- कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े किसान
- सरकार कानूनों में संशोधन को तैयार
- सरकार के प्रस्ताव को किसानों ने खारिज कर दिया
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बुधवार को प्रदर्शनकारी किसानों के पास कृषि कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव भेजा, जिसे किसानों ने खारिज कर दिया। इसके बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। सूत्रों की मानें तो इस बैठक में आगे की रणनीति पर चर्चा की गई। सरकार ने किसानों को लिखित आश्वासन देने का प्रस्ताव दिया कि खरीद के लिए वर्तमान में जारी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की व्यवस्था जारी रहेगी। सरकार ने कम से कम सात मुद्दों पर आवश्यक संशोधन का प्रस्ताव भी दिया है, जिसमें से एक मंडी व्यवस्था को कमजोर बनाने की आशंकाओं को दूर करने के बारे में है।
सूत्रों ने बताया कि कृषि मंत्री ने किसानों द्वारा सरकार के प्रस्ताव को खारिज करने के बाद गतिरोध को खत्म करने के लिए गृह मंत्री के साथ संभावित तरीके पर चर्चा की। बैठक में रेल, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी उपस्थित थे।
तेज करेंगे आंदोलन
सरकार के प्रस्ताव को खारिज करते हुए किसानों ने ऐलान किया है कि वे 12 दिसंबर को जयपुर-दिल्ली और दिल्ली-आगरा एक्सप्रेस-वे को बंद करेंगे और 14 दिसंबर को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन कर आंदोलन को तेज करेंगे। किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा कि सरकार के प्रस्ताव में कुछ भी नया नहीं है और संयुक्त किसान समिति ने बुधवार को अपनी बैठक में इसे पूरी तरह खारिज कर दिया।
वार्ता पर विचार कर सकते हैं किसान
किसान नेताओं ने प्रस्ताव को देश के किसानों का अपमान करार दिया। उन्होंने हालांकि कहा कि सरकार अगर वार्ता के लिए नया प्रस्ताव भेजती है तो वे उस पर विचार कर सकते हैं। उत्तर भारत के सभी किसानों के लिए 14 दिसंबर को 'दिल्ली चलो' का आह्वान किया गया है जबकि दक्षिण में रहने वाले किसानों से जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन के लिए कहा गया है। देश के सभी टोल प्लाजा को 12 दिसंबर को टोल-फ्री (कर मुक्त) किया जाएगा।