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बिहार में रोहतास के बाद अब बांका में चोरी हुआ पुल, किसी को भनक भी नहीं लगी

Updated May 03, 2022 | 17:01 IST

bridge stolen in Banka: बिहार के बांका से भी पुल चोरी का एक मामला सामने आया है, खास बात ये की इस मामले की किसी को भनक भी नहीं लगी।

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बिहार में रोहतास के बाद अब बांका में चोरी हुआ पुल 

नई दिल्ली: बिहार में चोरों के हौंसले इतने बुलंद हैं कि क्या कहा जाए, अब  बांका के चानन प्रखंड से पुल चोरी का मामला सामने आया है, यहां भी चोर लोहे के पुल को टुकड़ों में काटकर उसकी चोरी कर रहे हैं, लेकिन इसकी भनक किसी को भी नहीं लगी बताते हैं कि चोर करीब 14 साल पुराने लोहे के पुल का काफी हिस्सा काटकर ले गए। 

पुल के साइड और फुटपाथ का ज्यादातर हिस्सा गायब है बताते हैं कि ये चोर रोज-रोज पुल का कुछ हिस्सा चोरी कर ले जा रहे हैं। इस कारण अब पैदल चलना भी उस पर मुश्किल हो गया वहीं अफसर मामले में जांच की बात कह रहे हैं।

रोहतास और जहानाबाद के बाद पुल चोरी की यह तीसरी घटना

रोहतास और जहानाबाद के बाद पुल चोरी की यह तीसरी घटना है, पुल चोरी की घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। कांवड़िया पथ के झाझा और पटनिया को जोड़ने वाले इस पुल का उद्घाटन 2008 में हुआ था। बाढ़ की स्थिति में श्रद्धालुओं को देवघर जाने में इस रास्ते से ही गुजरना पड़ता था। कांवड़ियों की सुविधा को देखते हुए उस समय प्रशासन ने इसका निर्माण कराया था।

चोरों ने ब्रिज को काटने के लिए गैस कटर, जेसीबी का इस्तेमाल किया था 

वहीं अप्रैल में भी ऐसा ही मामला सामने आया था, बिहार के रोहतास से एक ऐसी खबर आई थी चोरों ने 60 फीट लंबे ब्रिज काटकर चुरा ले गए थे और प्रशासन को भनक तब लगी जब ग्रामीणों ने जानकारी दी थी। सिंचाई विभाग के जूनियर इंजीनियर अरशद कमाल शम्सी का  कहना है कि गांव वालों ने बताया कि जो लोग स्टील के ब्रिज को काट रहे थे उन्होंने खुद के बारे में मैकेनिकल विभाग का कर्मचारी बताया था और उसकी वजह से किसी को शक नहीं हुआ। चोरों ने ब्रिज को काटने के लिए गैस कटर, जेसीबी का इस्तेमाल किया था। 

चोर विश्वास के साथ बताते भी थे कि उनका संबंध मैकेनिकल डिपार्टमेंट से हैं

ग्रामीणों का कहना है कि पहले तो उन्हें लगा कि जो लोग पुल को काटने का काम कर रहे हैं वो किसी विभाग से होंगे। पूछने पर चोर विश्वास के साथ बताते भी थे कि उनका संबंध मैकेनिकल डिपार्टमेंट से हैं। लेकिन कहीं न कहीं शक होता था। जब तक लोगों को लगा कि जो लोग पुल काटने का काम कर रहे हैं वो किसी सरकारी विभाग से नहीं है तब तक वो अपना काम कर चुके थे। पुल के कटने के बाद लोगों ने प्रशासन को जानकारी दी और उसके बाद पता चला कि ब्रिज काटने वाले चोर थे। 

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