- एमएसएमई सेक्टर में 90 लाख लोगों को रोजगार देगी योगी सरकार
- बैंकर्स देंगे हर इच्छुक उद्यमी को उदार शर्तों पर लोन, -आयोजित होंगे लोन मेले
- नई इकाई लगाने वालों के लिए शिथिल और पारदर्शी होंगे सारे नियम
लखनऊ: कोरोना संकट के बीच जारी आर्थिक संकट को देखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लगातार ताबड़तोड़ फैसले ले रही है। इन फैसलों के जरिए योगी की कोशिश है कि प्रदेश में बाहर के देशों के निवेशक आए जिससे यूपी में रोजगार बढ़ सके। दरअसल राज्य में आर्थिक गतिविधियां शुरू करने के साथ योगी सरकार की नजर उन विदेशी कंपनियों पर हैं जो कोविड-19 संकट की वजह से चीन छोड़ रही हैं या छोड़ चुकी हैं। इसी दिशा में सबसे पहले राज्य सरकार ने श्रम कानूनों में सुधार करते हुए इनमें बदलाव किए अब सरकार ने लघु उद्योगों में सुधार करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं।।
90 लाख रोजगार
योगी सरकार उत्तर प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) और एक जिला एक उत्पाद के जरिए सरकार करीब 90 लाख अतिरिक्त रोजगार के अवसर मुहैया कराएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि हर एमएसएमई में रोजगार का एक अतिरिक्त अवसर पैदा किया जाय। यूपी की बात करें तो फिलहाल राज्य में एमएसएमई की 90 लाख इकाइयां भी हैं। सरकार नयी इकाइयां लगाने वालों के लिए भी पर्यावरण के साथ सभी तरह के अनापत्ति प्रमाणपत्रों के नियमों में सुधार कर सरल बनाएगी तांकि किसी भी बिजनसमैन को दिक्कत ना हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि पारदर्शिता के लिए ये सारे प्रमाणपत्र सिंगल विंडो प्रणाली से तय समय में मिलेंगे।
एमएसएमई सेक्टर का हब बनेगा यूपी
मुख्यमंत्री योगी ने एक लक्ष्य तय किया है जिसके मुताबिक वह यूपी में एमएसएमई सेक्टर को पहले की तरह खड़े करना चाहते हैं। कोरोना के मौजूदा संकट ने हमको यह अवसर दिया है। हम इसे चुनौती के रूप में स्वीकार कर प्रदेश को एमएसएमई सेक्टर का हब बनाएंगे। इससे न्यूनतम पूंजी, न्यूनतम जोखिम में स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार मिलेगा। साथ ही नये उप्र का निर्माण भी होगा।
हर जिले में लोन मेले
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि इस सेक्टर के तहत इकाई लगाने वाले उद्यमी 1000 दिनों के आखिरी सौ दिनों में आवेदन कर अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकेंगे। इकाई लगाने वाले हर उद्यमी को आसान शर्तों पर बैंकर्स लोन देंगे। इसके लिए हर जिले में 12 से 20 मई तक विशाल लोन मेले आयोजित होंगे। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी की बैठक में बैंकर्स को इस बाबत निर्देश दिये जा चुके हैं।