबद्ध नेतृत्व के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है।डॉक्टर डेनिएल येरगिन ने 1983 में सेरावीक की स्थापना की थी। इसकी स्थापना के बाद से प्रत्येक साल मार्च महीने में हृयूस्टन में सेरावीक का आयोजन होता है। इसकी गिनती विश्व के अग्रणी ऊर्जा मंचों में होती है। इस साल यह आयोजन डिजिटल तरीके से एक से पांच मार्च तक हो रहा हैं।

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